

पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता से उत्तर भारत के पहाड़ी इलाकों में बारिश और बर्फबारी, मैदानी क्षेत्रों में ठंड बढ़ेगी।
उत्तराखंड, हिमाचल, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में 30 दिसंबर से बर्फबारी की संभावना।
दिल्ली-एनसीआर समेत कई राज्यों में घने से बहुत घना कोहरा, दृश्यता में भारी कमी और यातायात प्रभावित।
शीतलहर और शीत दिवस की चेतावनी, कई राज्यों में तापमान गिरने से ठंड का असर और तेज होगा।
अंडमान-निकोबार में गरज-चमक के साथ बारिश और तेज हवाएं, जबकि देश के अन्य हिस्सों में मौसम शुष्क।
दिसंबर के अंतिम दिनों में उत्तर भारत के मौसम में बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है। इसका मुख्य कारण पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता और एक नए पश्चिमी विक्षोभ का 30 दिसंबर से पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र के मौसम को प्रभावित करना है। इसके कारण पहाड़ी राज्यों में बारिश और बर्फबारी, जबकि मैदानी इलाकों में घना कोहरा, ठंड और शीतलहर की स्थिति बन रही है।
पश्चिमी विक्षोभ से बदला मौसम का मिजाज
मौसम विभाग ने आज सुबह, 29 दिसंबर, 2025 को जारी अपडेट में कहा है कि पश्चिमी विक्षोभ एक मौसम प्रणाली है जो भूमध्य सागर क्षेत्र से उत्पन्न होकर पश्चिम से पूर्व की ओर भारत की तरफ बढ़ती है। यह मुख्य रूप से सर्दियों में उत्तर भारत के मौसम में बदलाव करती है। वर्तमान में पश्चिमी विक्षोभ मध्य स्तरों में एक ट्रफ के रूप में सक्रिय है। इसके साथ ही उपोष्णकटिबंधीय पश्चिमी जेट स्ट्रीम भी काफी शक्तिशाली है, जिसके कारण मौसम में तेजी से बदलाव हो रहा है।
30 दिसंबर से एक नया पश्चिमी विक्षोभ पश्चिमी हिमालयी क्षेत्रों के मौसम को प्रभावित करेगा, जिससे जम्मू और कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में बारिश और बर्फबारी की संभावना बढ़ गई है।
उत्तराखंड में मौसम का बदला रुख
उत्तराखंड में 30 दिसंबर से एक जनवरी के बीच मौसम में स्पष्ट बदलाव देखने को मिलेगा। मौसम विभाग के अनुसार, ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी की संभावना है, निचले इलाकों में हल्की बारिश हो सकती है। तापमान में तेज गिरावट आने की भी आशंका जताई गई है। इस बदलाव से पर्यटन गतिविधियों में वृद्धि हो सकती है, क्योंकि नए साल से पहले बर्फबारी पर्यटकों को आकर्षित करती है।
इसके साथ ही उत्तराखंड के कई जिलों में पिछले कई दिनों से घना कोहरा छाया हुआ है। देहरादून, हरिद्वार, उधम सिंह नगर, नैनीताल, पौड़ी और चंपावत जिले इससे प्रभावित हैं। खासकर हरिद्वार और उधम सिंह नगर जैसे मैदानी जिलों में दृश्यता बहुत कम हो गई है, जिससे यातायात और सामान्य जनजीवन प्रभावित हो रहा है।
हिमाचल प्रदेश में अलर्ट
हिमाचल प्रदेश में भी मौसम बदलने वाला है। शिमला स्थित मौसम केंद्र के अनुसार, 30 दिसंबर से यहां पश्चिमी विक्षोभ का प्रभाव दिखाई देगा। इसके चलते 29 और 30 दिसंबर को निचले पहाड़ी इलाकों और मैदानी इलाकों में सुबह और रात के समय घना कोहरा छा सकता है, ऊना, हमीरपुर, कांगड़ा, सोलन, सिरमौर, बिलासपुर और मंडी जिलों में येलो जारी किया गया है।
29 दिसंबर के चंबा, किन्नौर, लाहौल-स्पीति, कांगड़ा और कुल्लू के ऊंचे हिस्सों में बहुत हल्की बारिश व बर्फबारी हो सकती है। 30 दिसंबर को भी कुछ हिस्सों पर हल्की बारिश या बर्फबारी हो सकती है। वहीं 31 दिसंबर को हिमाचल प्रदेश के कई इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश या बर्फबारी का सिलसिला एक जनवरी 2026 तक जारी रहने की संभावना है। हालांकि राज्य के अधिकतर इलाकों में मौसम के शुष्क बने रहने के आसार हैं।
जम्मू और कश्मीर तथा लद्दाख और आसपास के इलाके में मौसम
