
पश्चिमी विक्षोभ एक चक्रवाती प्रसार के रूप में बना हुआ है। इसके कारण बना चक्रवाती प्रसार दक्षिण-पश्चिम राजस्थान और इससे सटे इलाकों के निचले स्तरों पर बना हुआ है। साथ ही पश्चिमी विक्षोभ और निचले स्तरों पर पूर्वी हवाओं के साथ पश्चिमी हवाएं आपस में टकरा रही हैं।
इन मौसमी गतिविधियों के कारण 11 और 12 जनवरी को पश्चिमी हिमालयी इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश व बर्फबारी हो सकती है। साथ ही आज और कल उत्तर-पश्चिम भारत के मैदानी इलाकों और उससे सटे मध्य भारत में हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है।
वहीं आज, यानी 11 जनवरी को पश्चिमी राजस्थान, जम्मू और कश्मीर, लद्दाख, गिलगित-बाल्टिस्तान, मुजफ्फराबाद, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, पूर्वी राजस्थान और पश्चिमी मध्य प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में गरज के साथ बारिश होने के आसार हैं।
मौसम विभाग के द्वारा जारी पूर्वानुमान में कहा गया है कि आज और कल उत्तराखंड, पूर्वी उत्तर प्रदेश और पूर्वी मध्य प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में ओलावृष्टि होने के आसार हैं। जबकि आज, पश्चिमी राजस्थान के अलग-अलग हिस्सों, पंजाब, दक्षिण हरियाणा, पूर्वी राजस्थान और पश्चिमी मध्य प्रदेश में ओले गिरने की आशंका जताई गई है।
वहीं मौसम विभाग ने कहा है कि आज, हिमाचल प्रदेश के कुछ इलाकों में लोगों को भारी सर्दी का कहर झेलना पड़ सकता है।
तापमान में उतार-चढ़ाव
मौसम विभाग के ताजा अपडेट के मुताबिक, अगले तीन दिनों के दौरान उत्तर-पश्चिम भारत में न्यूनतम तापमान में दो से तीन डिग्री सेल्सियस की वृद्धि और उसके बाद धीरे-धीरे दो से चार डिग्री सेल्सियस की गिरावट आ सकती है।
वहीं अगले दो दिनों के दौरान मध्य भारत में न्यूनतम तापमान में तीन से चार डिग्री सेल्सियस की वृद्धि और उसके बाद धीरे-धीरे दो डिग्री सेल्सियस की गिरावट आने का पूर्वानुमान है। इसी दौरान महाराष्ट्र और गुजरात में न्यूनतम तापमान में दो से तीन डिग्री सेल्सियस की वृद्धि और उसके बाद दो से चार डिग्री सेल्सियस की गिरावट आ सकती है।
देश भर में अधिकतम और न्यूनतम तापमान की बात करें तो कल, केरल के कोट्टायम में अधिकतम तापमान 35.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वहीं कल, देश के मैदानी इलाकों में हरियाणा के नारनौल में न्यूनतम तापमान 3.0 डिग्री सेल्सियस रहा।
कोहरे का कहर और दृश्यता में कमी
15 जनवरी तक पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ तथा पूर्वी राजस्थान के कुछ हिस्सों में देर रात से सुबह के समय घना कोहरा छाए रहने के आसार जताए गए हैं।
वहीं, 13 जनवरी तक बिहार, असम, मेघालय, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम तथा पश्चिमी राजस्थान में, पूर्वी उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, ओडिशा, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा तथा पश्चिमी उत्तर प्रदेश में 15 जनवरी तक कोहरे से निजात मिलने के आसार नहीं हैं।
आज सुबह, उत्तर प्रदेश, पंजाब, मध्य प्रदेश, त्रिपुरा के अलग-अलग इलाकों में लोगों को घने से बहुत घना कोहरे का कहर झेलना पड़ा, वहीं आज सुबह, दिल्ली, राजस्थान, जम्मू के अलग-अलग इलाकों में मध्यम कोहरा देखा गया।
कोहरे की वजह से आज सुबह, उत्तर प्रदेश के वाराणसी, गोरखपुर, सुल्तानपुर, लखनऊ, बरेली और आगरा प्रत्येक जगह दृश्यता शून्य मीटर, प्रयागराज में दृश्यता 200 मीटर, पंजाब के पटियाला में दृश्यता शून्य मीटर, मध्य प्रदेश के गोरखपुर में दृश्यता शून्य मीटर, त्रिपुरा के अगरतला में दृश्यता शून्य मीटर, कैलाशहर में दृश्यता 200 मीटर, राजस्थान के चूरू में दृश्यता 200 मीटर, दिल्ली के पालम और सफदरजंग प्रत्येक जगह दृश्यता 200 मीटर, जम्मू और कश्मीर के जम्मू में दृश्यता 200 मीटर रिकॉर्ड की गई।
दक्षिण भारत में मौसमी बदलाव
मौसम विभाग के मुताबिक, दक्षिण-पूर्वी बंगाल की खाड़ी और उससे सटे दक्षिण-पश्चिमी बंगाल की खाड़ी के निचले स्तरों पर एक चक्रवाती प्रसार जारी है। इसकी वजह से 13 जनवरी को तटीय आंध्र प्रदेश और यनम तथा रायलसीमा के कुछ हिस्सों में गरज के साथ हल्की से मध्यम बारिश तथा बिजली गिरने की आशंका जताई गई है।
वहीं 12 से 14 जनवरी के दौरान तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल और 13 और 14 जनवरी को केरल और माहे में तथा 12 जनवरी को तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल के कुछ हिस्सों में बादलों के जमकर बरसने की आशंका जताई गई है।
समुद्र में उथल-पुथल
चक्रवाती प्रसार के कारण आज, मन्नार की खाड़ी और उसके आसपास के कोमोरिन क्षेत्र में 35 से 45 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली तूफानी हवाओं के और तेज होकर 55 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार में तब्दील होने के आसार हैं।
मौसम विभाग के द्वारा मछुआरों को इन इलाकों में मछली पकड़ने या किसी तरह के व्यापार से संबंधित काम के लिए जाने से परहेज करने को कहा गया है।