ऐसे 12 तरीके जिनसे पता चलता है कि एक्वाकल्चर पर्यावरण के लिए फायदेमंद है : शोध

एक्वाकल्चर का उपयोग दुनिया भर में कमजोर या लुप्तप्राय मछलियों की आबादी को बहाल करने के लिए किया जाता है
फोटो साभार : विकिमीडिया कॉमन्स, ब्राताफ
फोटो साभार : विकिमीडिया कॉमन्स, ब्राताफ
Published on

एक नए शोध के मुताबिक, एक्वाकल्चर या जलीय पौधों की खेती और जीवों को पालने से दुनिया भर में मीठे पानी और समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र में जैव विविधता और निवास स्थान का नुकसान हो सकता है। लेकिन अध्ययन में इस बात पर जोर दिया गया है कि, जब इसका सही तरीके से उपयोग किया जाए, तो यह समाधान का हिस्सा बन सकता है।

मेलबोर्न विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने जलीय कृषि के 12 संभावित पारिस्थितिकी फायदों की पहचान की है। इनमें प्रजातियों, निवास स्थान की बहाली, पुनर्वास और संरक्षण तथा बहुत अधिक मात्रा में रह रही प्रजातियों को हटाना शामिल है।

मेलबोर्न विश्वविद्यालय की शोधकर्ता और प्रमुख कैथी ओवरटन ने कहा कि जलीय कृषि के संभावित पर्यावरणीय लाभ कई वर्षों के जांच पड़ताल के घेरे में हैं।

ओवरटन ने कहा, दुनिया भर में अधिकांश लोग मीठे पानी या समुद्री पारिस्थितिक तंत्र के पास रहते हैं और हम उन पर भोजन, पर्यटन, मनोरंजन, संस्कृति और आजीविका के स्रोत के रूप में भरोसा करते हैं।

हालांकि, ताजे पानी और समुद्री पारिस्थितिक तंत्र पर मानवजनित प्रभाव बड़ी मात्रा में जीवों के रहने की जगहों को कम कर रहे हैं, जिनकी वजह से जैव विविधता में तेजी से गिरावट आ रही है। जबकि कुछ जलीय कृषि के बुरे प्रभावों के बारे में काफी जानकारी हैं, हम इन बुरे प्रभावों को धीमा करने या रोकने के लिए एक्वाकल्चर का उपयोग एक उपकरण की तरह कर सकते हैं। पिछली शताब्दी में बड़े पैमाने पर गायब हो चुके पारिस्थितिकी तंत्र को बहाल करने में मदद कर सकते हैं।

ओवरटन ने बताया कि हर साल भोजन के लिए लाखों टन मछली, झींगा, घोंघा और समुद्री शैवाल की खेती की जाती है, इनमें से कुछ औद्योगिक उत्पादन एक विशिष्ट तरीके या स्थान पर खेती करने पर पर्यावरण को लाभ पहुंचाते हैं।

उन्होंने कहा, तटीय पानी में खेती करने से, समुद्री शैवाल और घोंघा शहरी या कृषि से बहकर आने वाले अतिरिक्त पोषक तत्वों को हटा सकते हैं और मछली और अन्य देशी जीवों को मारने वाले जहरीले शैवालों के खिलने की आशंका को कम कर सकते हैं।

इसके अलावा, शोधकर्ताओं ने पाया कि कई नए तरीके हैं जिनसे संरक्षणवादी प्रजातियों और आवासों को बहाल करने या संरक्षित करने के नए तरीके बनाने के लिए जलीय कृषि तकनीकों को अपना रहे हैं।

ओवरटन ने कहा, दुनिया के सबसे बड़े संरक्षण संगठन, द नेचर कंजरवेंसी (टीएनसी) ने गायब हुए समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र को बहाल करने के लिए एक्वाकल्चर के उपयोग का बीड़ा उठाया है।

डॉ. साइमन ब्रानिगन ने कहा, एक्वाकल्चर मूंगे की चट्टानों की बहाली प्रक्रिया शुरू करने के लिए स्वस्थ ऑयस्टर और मुसेल के विकास  के माध्यम से गायब हुए शेलफिश मूंगे की चट्टानों के पुनर्निर्माण की हमारी प्रक्रिया का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।

