पश्चिमी विक्षोभ बदलेगा पहाड़ी इलाकों के मौसम का मिजाज, अधिकतर हिस्सों में पारा सामान्य से ऊपर

अगले दो दिनों के दौरान पश्चिमी हिमालयी इलाकों में न्यूनतम तापमान में कोई बड़ा बदलाव होने की संभावना नहीं है और उसके बाद धीरे-धीरे दो से तीन डिग्री सेल्सियस की गिरावट आने का अनुमान है।
पश्चिमी विक्षोभ एक बार फिर सक्रिय हो गया है। इसके चलते उत्तर के पहाड़ी इलाकों में तेजी से मौसम के मिजाज में बदलाव देखा जा सकता है।
पश्चिमी विक्षोभ एक बार फिर सक्रिय हो गया है। इसके चलते उत्तर के पहाड़ी इलाकों में तेजी से मौसम के मिजाज में बदलाव देखा जा सकता है।
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देश के कई हिस्से, खासकर उत्तर भारत कोहरे की जद में है, मौसम विभाग की मानें तो अगले कुछ दिनों तक पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, तथा 23 और 24 नवम्बर को उत्तराखंड और 23 से 26 नवम्बर को हिमाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों में देर रात से सुबह के समय तक घना कोहरा छाए रहने की आशंका जताई गई है। जबकि आज सुबह हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ और दिल्ली में रात से सुबह तक कोहरा छाया रहा।

तमाम हिस्सों में कोहरे की वजह से लोगों को दृश्यता संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। जबकि आज सुबह असम और मेघालय के हाफलोंग में दृश्यता 500 मीटर, दिल्ली के सफदरजंग और पालम हर जगह दृश्यता 500 मीटर और हिमाचल प्रदेश के मंडी में भी दृश्यता 500 मीटर रिकॉर्ड की गई।

मौसम विभाग के द्वारा जारी पूर्वानुमान में कहा गया है कि पश्चिमी विक्षोभ एक बार फिर सक्रिय हो गया है। इसके चलते उत्तर के पहाड़ी इलाकों में तेजी से मौसम के मिजाज में बदलाव देखा जा सकता है।

तापमान में उतार चढ़ाव

देश के अधिकतर हिस्सों में न्यूनतम तापमान में कोई बड़ा बदलाव दर्ज नहीं किया गया। वहीं, बिहार में न्यूनतम तापमान सामान्य से तीन से पांच डिग्री सेल्सियस, यानी काफी ऊपर बना हुआ है। जबकि असम और मेघालय, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा में भी न्यूनतम तापमान सामान्य से एक से तीन डिग्री सेल्सियस ज्यादा रहा।

मौसम विभाग का ताजा अपडेट देखें तो पूर्वी राजस्थान में न्यूनतम तापमान सामान्य से काफी कम यानी तीन से पांच डिग्री सेल्सियस नीचे रिकॉर्ड किया जा रहा है। वहीं मध्य प्रदेश, गुजरात, कोंकण और गोवा, मध्य महाराष्ट्र, विदर्भ, तेलंगाना, उत्तरी आंतरिक कर्नाटक और हरियाणा, चंडीगढ़ और दिल्ली के अलग-अलग हिस्सों में न्यूनतम तापमान में सामान्य एक से तीन डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज की गई है।

मौसम विभाग के मुताबिक, अगले दो दिनों के दौरान पश्चिमी हिमालयी इलाकों में न्यूनतम तापमान में कोई बड़ा बदलाव होने की संभावना नहीं है और उसके बाद धीरे-धीरे दो से तीन डिग्री सेल्सियस की गिरावट आने का अनुमान है।

वहीं अगले तीन दिनों के दौरान उत्तर-पश्चिम भारत के शेष हिस्सों में न्यूनतम तापमान में एक से दो डिग्री सेल्सियस की वृद्धि होने के आसार हैं और उसके बाद कोई बड़ा बदलाव होने का पूर्वानुमान नहीं है।

