पहाड़ों में बर्फबारी-ओलावृष्टि, दक्षिण में भारी बारिश, जानें पूरे देश के मौसम का हाल

अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में सक्रिय दबाव प्रणाली से दक्षिण भारत में भारी बारिश, उत्तर भारत में सर्दी का सितम।
कल, 23 अक्टूबर को शिंकुला, बारालाचा, कुंजुम दर्रा और धौलाधार सहित प्रदेश की कई चोटियों पर हल्की बर्फबारी दर्ज की गई।
कल, 23 अक्टूबर को शिंकुला, बारालाचा, कुंजुम दर्रा और धौलाधार सहित प्रदेश की कई चोटियों पर हल्की बर्फबारी दर्ज की गई।
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सारांश
  • पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से तापमान में दो से पांच डिग्री की गिरावट, कोहरा और ठंडी हवाएं शुरू।

  • हिमाचल और उत्तराखंड में बर्फबारी-ओलावृष्टि: ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी से पारा लुढ़का, केदारनाथ धाम के कपाट विधिवत बंद।

  • अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में बने दबाव क्षेत्रों से कर्नाटक, केरल, अंडमान-निकोबार में भारी से बहुत भारी बारिश।

  • कर्नाटक और आंध्र प्रदेश के कई जिलों में नदियों के जलस्तर बढ़ने और अचानक बाढ़ आने की आशंका।

  • दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण और धुंध: न्यूनतम तापमान 18 डिग्री सेल्सियस तक गिरा, हवा की गुणवत्ता “खराब से बहुत खराब” श्रेणी में दर्ज।

अक्टूबर का अंतिम सप्ताह भारत के दक्षिणी और तटीय इलाकों के लिए एक बार फिर सक्रिय मानसूनी बादल लेकर आया है। मौसम विभाग के द्वारा आज सुबह, 24 अक्टूबर, 2025 को जारी रिपोर्ट के अनुसार, अरब सागर और बंगाल की खाड़ी दोनों ओर एक साथ दबाव के क्षेत्र विकसित हो रहे हैं, जिनकी वजह से देश के कई हिस्सों में भारी से बहुत भारी बारिश होने की आशंका जताई गई है। साथ ही उत्तर भारत में तापमान में गिरावट दर्ज की जाएगी।

अरब सागर में बने डिप्रेशन की वजह से कर्नाटक, केरल और लक्षद्वीप जैसे तटीय इलाकों में भारी बारिश होने का पूर्वानुमान है। साथ ही समुद्र में ऊंची लहरें उठ सकती हैं और मछुआरों को समुद्र में न जाने की भी सलाह दी गई है।

वहीं, दक्षिण आंतरिक कर्नाटक और उत्तरी केरल के ऊपर बना कम दबाव का क्षेत्र अब कमजोर पड़ गया है, लेकिन इससे जुड़ा हुआ ऊपरी हवाओं का चक्रवाती प्रसार सक्रिय है। यह प्रसार अरब सागर के पूर्वी-मध्य भाग और कर्नाटक से केरल के तटों के ऊपर फैला हुआ है। इसके कारण दक्षिण भारत के तटीय और आंतरिक इलाकों में बारिश जारी रहने का अनुमान है।

आज, 24 अक्टूबर को बंगाल की खाड़ी में नया कम दबाव बनने के आसार हैं। जो अगले 24 घंटों में और अधिक मजबूत हो सकता है। इसकी वजह से अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में भारी से बहुत भारी बारिश के आसार हैं। साथ ही, इस गतिविधि की वजह से आगे चलकर पूर्वी भारत के तटीय हिस्सों जैसे ओडिशा, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु का मौसम भी प्रभावित हो सकता है।

कहां होगी भारी से बहुत भारी बारिश?