जम्मू और कश्मीर, लद्दाख, गिलगित, बाल्टिस्तान और मुजफ्फराबाद में न्यूनतम तापमान पांच डिग्री सेल्सियस से नीचे चला गया है। 30 दिसंबर, 2025 से दो जनवरी, 2026 के बीच इन इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश और बर्फबारी होने की संभावना है। इससे ठंड और अधिक बढ़ सकती है।
दिल्ली-एनसीआर में कोहरा, ठंड और प्रदूषण की मार
दिल्ली और एनसीआर के इलाकों में ठंड और कोहरे का प्रकोप लगातार बना हुआ है। कई इलाकों में दृश्यता बहुत कम हो गई है। मौसम विभाग ने पहले ऑरेंज अलर्ट और बाद में येलो अलर्ट जारी किया है। एक जनवरी, 2026 को दिल्ली में हल्की बारिश होने की संभावना है, जो इस सर्दी की पहली बारिश हो सकती है। बारिश के बाद ठंड और अधिक बढ़ने की आशंका है।
इसके साथ ही दिल्ली की सबसे बड़ी समस्या वायु प्रदूषण बनी हुई है। सुबह के समय वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई ) 402 दर्ज किया गया, जो ‘गंभीर’ श्रेणी में आता है। घना कोहरा और स्मॉग मिलकर लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा असर डाल रहे हैं।
तापमान में उतार-चढ़ाव
मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक, उत्तर-पश्चिम भारत में अगले 24 घंटों तक न्यूनतम तापमान में कोई बड़ा बदलाव होने की संभावना नहीं है, इसके बाद दो से चार डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी और फिर गिरावट हो सकती है। वहीं, मध्य और पूर्वी भारत में दो से तीन दिनों में तापमान दो से तीन डिग्री बढ़ सकता है। देश के अन्य हिस्सों में अगले एक हफ्ते तक तापमान में कोई बड़ा बदलाव होने की संभावना नहीं है।
देश भर में अधिकतम और न्यूनतम तापमान की बात करें तो कल, 28 दिसंबर, 2025 को केरल के कोट्टायम में अधिकतम तापमान 35.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। जबकि कल, देश के मैदानी इलाकों में हरियाणा के हिसार में न्यूनतम तापमान 2.5 डिग्री सेल्सियस रहा।
घने कोहरे व शीतलहर, शीत दिवस की चेतावनियां
मौसम विभाग के अनुसार आज, 29 दिसंबर, 2025 को छत्तीसगढ़, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, मध्य प्रदेश और पंजाब में शीतलहर चलने का अंदेशा जताया गया है। वहीं उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में शीत दिवस या कोल्ड डे रहने के आसार हैं।
वहीं आज, असम और मेघालय, बिहार, हिमाचल प्रदेश, पूर्वोत्तर के अन्य राज्यों, ओडिशा, उत्तराखंड, पश्चिम मध्य प्रदेश में घना कोहरा छाए रहने की आशंका जताई गई है, यहां कोहरे के लिए येलो अलर्ट जारी है। जबकि हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, पंजाब और उत्तर प्रदेश में बहुत घना कोहरा छाए रहने का अंदेशा जताया गया है। विभाग ने इन हिस्सों में कोहरे के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।
कैसा रहेगा देश के अन्य हिस्सों का मौसम?
बांग्लादेश के उत्तर, असम, कोमोरिन क्षेत्र और बंगाल की खाड़ी में ऊपरी हवा में चक्रवाती प्रसार बना हुआ है। इसके कारण अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह में गरज के साथ बारिश, बिजली चमकने और 30 से 40 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तूफानी हवाएं चलने के आसार हैं।
कुल मिलाकर, साल के अंत में उत्तर भारत में मौसम काफी सक्रिय और चुनौतीपूर्ण बना हुआ है। पहाड़ों में बर्फबारी और बारिश, मैदानी इलाकों में घना कोहरा, ठंड और प्रदूषण - ये सभी मिलकर जनजीवन को प्रभावित कर रहे हैं। लोगों को मौसम विभाग की चेतावनियों का पालन करना चाहिए और यात्रा व स्वास्थ्य से जुड़ी सावधानियां बरतनी चाहिए। नया साल उत्तर भारत के लिए ठंड, बारिश और बर्फबारी के साथ दस्तक देने वाला है।