देश की राजधानी दिल्ली और एनसीआर में न्यूनतम और अधिकतम तापमान में मामूली बढ़ोतरी दर्ज की गई है। दिल्ली में अधिकतम तापमान 25 से 27 डिग्री और न्यूनतम तापमान नौ से 12 डिग्री सेल्सियस के बीच रिकॉर्ड किया गया है। जबकि दिल्ली के अधिकतर हिस्सों में अधिकतम और न्यूनतम तापमान सामान्य के करीब रहा।

मौसम विभाग ने अपने ताजा अपडेट में कहा है कि दिल्ली में आज सुबह के समय पश्चिम दिशा से चलने वाली हवाओं की रफ्तार के चार किमी प्रति घंटे से कम रहने की संभावना है। सुबह के समय धुंध व मध्यम कोहरा छाए रहने के आसार हैं। दोपहर के समय उत्तर-पश्चिम दिशा से चलने वाली हवाओं की रफ्तार के छह किमी प्रति घंटे तक पहुंचने का अनुमान है।

दिल्ली में शाम और रात के समय उत्तर-पश्चिम दिशा से चलने वाली हवाओं की गति के चार किमी प्रति घंटे से कम रहने के आसार हैं जिसकी वजह से शाम और रात के समय धुंध व हल्का कोहरा छाए रहने का अनुमान है।

देश भर में अधिकतम और न्यूनतम तापमान संबंधी मौसम विभाग का अपडेट देखें तो कल, तटीय कर्नाटक के कारवार में अधिकतम तापमान 35.2 डिग्री सेल्सियस रहा। वहीं कल, देश के मैदानी इलाकों में हरियाणा के हिसार और पूर्वी राजस्थान के सीकर में न्यूनतम तापमान 8.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

तूफानी गतिविधि के चलते भारी बारिश के आसार

पूर्वी भूमध्यरेखीय हिंद महासागर और उससे सटे दक्षिण अंडमान सागर के ऊपर बना ऊपरी हवाओं का चक्रवाती प्रसार पश्चिम-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ गया है। यह पूर्वी भूमध्यरेखीय हिंद महासागर और उससे सटे दक्षिण अंडमान सागर और दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी के ऊपर बना हुआ है।

इसकी वजह से अगले 24 घंटों के दौरान दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक कम दबाव का क्षेत्र बनने का पूर्वानुमान है। इसके बाद, यह पश्चिम-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ना जारी रखते हुए अगले दो दिनों के दौरान दक्षिण बंगाल की खाड़ी के मध्य हिस्सों में डिप्रेशन में तब्दील होकर और तेज होने के आसार हैं

चक्रवाती प्रसार संबंधी गतिविधि के चलते आज, अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह के अलग-अलग हिस्सों में भारी बारिश होने की आशंका जताई गई है, यहां सात सेमी (70 मिमी) या उससे अधिक बारिश होने का पूर्वानुमान लगाया गया है।

समुद्र में उथल-पुथल

चक्रवाती प्रसार व कम दबाव संबंधी गतिविधि के चलते समुद्र में हलचल बढ़ गई है, जिसके चलते आज, दक्षिण-पूर्वी बंगाल की खाड़ी, दक्षिणी अंडमान सागर और उससे सटे उत्तरी अंडमान सागर के कई हिस्सों में 35 से 45 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली तूफानी हवाओं के और तेज होकर 55 किमी प्रति घंटे की गति तक पहुंचने के आसार हैं।

तूफानी हवाओं को देखते हुए मौसम विभाग ने मछुआरों को इन इलाकों में मछली पकड़ने या किसी तरह के व्यापार से संबंधित काम के लिए न जाने से परहेज करने की सलाह दी है।

कल कहां हुई बारिश और कहां पड़ी गरज के साथ बौछारें?

कल, 22 नवंबर को अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह तथा लक्षद्वीप के कुछ हिस्सों, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल एवं सिक्किम तथा तमिलनाडु, पुदुचेरी एवं कराईकल के अलग-अलग हिस्सों में भी बादल बरस बरसे या गरज के साथ बौछारें पड़ी।

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