उपरोक्त मौसमी गतिविधियों के कारण आज, 24 अक्टूबर, 2025 को अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, तटीय कर्नाटक, केरल और माहे में विभाग ने भारी से बहुत भारी बारिश के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। इन राज्यों में 115.6 से 204.4 मिमी तक बारिश हो सकती है।

जबकि आज, आंध्र प्रदेश, आंतरिक कर्नाटक, कोंकण और गोवा, मध्य महाराष्ट्र, तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल तथा तेलंगाना में भारी बारिश होने के आसार हैं। इन राज्यों में 64.5 से 155.5 मिमी तक बादल बरस सकते हैं। यहां बारिश के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है।

बिजली गिरने और आंधी-तूफान की चेतावनी

आज, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में बारिश के साथ-साथ 40 से 50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तूफानी हवाएं चलने तथा बिजली गिरने का अंदेशा जताया गया है। वहीं आज, कर्नाटक, केरल और माहे, लक्षद्वीप, ओडिशा और तेलंगाना में भी 30 से 40 किमी घंटे की गति से तेज हवाएं चलने तथा वज्रपात की आशंका जताई गई है।

मौसम विभाग ने कहा है कि आज, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, कोंकण, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, सौराष्ट्र और कच्छ, तमिलनाडु और पुडुचेरी के अधिकतर इलाकों में गरज के साथ बौछारें पड़ने तथा बिजली गिरने के आसार हैं। साथ ही विभाग ने लोगों से बिजली कड़कने के समय खुले में न जाने और पेड़ों के नीचे शरण न लेने की सलाह दी है।

कहां-कहां है अचानक बाढ़ का खतरा?

भारी बारिश के चलते अगले 24 घंटों में कुछ जिलों में हल्के से मध्यम स्तर की अचानक बाढ़ आने का खतरा है।

इनमें तटीय कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़, उडुपी, उत्तर कन्नड़, उत्तर आंतरिक कर्नाटक के बागलकोट, बेलगावी, धारवाड़, गदग, कोप्पल तथा रायलसीमा के अनंतपुर, चित्तूर, कुर्नूल, कडप्पा जिले शामिल हैं। इन जनपदों में नदियों और नालों में पानी का स्तर तेजी से बढ़ सकता है और अचानक बाढ़ आने की आशंका है, इसलिए सतर्कता बरतने की सलाह दी गई है।

उत्तर भारत में ठंड की दस्तक

उत्तर भारत के ऊपरी स्तरों पर एक पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय है। इसके चलते अगले दो से तीन दिनों में उत्तर भारत के अधिकतर हिस्सों में न्यूनतम तापमान में लगभग दो डिग्री सेल्सियस तक की गिरावट आ सकती है। विशेष रूप से पूर्वी उत्तर प्रदेश में तापमान में तीन से पांच डिग्री सेल्सियस तक की गिरावट आने का पूर्वानुमान है।

उत्तर भारत में मानसून के बाद अब सर्दियों की शुरुआत हो चुकी है। पश्चिमी विक्षोभ के कारण आने वाले दिनों में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली और उत्तर प्रदेश के कई इलाकों में सुबह और रात के तापमान में गिरावट आने का पूर्वानुमान है। हल्की ठंड और कोहरा छाने के भी आसार जताए गए है।

उत्तराखंड के पहाड़ी जिलों में बारिश और ओलावृष्टि होने की वजह से पारे में गिरावट रेकॉर्ड की जा रही है। केदारनाथ धाम के कपाट शुक्रवार को विधि-विधान के साथ बंद कर दिए गए हैं। कल, यानी 23 अक्टूबर को उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में मौसम बदला हुआ दिखाई दिया। दिन के बाद पहाड़ी जनपदों में हल्की बारिश और ओले गिरे, जिससे यहां सर्दी का सितम बढ़ गया है। कुमाऊं में बागेश्वर के पिंडर ग्लेशियर के इलाकों और मुनस्यारी में ताजा हिमपात होने से पारा लुढ़क गया है।

देहरादून के मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, आज 24 अक्टूबर, 2025 को देहरादून सहित राज्य के तमाम जनपदों के मौसम के शुष्क रहने का पूर्वानुमान है। देहरादून में आज आंशिक रूप से बादलों के छाए रहने की संभावना है।

एक और पहाड़ी राज्य हिमाचल में भी मौसम का मिजाज बदल गया है। यहां बारिश व बर्फबारी का दौर जारी है। कल, 23 अक्टूबर को शिंकुला, बारालाचा, कुंजुम दर्रा और धौलाधार सहित प्रदेश की कई चोटियों पर हल्की बर्फबारी दर्ज की गई। जबकि शिमला और कुल्लू जिले की गड़सा घाटी में ओलावृष्टि दर्ज की गई। इससे अधिकतम तापमान में 10 डिग्री तक की कमी आई है।

