टिप्पिंग पॉइंट पर पहुंचा अमेजन के जंगलों का 26 फीसदी हिस्सा, मूल निवासियों पर टिकी उम्मीदें

रिपोर्ट की मानें तो 2025 तक अमेजन के 80 फीसदी हिस्से को संरक्षित करना संभव है, लेकिन इसके लिए वहां रहने वाले मूल निवासियों का समर्थन जरुरी है
टिप्पिंग पॉइंट पर पहुंचा अमेजन के जंगलों का 26 फीसदी हिस्सा, मूल निवासियों पर टिकी उम्मीदें
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अमेजन के जंगलों का 26 फीसदी हिस्सा बढ़ते इंसानी लालच की भेंट चढ़ चुका है, जो अब करीब-करीब ऐसी स्थिति में पहुंच गया है, जहां से उसकी बहाली के सभी रास्ते लगभग बंद हो चुके हैं। पता चला है कि अमेज़न का यह हिस्सा बड़े पैमाने पर वन विनाश और गिरावट का सामना कर रहा है।

देखा जाए तो यहां टिप्पिंग पॉइंट का मतलब है कि यह क्षेत्र मेटास्टेसिस की शुरुआती अवस्था में है जहां इकोसिस्टम को इस कदर नुकसान पहुंचा है कि वो दोबारा पहले जैसी स्थिति में नहीं आ सकता। वन विनाश की मार झेल रहा करीब 90 फीसदी हिस्सा ब्राजील और बोलीविया में केंद्रित है।

यह जानकारी सितम्बर 2022 में अमेजोनियन नेटवर्क ऑफ जियोरेफरेंस्ड सोशल-एनवायरनमेंटल इंफॉर्मेशन (आरएआईएसजी) और द कोऑर्डिनेटर ऑफ द इंडिजिनियस आर्गेनाईजेशन ऑफ द अमेज़न बेसिन (कोइका) द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट “अमेज़ोनिया अगेंस्ट द क्लॉक”में सामने आई है।

हालांकि रिपोर्ट के अनुसार 74 फीसदी हिस्से में उमीदें अभी पूरी तरह खत्म नहीं हुईं लेकिन उसकी बहाली और सुरक्षा के लिए तत्काल कार्रवाई करने की जरुरत है। देखा जाए तो यह हिस्सा करीब 6.29 करोड़ हेक्टयर क्षेत्र में फैला है। इनमें से 33 फीसदी वो क्षेत्र है जो अभी भी बाहरी दुनिया के संपर्क में नहीं आया है जबकि 41 फीसदी वो है जहां बहुत कम गिरावट दर्ज की गई है।

इस रिपोर्ट में उन सभी नौ देशों को शामिल किया गया है जिसमें अमेजन के कुछ हिस्से हैं। एक तरफ इस रिपोर्ट में जहां राष्ट्रिय स्तर पर इन समृद्ध जंगलों में आ रही गिरावट और बदलाव का विश्लेषण किया गया है, वहीं साथ ही इस संकट से निपटने की तत्काल जरूरतों और समाधानों पर भी प्रकाश डाला गया है। इस रिपोर्ट को अमेजन के मूल निवासियों के 5वें शिखर सम्मेलन में प्रस्तुत किया गया है।

रिपोर्ट की मानें तो 2025 तक अमेजन के 80 फीसदी हिस्से को संरक्षित करना अभी भी संभव है। लेकिन इसके लिए वहां रहने वाले मूल निवासियों का समर्थन जरुरी है। आंकड़ों की मानें तो दुनिया भर में मूल निवासी शेष बची 80 फीसदी जैव विविधता की रक्षा कर रहे हैं।

मूल निवासियों के हाथों में सुरक्षित है अमेजन का बड़ा हिस्सा

यदि अमेजन की बात करें तो यह दुनिया की सबसे समृद्ध जैवविविधता वाला क्षेत्र है। जो दुनिया के 17 सबसे समृद्ध जैवविविधता वाले देशों में से 5 का हिस्सा है। इतना ही नहीं धरती पर मौजूद 36 प्रमुख जैवविविधता हॉटस्पॉट में से चार इसी क्षेत्र में स्थित हैं। इन सबको बचाए रखने में यहां रहने वाले मूल निवासियों का बहुत बड़ा हाथ है, जो अपने स्वदेशी ज्ञान से इनकी रक्षा कर पाने में काफी हद तक सफल हुए हैं। हालांकि इसके बावजूद आवास को होते नुकसान के चलते इस क्षेत्र में हर दिन औसतन 137 प्रजातियां विलुप्त होने की कगार पर पहुंच गई हैं।