डॉ.ब्रानिगन ने कहा कि, प्रचुर मात्रा में मूंगे की चट्टानें मजबूत पारिस्थितिकी फायदे पैदा करती हैं, वे कई समुद्री प्रजातियों के लिए महत्वपूर्ण निवास स्थान हैं तथा पानी की गुणवत्ता में सुधार करते हैं। जलीय कृषि के बिना, हम इन गायब हुए समुद्री आवासों को बहाल करने और इस महत्वपूर्ण संरक्षण कार्य को पूरा करने के लिए संघर्ष करेंगे।

एक्वाकल्चर का उपयोग दुनिया भर में कमजोर या लुप्तप्राय मछलियों की आबादी को बहाल करने के लिए किया जाता है, पाली गई मछलियों को उनके आवासों में वापस लाने के लिए किया जाता है।

ओवरटन ने कहा, "उत्तरी अमेरिका में सफेद स्टर्जन, भारत में सुनहरी महाशीर और ऑस्ट्रेलिया में मैक्वेरी पर्च जैसे मछली के लिए प्रजाति फिर से हासिल करने के कार्यक्रम, जंगली आबादी को वापस लाने और विलुप्त होने से रोकने की कोशिश कर रहे हैं।"

सह-अध्ययनकर्ता और यूनिवर्सिटी ऑफ मेलबर्न के शोधकर्ता डॉ. ल्यूक बैरेट ने कहा कि जलीय कृषि का उपयोग खतरे वाले जीवों को बदलने के लिए भी किया जा सकता है।

डॉ. बैरेट ने कहा, ज्यादातर ताजे पानी की प्रजातियों को अब पाला जाता हैं, जिसका मतलब है कि आप अपने घर के मछली घर को कमजोर जंगली आबादी को बढ़ाए बिना जमा कर सकते हैं।

हालांकि, समुद्री मछलियों की कई प्रजातियां, जैसे क्लाउनफिश और मूंगे, अभी भी मछली पालन के व्यापार के लिए मूंगे की चट्टानों से एकत्र की जाती हैं। दुनिया भर के शोधकर्ता इन प्रजातियों को पालने के तरीके विकसित कर रहे हैं और जंगली आबादी पर कुछ दबाव कम कर रहे हैं।

सह-अध्ययनकर्ता और मेलबोर्न विश्वविद्यालय के प्रोफेसर टिम डेम्पस्टर ने कहा, किसी चीज को 'पारिस्थितिक रूप से लाभकारी' बनाने के लिए साक्ष्य के उच्च मानक की आवश्यकता होने से, यह 'ग्रीनवाशिंग' की क्षमता को कम कर देता है। जहां जलीय कृषि उद्योग पारिस्थितिक लाभ प्रदान करने का दावा कर सकते हैं।

प्रोफेसर डेम्पस्टर ने कहा, हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि एक्वाकल्चर व्यवसायी अपने खेत के पारिस्थितिक लाभ का दावा करने से पहले अपने पारिस्थितिक प्रभाव की निगरानी करें। सिर्फ इसलिए कि एक विशेष एक्वाकल्चर गतिविधि एक अच्छा काम करती है, इसका मतलब यह नहीं है कि यह पर्यावरण को समग्र फायदा पहुंचाता है। यह महत्वपूर्ण है कि कुछ पारिस्थितिक रूप से फायदेमंद है या नहीं, यह तय करते समय समग्र प्रभावों को तौलना होगा।

शोधकर्ताओं का कहना है कि जैसे-जैसे ताजे पानी और समुद्र में एक्वाकल्चर का विस्तार होता है, वैसे-वैसे लोगों को उन गलतियों से बचने का अवसर मिलता है जो लोगों ने जमीन पर खेती करने के दौरान की है, जिससे आवास और जैव विविधता का नुकसान हुआ है।

प्रोफेसर डेम्पस्टर ने कहा, हम चाहते हैं कि लोग यह समझे कि जलीय कृषि क्या है और यह क्या कर सकती है? लोगों को यह दिखाना होगा कि, भविष्य में जैव विविधता की रक्षा के लिए एक उपकरण के रूप में इसका उपयोग कैसे किया जा सकता है। यह शोध कंजर्वेशन बायोलॉजी में प्रकाशित हुआ है।

Related Stories

No stories found.
Down to Earth- Hindi
hindi.downtoearth.org.in