तापमान में सबसे ज्यादा कमी भरमौर में 10.8 और सोलन में 3.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज की गई है। बर्फबारी और बारिश के चलते न्यूनतम तापमान में एक से तीन डिग्री सेल्सियस की गिरावट रिकॉर्ड की गई है।

दिल्ली-एनसीआर में मौसम के रुख की बात करें तो आज 24 अक्टूबर, 2025 को यहां सुबह के समय धुंध का प्रकोप रहा। आज दिल्ली के अधिकतम तापमान के 32 डिग्री तथा न्यूनतम तापमान के 18 डिग्री सेल्सियस रहने का अनुमान है। देश की राजधानी के न्यूनतम तापमान में चार डिग्री की कमी दर्ज की गई है। दिल्ली की आबोहवा खराब से बहुत खराब श्रेणी में रिकॉर्ड की जा रही है

कुल मिलाकर इस समय भारत के दोनों समुद्री तटों पर विभिन्न मौसमी गतिविधियां सक्रिय हैं। अरब सागर में डिप्रेशन और बंगाल की खाड़ी में बन रहा नया कम दबाव क्षेत्र। इनसे दक्षिण भारत के अधिकतर इलाकों में भारी बारिश और तूफानी हवाएं चलने के आसार हैं।

लोगों को सलाह दी गई है कि वे स्थानीय मौसम विभाग की चेतावनियों पर ध्यान दें, मछुआरे समुद्र में न जाएं और भारी बारिश वाले इलाकों में सतर्क रहें। साथ ही, उत्तर भारत में तापमान में गिरावट आने से मौसम में सर्दी का प्रकोप भी बढ़ेगा।

तापमान में उतार-चढ़ाव

देश भर में अधिकतम और न्यूनतम तापमान की बात करें तो कल, 23 अक्टूबर, 2025 को राजस्थान के बाड़मेर में अधिकतम तापमान 37.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। जबकि कल, देश के मैदानी इलाकों में राजस्थान के सीकर में न्यूनतम तापमान 12.5 डिग्री सेल्सियस रहा।

कल कहां हुई बारिश व कहां पड़ी गरज के साथ बौछारें?

कल, 23 अक्टूबर, 2025 को तटीय आंध्र प्रदेश और यनम, तटीय कर्नाटक और दक्षिण आंतरिक कर्नाटक के अधिकतर इलाकों, ओडिशा, जम्मू और कश्मीर तथा लद्दाख, पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, पूर्वी मध्य प्रदेश, असम और मेघालय, तेलंगाना, रायलसीमा, हिमाचल प्रदेश, तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल में बादल बरसे या गरज के साथ बौछारें दर्ज की गई।

वहीं कल, कोंकण और गोवा, मध्य महाराष्ट्र, केरल और माहे, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, छत्तीसगढ़, उत्तरी आंतरिक कर्नाटक और लक्षद्वीप के कई इलाकों में बारिश हुई या गरज के साथ बौछारें रिकॉर्ड की गई, जबकि देश के बाकी हिस्सों में मौसम शुष्क रहा।

कल कहां कितने बरसे बादल?

कल, 23 अक्टूबर, 2025 को तटीय आंध्र प्रदेश और यनम के नरसपुर में 10 सेमी, कलिंगपटनम में 5 सेमी, कावली, मछलीपटनम और ओंगोल प्रत्येक जगह 3 सेमी, काकीनाडा और अमरावती प्रत्येक जगह 2 सेमी, असम और मेघालय के बारापानी में 5 सेमी, तेलंगाना के कोठागुडेम में 3 सेमी बारिश दर्ज की गई।

वहीं कल, रायलसीमा के तिरुपति में 2 सेमी, ओडिशा के रायगढ़ में 2 सेमी, हिमाचल प्रदेश के मंडी में 2 सेमी, तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल के तिरुचिरापल्ली में 2 सेमी बारिश रिकॉर्ड की गई।

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