कई राज्यों में पारा सामान्य से ज्यादा, पश्चिमी हिमालय में बारिश-बर्फबारी, जानें अन्य हिस्सों के हाल

22 और 23 जनवरी को कई इलाकों में बारिश और बर्फबारी में और तेजी आने का पूर्वानुमान लगाया गया है
22 और 23 जनवरी को पश्चिमी हिमालयी इलाकों के कुछ हिस्सों में बारिश और बर्फबारी में और तेजी आने का पूर्वानुमान लगाया गया है।
22 और 23 जनवरी को पश्चिमी हिमालयी इलाकों के कुछ हिस्सों में बारिश और बर्फबारी में और तेजी आने का पूर्वानुमान लगाया गया है।
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भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार, पश्चिमी विक्षोभ चक्रवाती प्रसार के रूप में उत्तरी पाकिस्तान और निचले स्तरों पर जारी है। वहीं एक और पश्चिमी विक्षोभ मध्य और ऊपरी स्तरों में एक ट्रफ के रूप में बना हुआ है। इन मौसमी गतिविधियों के चलते आज, यानी 21 जनवरी को पश्चिमी हिमालयी इलाकों के कुछ हिस्सों में बारिश तथा बर्फबारी होने के आसार हैं

जबकि 22 और 23 जनवरी को इन इलाकों में बारिश और बर्फबारी में और तेजी आने का पूर्वानुमान लगाया गया है। 22 और 23 जनवरी को पंजाब, हरियाणा चंडीगढ़ और दिल्ली, पूर्वी राजस्थान और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में गरज के साथ बारिश तथा बिजली गिरने की आशंका जताई गई है।

इस बीच दक्षिण भारत में भी मौसमी बदलाव देखने को मिलेगा, क्योंकि मध्य स्तरों पर मन्नार की खाड़ी और उससे सटे श्रीलंका के ऊपर एक चक्रवाती प्रसार बना हुआ है और तमिलनाडु तट पर तेज उत्तर-पूर्वी हवाओं का दौर जारी है। मौसम संबंधी इन गतिविधियों के चलते 21 से 23 जनवरी के दौरान तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल तथा केरल और माहे में हल्की से मध्यम बारिश और 21 जनवरी को लक्षद्वीप के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है

तापमान में उतार-चढ़ाव

मौसम विभाग के ताजा अपडेट के मुताबिक, जम्मू और कश्मीर तथा लद्दाख के कुछ हिस्सों में एक अरसे से न्यूनतम तापमान शून्य डिग्री सेल्सियस से नीचे बना हुआ है, उत्तर-पश्चिम भारत के मैदानी इलाकों के कई हिस्सों में न्यूनतम तापमान आठ से 12 डिग्री, मध्य और आसपास के भारतीय प्रायद्वीप के कई हिस्सों में न्यूनतम तापमान 13 से 18 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया जा रहा है।

देश भर में अधिकतम और न्यूनतम तापमान की बात करें तो कल, कोंकण और गोवा के बॉम्बे सांताक्रूज में अधिकतम तापमान 35.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वहीं कल, देश के मैदानी इलाकों में पूर्वी मध्य प्रदेश के मंडला में न्यूनतम तापमान 5.0 डिग्री सेल्सियस रहा।

वहीं, उत्तर-पश्चिम भारत और पूर्वी मध्य प्रदेश के मैदानी इलाकों के कई हिस्सों में न्यूनतम तापमान में एक से चार डिग्री की वृद्धि दर्ज की गई, जबकि पश्चिम बंगाल में गंगा के कई मैदानी इलाकों में एक से दो डिग्री सेल्सियस की गिरावट रिकॉर्ड की गई है। तटीय कर्नाटक के कुछ हिस्सों, ओडिशा, मराठवाड़ा, मध्य महाराष्ट्र और आंतरिक कर्नाटक के अलग-अलग इलाकों में भी न्यूनतम तापमान में एक से दो डिग्री सेल्सियस की गिरावट रिकॉर्ड की गई है।

वहीं, उत्तर-पश्चिम और आसपास के मध्य भारत, महाराष्ट्र और गुजरात के कई मैदानी इलाकों में न्यूनतम तापमान सामान्य से दो से चार डिग्री सेल्सियस ऊपर रहा।

अगले चार दिनों के दौरान मध्य भारत में न्यूनतम तापमान में धीरे-धीरे दो से चार डिग्री सेल्सियस की वृद्धि होने के आसार हैं। वहीं, अगले तीन दिनों के दौरान पूर्वी भारत और पूर्वी उत्तर प्रदेश में न्यूनतम तापमान में दो से तीन डिग्री सेल्सियस की वृद्धि होने का पूर्वानुमान है।

मौसम विभाग की मानें तो अगले दो दिनों के दौरान गुजरात में न्यूनतम तापमान में कोई बड़ा बदलाव होने की संभावना नहीं है और उसके बाद के तीन दिनों के दौरान दो से तीन डिग्री सेल्सियस की गिरावट आने एक अनुमान लगाया गया है।

कोहरे का कहर और दृश्यता में कमी

मौसम विभाग के अनुसार, 24 जनवरी तक राजस्थान के अलग-अलग इलाकों में रात से सुबह के समय घना कोहरा छाए रहने की आशंका जताई गई है। इसी दौरान पूर्वी उत्तर प्रदेश, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, हरियाणा, चंडीगढ़ और पंजाब में रात से सुबह के समय तक घने कोहरे से छुटकारा मिलने के आसार नहीं हैं

22 जनवरी के दौरान असम और मेघालय, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम और ओडिशा इसी दौरान पश्चिम बंगाल में गंगा के मैदानी इलाकों में घना कोहरा छाए रहने का अंदेशा जताया गया है।

आज सुबह पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार और ओडिशा के अलग-अलग इलाकों में घना कोहरा छाया रहा, इसके कारण पूर्वी उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में दृश्यता शून्य मीटर, बिहार के पूर्णिया में दृश्यता शून्य मीटर, पटना हवाई अड्डे में दृश्यता 150 मीटर, भागलपुर में दृश्यता 200 मीटर, ओडिशा के चांदबली और पारादीप हर जगह दृश्यता शून्य मीटर दर्ज की गई

समुद्र में उथल-पुथल

चक्रवाती प्रसार के चलते आज, मन्नार की खाड़ी और उससे सटे कोमोरिन के इलाकों, दक्षिण श्रीलंका तट, निकटवर्ती दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी में 35 से 45 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली तूफानी हवाओं के और तेज होकर 55 किमी प्रति घंटे की रफ्तार में तब्दील होने के आसार हैं। मौसम विभाग के द्वारा मछुआरों को इन इलाकों में मछली पकड़ने या किसी तरह के व्यापार से संबंधित काम के लिए जाने से परहेज करने को कहा गया है।

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