पेड़ों की कटाई और सुरक्षा के लिए नीतियां और दिशानिर्देश बनाएं पंजाब: एनजीटी

यहां पढ़िए पर्यावरण सम्बन्धी मामलों के विषय में अदालती आदेशों का सार
पेड़ों की कटाई और सुरक्षा के लिए नीतियां और दिशानिर्देश बनाएं पंजाब: एनजीटी
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नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने पंजाब के मुख्य सचिव को निर्देश दिया है कि वो कटे/काटे गए पेड़ों के स्थान पर नए पेड़ लगाने के लिए नीतियां और दिशानिर्देश तैयार करने के लिए वन विभाग को उचित निर्देश जारी करें।

ट्रिब्यूनल का सुझाव है कि संबंधित अधिकारियों द्वारा आवश्यक और विचार किए गए कुछ अन्य संशोधनों के अलावा, इसके लिए तौर-तरीकों को वृक्ष संरक्षण अधिनियम, दिल्ली से अपनाया जा सकता है।

कोर्ट का कहना है कि इस बीच, वन विभाग को ऐसी घटनाओं के संबंध में उचित कार्रवाई करनी चाहिए और पेड़ों की कटाई और सुरक्षा के लिए उचित उपाय करने चाहिए। आदेश में यह भी कहा गया है कि तैयार की गई नीतियां और दिशानिर्देश तीन महीने के भीतर ट्रिब्यूनल को सौंपे जाने चाहिए।

गौरतलब है कि मामला पेड़ों को काटने और राज्य अधिकारियों द्वारा कार्रवाई न करने से पर्यावरण (संरक्षण) नियम, 1986 और भारतीय संविधान के अनुच्छेद 51 ए के उल्लंघन से जुड़ा है। इस मामले को ट्रिब्यूनल द्वारा उठाया गया था और प्रधान मुख्य वन संरक्षक (एचओएफएफ), पंजाब, साहिबजादा अजीत सिंह नगर की संयुक्त समिति से एक रिपोर्ट मांगी गई थी।

अपने जवाब में कहा है कि सरकार का कहना है कि पेड़ों की अवैध कटाई/छंटाई में शामिल अपराधियों को दंडित करने के लिए कोई कानूनी प्रावधान या तंत्र नहीं है। लुधियाना नगर निगम ने कार्रवाई के लिए पुलिस को घटना की सूचना दी थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि पेड़ों की कटाई पंजाब कृषि विश्वविद्यालय के परिसर में हुई थी, जहां एक संपदा अधिकारी द्वारा इन पेड़ों की नीलामी की गई थी और यूकेलिप्टस, पोपलर, सिरिस और शीशम के पेड़ काटे गए हैं।

समिति ने यह भी पाया है कि अन्य प्रजातियों के आठ पेड़ों को छोड़कर शेष सभी पेड़ यूकेलिप्टस और पोपलर प्रजाति के थे। इसके अलावा मुख्य परिसर में 410 नए पेड़ लगाए गए हैं और उनका रखरखाव किया जा रहा है। समिति ने सिफारिश की थी कि वन विभाग को ऐसी गतिविधियों के लिए नीति और दिशानिर्देश तैयार करने का निर्देश दिया जाना चाहिए।

गुरुग्राम के उद्योग विहार में खुले में फेंका जा रहा कचरा, एनजीटी ने समिति को मामले की जांच का दिया निर्देश

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने संयुक्त समिति को निर्देश दिया है कि वो ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियम, 2016 के उल्लंघन और गुरुग्राम के उद्योग विहार में सड़कों या खुले क्षेत्र में कचरा डंप करने के आरोपों पर एक रिपोर्ट प्रस्तुत करे।

अदालत ने समिति को मौके का दौरा कर चार सप्ताह के भीतर तथ्यात्मक एवं कार्रवाई रिपोर्ट सौंपने को भी कहा गया है। राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को निर्देश दिया है कि वो गुरुग्राम नगर निगम द्वारा एमएसडब्ल्यू नियम, 2016 का अनुपालन सुनिश्चित करे और यह सुनिश्चित करे कि कोई भी कचरा खुले क्षेत्रों या सड़क किनारे न फेंका जाए।

28 जुलाई, 2023 को दिए इस आदेश में कहा गया कि, "नियमों के उल्लंघन के मामले में, राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड पर्यावरणीय मुआवजे की गणना और वसूली करने के साथ-साथ और नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ दंडात्मक सहित अन्य कार्रवाई करने के लिए बाध्य है।"

पलवल में खुले में न फेंके कचरा, एनजीटी ने दिया निर्देश

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने पलवल नगर परिषद को निर्देश दिया है कि वो खुले क्षेत्रों में डंप किए जा रहे कचरा को रोके। साथ ही  इसके बजाय निपटान के लिए चिन्हित स्थलों का उपयोग करें।

कोर्ट ने पलवल के जिला मजिस्ट्रेट, नगर निगम के आयुक्त और हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की एक संयुक्त समिति को पलवल के एक गांव में कचरे के अवैज्ञानिक और अनियमित डंपिंग के खिलाफ दायर एक शिकायत की जांच करने का निर्देश दिया है।

समिति को स्थान का दौरा करना होगा और चार सप्ताह के भीतर एक तथ्यात्मक रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी, जिसमें उल्लंघनकर्ताओं के खिलाफ की गई कार्रवाई की रूपरेखा होगी और यह सुनिश्चित करना होगा कि नगर परिषद पलवल से निकलने वाले कचरे को नियमों के अनुसार तय स्थानों पर प्रोसेस किया जाए।

कोर्ट के मुताबिक हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड इन प्रयासों के समन्वय और सहायता प्रदान करने के लिए नोडल एजेंसी होगी।

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