2018 और 19 में दक्षिण अमेरिका में चरम पर पहुंचा आकाशीय बिजली गिरने का सिलसिला

एक तरह ब्राजील में आकाशीय बिजली ने रिकॉर्ड 709 किलोमीटर की दूरी तय की थी| वहीं दूसरी और अर्जेंटीना में बिजली चमकने की एक घटना में चमक 16.73 सेकंड तक दिखाई दी थी
2018 और 19 में दक्षिण अमेरिका में चरम पर पहुंचा आकाशीय बिजली गिरने का सिलसिला
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दुनिया भर में जहां एक और चरम मौसमी घटनाओं में वृद्धि होती जा रही है| उसी तरह आकाशीय बिजली की घटनाएं भी उनसे अलग नहीं हैं| पिछले कुछ सालों में इनकी तीव्रता और अवधि में वृद्धि हो रही है| अभी कुछ समय पहले ही इसने दो नए रिकॉर्ड बनाये| पहला तो ब्राजील में दिखा जब आकाशीय बिजली ने 709 किलोमीटर की दूरी तय की, जो इतिहास में अब तक की सबसे ज्यादा है| जबकि अर्जेंटीना में बिजली की चमक 16.73 सेकंड तक दिखाई दी थी| यह भी अपने आप में एक रिकॉर्ड है| यह जानकारी विश्व मौसम विज्ञान संगठन (डब्ल्यूएमओ) द्वारा साझा की गई है|

ब्राजील में आकाशीय बिजली की यह घटना 31 अक्टूबर, 2018 को देश के दक्षिणी भाग में सामने आई थी| गौरतलब है कि ब्राजील में औसतन हर वर्ष बिजली गिरने की 7.78 करोड़ घटनाएं सामने आती हैं, जोकि दुनिया में सबसे ज्यादा हैं| डब्ल्यूएमओ के अनुसार बिजली गिरने की यह जो घटना 2018 में सामने आई थी, वो अमेरिका में बोस्टन से वाशिंगटन तक की दूरी के बराबर थी| इससे पहले एक आकाशीय बिजली की सबसे लम्बी दूरी तक चमक का पिछला रिकॉर्ड अमेरिकी राज्य ओक्लाहोमा का है| जहां 20 जून 2017 को रिकॉर्ड की गई बिजली की चमक 321 किलोमीटर लम्बी थी|

जबकि 4 मार्च, 2019 को अर्जेंटीना के उत्तरी भाग में बिजली की जो चमक देखी गई थी| उसकी चमक लगातार 16.73 सेकंड तक देखी गई थी| यह भी अपने आप में एक रिकॉर्ड है| इससे पहले 30 अगस्त, 2012 को फ्रांस के एक प्रोवेंस एल्प्स-कोटे डी' अजुर में बिजली की एक चमक लगातार  7.74 सेकंड तक देखी गई थी| विश्व मौसम विज्ञान संगठन (डब्ल्यूएमओ) द्वारा किया गया यह विश्लेषण 28 जून को इंटरनेशनल लाइटनिंग सेफ्टी डे के मौके पर अंतराष्ट्रीय जर्नल जियोफिजिकल रिसर्च लेटर्स में प्रकाशित हुआ है| इन निष्कर्षों को नई  सेटेलाइट लाइटनिंग इमेजरी टेक्नोलॉजी की मदद से जांचा गया है|

बिजली की चमक की इन घटनाओं को जिन्होंने रिकॉर्ड बुक में अपनी जगह बनाई है वैज्ञानिक रूप से उन्हें 'मेगाफ्लैश' के नाम से जाना जाता है| डब्लूएमओ की इस रिपोर्ट के प्रमुख लेखक माइकल जे पीटरसन ने बताया कि, "सैकड़ों किलोमीटर लम्बी इन आकाशीय बिजली को हॉरिजॉन्टल मेसोस्केल लाइटनिंग डिस्चार्जेस के रूप में परिभाषित किया गया है|

गौरतलब है कि वैश्विक स्तर पर कितने समय और कितनी क्षैतिज दूरी तक दिखाई दी आकाशीय बिजली की चमक को चरम घटनाओं की श्रेणी में रखा जाएगा इसकी घोषणा 2017 में की गई थी| जब डब्ल्यूएमओ द्वारा आकाशीय बिजली पर काम कर रहे वैज्ञानिकों और इंजीनियरों के एक अंतरराष्ट्रीय पैनल की स्थापना की गई थी|

भारत के लिए भी एक बड़ी समस्या है बिजली का गिरना

अभी हाल ही में 25 जून, 2020 को बिहार में बिजली गिरने से 92 लोगों की मौत हो गई थी| देश में उत्तर प्रदेश के बाद बिहार में सबसे ज्यादा मौतें बिजली गिरने के कारण होती हैं| 2019 में 1 अप्रैल से 31 जुलाई के बीच बिजली गिरने के कारण बिहार में करीब 170 लोगों की मौत हो गई थी| भारतीय मौसम विज्ञान विभाग द्वारा सितंबर 2019 में जारी रिपोर्ट के अनुसार, देश में हर महीने बिजली गिरने के मामलों में काफी वृद्धि हो रही है। वास्तव में, किसी भी अन्य चरम मौसमी आपदाओं की तुलना में बिजली गिरने से अधिक लोग मारे जाते हैं।

पर यदि राज्य सरकारें आईएमडी के पूर्वानुमान को सही समय पर लोगों के साथ साझा करना शुरू कर दें तो इस तरह की घातक आपदाओं से बचा जा सकता है। डब्लूएमओ के अनुसार, अगर बिजली की चमक और गड़गड़ाहट के बीच का समय 30 सेकंड से कम है, तो उस समय लोगों को घर के बाहर निकलने से बचना चाहिए| ऐसे में फिर से घर के बाहर की गतिविधियों को फिर से शुरू करने के लिए 30 मिनट तक इंतजार करना चाहिए। जिससे हादसों से बचा जा सके|

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