ओडिशा में हाथी गलियारों के मामले में कार्रवाई न करने पर कोर्ट ने जताई नाराजगी

यहां पढ़िए पर्यावरण सम्बन्धी मामलों के विषय में अदालती आदेशों का सार
फोटो : विकिमीडिया कॉमन्स
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ओडिशा में हाथी गलियारों को अधिसूचित करने के अदालत के आदेश का पालन न करने के मामले में एनजीटी ने नाराजगी व्यक्त की है। इसके लिए कोर्ट ने प्रधान मुख्य वन संरक्षक और ओडिशा के मुख्य वन्यजीव वार्डन को फटकार लगाई है।

मामले में ट्रिब्यूनल ने 14 मार्च 2023 को प्रधान मुख्य वन संरक्षक और मुख्य वन्यजीव वार्डन, ओडिशा को नोटिस जारी करने का निर्देश दिया है। साथ ही उन्हें एक व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल करने का भी निर्देश दिया है, जिसमें उनसे पूछा है कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल एक्ट 2010 की धारा 26 के तहत उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की जाए। इस मामले में अगली सुनवाई 6 अप्रैल, 2023 को होगी।

गौरतलब है कि एनजीटी ने 17 अगस्त, 2021 को अधिकारियों को एशियन नेचर कंजर्वेशन फाउंडेशन (एएनसीएफ) और एक्शन प्लान द्वारा पहचाने गए एलीफैंट कोर्रिडोर्स (हाथी गलियारों) को अधिसूचित करने के संबंध में दो महीने के भीतर हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया था। हालांकि इस मामले में अभी तक कार्रवाई नहीं की गई और न ही रिपोर्ट कोर्ट के सामने रखी गई है।

सुंदरबन में नाव पलटने से फैली राख, पर्यावरण को होते नुकसान को देखते हुए एनजीटी ने दिए जांच के निर्देश

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने नाव पलटने से हुए फ्लाई-ऐश प्रदूषण के मामले में जांच के निर्देश दे दिए हैं। इसके लिए कोर्ट ने 13 मार्च, 2023 को पर्यावरण विभाग के प्रधान सचिव, पश्चिम बंगाल राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (आईडब्ल्यूएआई) को इस मामले में ताजा जानकारियों के साथ स्थिति रिपोर्ट तलब की है।

मामला पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले में फ्लाई-ऐश के प्रदूषण से जुड़ा है। डायमंड हार्बर के कुलपी ब्लॉक में निश्चिंतपुर गांव के पास फ्लाई ऐश से भरी एक नौका के पलट जाने से संबंधित है। जहां डायमंड हार्बर के कुलपी ब्लॉक में निश्चिंतपुर गांव के पास फ्लाई ऐश से भरी एक नौका पलट गई थी।

आरोप है कि यह नाव फ्लाई-ऐश को भारत से बांग्लादेश ले जा रही थी, जो दुर्घटनावश पलट गई। इसके पलटने से फ्लाई-ऐश समुद्र में फैल गई। नतीजन हुई पर्यावरणीय आपदा में सुंदरवन की नदी पारिस्थितिकी को गंभीर नुकसान पहुंचा है। यह हादसा 25 फरवरी 2023 को हुआ था। इस मामले में दक्षिण बंग मत्स्यजीबी फोरम द्वारा 1 मार्च, 2023 को एनजीटी के समक्ष आवेदन दायर किया गया था।

बैतरणी नदी के किनारे होता अवैध बालू खनन, एनजीटी ने दिए जांच के निर्देश

बैतरणी नदी के किनारे होते अवैध बालू खनन के मामले में एनजीटी ने जांच के निर्देश दिए हैं। मामला ओडिशा के जाजपुर जिले के सलाबा गांव का है। इसके लिए एनजीटी की पूर्वी पीठ ने एक समिति गठित करने के निर्देश दिए हैं।

आरोप है कि बैतरणी नदी से अवैध रेत खनन किया जा रहा है। पता चला है कि वहां पर्यावरण मंजूरी में निर्धारित शर्तों का उल्लंघन कर भारी ट्रक लगातार गांव की सड़क से बालू ले जा रहे हैं।

संबलपुर में जेएसडब्ल्यू (बीपीएसएल) पावर एंड स्टील के चलते हो रहा है बड़े पैमाने पर वायु प्रदूषण

ओडिशा के संबलपुर में जेएसडब्ल्यू (बीपीएसएल) पावर एंड स्टील प्लांट के चलते बड़े पैमाने पर वायु प्रदूषण हो रहा है। ऐसे में इलाके के आसपास रहने वाले किसानों द्वारा दायर की गई शिकायत पर कार्रवाई करते हुए, एनजीटी ने तीन सदस्यीय समिति को रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।

कोर्ट ने इस रिपोर्ट को चार सप्ताह के भीतर सबमिट करने का निर्देश दिया है, जिसमें पर्यावरण को हुए नुकसान के साथ-साथ, उससे बचाव के लिए किए जाने वाले उपायों का उल्लेख करना है। साथ ही एनजीटी ने 13 मार्च 2023 को अधिकारियों को अपने जवाबी हलफनामे में यह बताने का भी निर्देश दिया है इससे पहले आवेदकों द्वारा की गई शिकायत पर क्या कार्रवाई की गई है और अगर कोई कार्रवाई नहीं की गई तो क्यों नहीं की गई, इसका कारण पूछा है।

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