रिपोर्ट की मानें तो अमेजन को बचाए रखें में संरक्षित क्षेत्रों और मूल निवासियों के आवास क्षेत्रों का बहुत बड़ा हाथ है, जोकि दोनों मिलकर अमेजन का 48 फीसदी हिस्सा कवर करते हैं। वहीं बाकी बचे 52 फीसदी हिस्से में बड़ी तेजी से जंगलों और जैवविविधता का विनाश हो रहा है।

आंकड़े दर्शाते हैं कि अमेजन के जंगलों का करीब 86 फीसदी विनाश संरक्षित क्षेत्रों और मूल निवासियों के आवास क्षेत्रों के बाहर हुआ है। जो स्पष्ट तौर पर इनके संरक्षण में मूल निवासियों की भूमिका को स्पष्ट करता है। रिपोर्ट के मुताबिक 25.5 करोड़ हेक्टेयर का वो क्षेत्र जो आज भी इंसानी गतिविधियों से अछूता है और विनाश से बचा हुआ है, वो सबसे ज्यादा खतरे में है क्योंकि इस क्षेत्र को न तो मूल निवासियों को दिया गया है न ही इसे संरक्षित क्षेत्र घोषित किया है।

देखा जाए तो जो क्षेत्र मूल निवासियों का घर है उन क्षेत्रों के लिए सरकार संरक्षित क्षेत्रों की तरह बजट आबंटित नहीं करती है लेकिन इसके बावजूद यह क्षेत्र संरक्षित क्षेत्रों की तुलना में कहीं ज्यादा सुरक्षित हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि इस क्षेत्र में 500 से ज्यादा तरह के मूल निवासी यहां सदियों से रहते आए हैं।

किसी न किसी में दबाव का सामना कर रहा है अमेजन का 66 फीसदी हिस्सा

रिपोर्ट की मानें तो अमेजन का 66 फीसदी हिस्सा किसी न किसी रूप में दबाव का सामना कर रहा है। यदि अमेजन में होते वन विनाश की वजह की बात करें तो 1985 से कृषि क्षेत्र बढ़कर तीन गुना हो गए हैं। देखा जाए तो अमेजन में 84 फीसदी वनों के विनाश के लिए कृषि ही जिम्मेवार है। इतना ही नहीं संरक्षित और मूल निवासियों के आधीन क्षेत्र भी इस समस्या से मुक्त नहीं हैं।

पता चला है कि जहां संरक्षित क्षेत्र में 2001 से 2018 के दौरान कृषि क्षेत्र का विस्तार 220 फीसदी बढ़ा है। वहीं मूल निवासियों के लिए नामित क्षेत्रों में इसमें 160 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है। देखा जाए तो अमेज़ोनिया में पशु उद्योग वनों की कटाई के सबसे बड़े चालकों में से एक है। जो सालाना वैश्विक उत्सर्जन के दो फीसदी हिस्से के लिए जिम्मेवार है।

वहीं यदि खनन की बात करें तो वो अमेजन में 17 फीसदी हिस्से को प्रभावित कर रहा है और इस क्षेत्र में कोई भी देश इससे नहीं बचा है। जानकारी मिली है कि इस क्षेत्र में होने वाली 9.3 फीसदी खनन गतिविधियां संरक्षित क्षेत्रों में केंद्रित हैं जबकि अन्य 9 फीसदी मूल निवासियों के क्षेत्र में हो रही हैं।

इसी तरह ऑइल ब्लॉक अमेजन की 9.4 फीसदी हिस्से पर काबिज हैं जोकि करीब 8 करोड़ हेक्टेयर क्षेत्र में फैले हैं। इस क्षेत्र में बड़े पैमाने पर बढ़ता रोड नेटवर्क भी एक बड़ी समस्या है। पता चला है कि 11 प्रमुख सड़क परियोजनाएं ऐसी हैं, जिनके अमेज़ोनिया के सबसे निर्जन स्थानों को प्रभावित करने की आशंका है।

रिपोर्ट से पता चला है कि इस क्षेत्र में करीब 350 जलविद्युत परियोजनाएं चल रही हैं। वहीं अनुमान है कि भविष्य में इनकी संख्या बढ़कर 833 पर पहुंच जाएगी। अनुमान है कि इसकी वजह से 1,100 से ज्यादा सहायक नदियों पर असर पड़ेगा, जो अमेजन बेसिन को बनाती हैं।

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