
चक्रवाती प्रसार के रूप में दो पश्चिमी विक्षोभ जारी हैं। पहले के कारण चक्रवाती प्रसार निचले स्तरों में पश्चिमी राजस्थान के ऊपर बना हुआ है। दूसरा पश्चिमी विक्षोभ मध्य और ऊपरी स्तरों पर पश्चिमी हवाओं में एक ट्रफ में सक्रिय है। इन मौसमी गतिविधियों के कारण पश्चिमी हिमालयी इलाकों में बारिश तथा हिमपात होने की संभावना जताई गई है।
आज, यानी 22 जनवरी को हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा, चंडीगढ़, पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में गरज के साथ बारिश होने के आसार हैं।
22 और 23 जनवरी को उत्तर भारत के मैदानी इलाकों के पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में गरज के साथ बारिश होने का पूर्वानुमान है, वहीं आज, यानी 22 जनवरी को राजस्थान और पश्चिमी मध्य प्रदेश में भी गरज के साथ बरसेंगे बादल।
कोहरे का कहर और दृश्यता में कमी
24 जनवरी तक पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार के कुछ हिस्सों में रात से सुबह के समय तक घना कोहरा छाए रहने के आसार हैं। वहीं, 23 जनवरी तक पश्चिम बंगाल में गंगा के मैदानी इलाकों, झारखंड, असम और मेघालय, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा के अलग-अलग इलाकों में घने कोहरे से निजात मिलने के आसार नहीं दिख रहे हैं।
24 जनवरी तक राजस्थान और ओडिशा, 23 और 24 जनवरी को उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम, 26 जनवरी तक हिमाचल प्रदेश और पूर्वी उत्तर प्रदेश और 22 से 26 जनवरी के दौरान पश्चिमी उत्तर प्रदेश में रात से सुबह तक घना कोहरा छाए रहने की आशंका जताई गई है।
वहीं आज सुबह, पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार और ओडिशा के अलग-अलग इलाकों में घने से लेकर बहुत घना कोहरा देखा गया, वहीं पश्चिम बंगाल के अलग-अलग इलाकों में घना कोहरा छाया रहा।
कोहरे की वजह से आज सुबह, पूर्वी उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में दृश्यता शून्य मीटर, बहराइच और वाराणसी हर जगह दृश्यता 200 मीटर, बिहार के पूर्णिया में दृश्यता शून्य मीटर, भागलपुर में दृश्यता 200 मीटर, ओडिशा के चांदबाली में दृश्यता शून्य मीटर, पारादीप में दृश्यता 200 मीटर, पश्चिम बंगाल के बागडोगरा में दृश्यता 100 मीटर तथा मालदा में दृश्यता 200 मीटर रिकॉर्ड की गई।
तापमान में उतार-चढ़ाव
मौसम विभाग के अनुसार, जम्मू और कश्मीर तथा लद्दाख के अलग-अलग हिस्सों में न्यूनतम तापमान लगातार शून्य डिग्री सेल्सियस से नीचे रिकॉर्ड किया जा रहा है। वहीं, उत्तर-पश्चिम, मध्य और पूर्वी भारत के मैदानी इलाकों के कई हिस्सों में न्यूनतम तापमान आठ से 14 डिग्री, पश्चिम भारत के कई हिस्सों में न्यूनतम तापमान 14 से 18 डिग्री सेल्सियस बना हुआ है।
देश भर में अधिकतम और न्यूनतम तापमान की बात करें तो कल, यानी 21 जनवरी को केरल के कन्नूर हवाई अड्डे में अधिकतम तापमान 37.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वहीं कल, देश के मैदानी इलाकों में पूर्वी मध्य प्रदेश के मंडला में न्यूनतम तापमान 6.5 डिग्री सेल्सियस रहा।
पिछले 24 घंटों के दौरान, पूर्वी मध्य प्रदेश के कई हिस्सों, जम्मू और कश्मीर, लद्दाख, गिलगित-बाल्टिस्तान-मुजफ्फराबाद, ओडिशा, पश्चिम बंगाल और सिक्किम के कुछ हिस्सों, असम और मेघालय तथा छत्तीसगढ़ के अलग-अलग इलाकों में न्यूनतम तापमान में एक से चार डिग्री सेल्सियस की वृद्धि हुई है।
वहीं, हिमाचल प्रदेश, तटीय आंध्र प्रदेश और यनम, तमिलनाडु पुडुचेरी और कराईकल के कुछ हिस्सों, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, पश्चिमी राजस्थान, कर्नाटक, तेलंगाना तथा केरल और माहे के अलग-अलग हिस्सों में एक से तीन डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज की गई।
मौसम विभाग के ताजा अपडेट के मुताबिक, तेलंगाना के कई इलाकों, तटीय आंध्र प्रदेश और यनम के कुछ हिस्सों, ओडिशा, छत्तीसगढ़, उत्तरी आंतरिक कर्नाटक के अलग-अलग इलाकों में न्यूनतम तापमान सामान्य से माइनस एक डिग्री से माइनस तीन डिग्री सेल्सियस, यानी काफी नीचे दर्ज किया जा रहा है।
वहीं, पूर्वी उत्तर प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में न्यूनतम तापमान सामान्य से पांच डिग्री सेल्सियस या उससे अधिक रिकॉर्ड किया जा रहा है। पूर्वी मध्य प्रदेश, पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में न्यूनतम तापमान सामान्य से तीन डिग्री सेल्सियस से पांच डिग्री सेल्सियस, यानी काफी ऊपर दर्ज किया जा रहा है।
गुजरात, पूर्वी राजस्थान, पश्चिमी राजस्थान, पंजाब, जम्मू और कश्मीर, लद्दाख, गिलगित-बाल्टिस्तान-मुजफ्फराबाद के अलग-अलग हिस्सों में भी न्यूनतम तापमान सामान्य से तीन डिग्री सेल्सियस से पांच डिग्री सेल्सियस, काफी ऊपर रिकॉर्ड किया जा रहा है।
मौसम विभाग के द्वारा जारी पूर्वानुमान में कहा गया है कि अगले 24 घंटों के दौरान उत्तर-पश्चिम और मध्य भारत के मैदानी इलाकों में न्यूनतम तापमान में धीरे -धीरे दो डिग्री सेल्सियस की वृद्धि और उसके बाद दो से तीन डिग्री सेल्सियस की गिरावट आने की संभावना है। वहीं अगले चार से पांच दिनों के दौरान गुजरात में न्यूनतम तापमान में दो से तीन डिग्री सेल्सियस की कमी आने की संभावना जताई गई है।
समुद्र में हलचल
आज, मन्नार की खाड़ी से सटे कोमोरिन क्षेत्र में 35 से 45 किमी प्रति घंटे की गति से चलने वाली तूफानी हवाओं के और तेज होकर 55 किमी प्रति घंटे तक की गति तक पहुंचने की आशंका जताई गई है। वहीं आज, सोमालिया तट के साथ-साथ पश्चिम मध्य और उससे सटे दक्षिण-पश्चिमी अरब सागर में 45 से 55 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली तूफानी हवाओं के और तेज होकर 65 किमी प्रति घंटे की रफ्तार में तब्दील होने के आसार हैं।
मौसम विभाग द्वारा मछुआरों को इन इलाकों में मछली पकड़ने या किसी तरह के व्यापार से संबंधित काम के लिए जाने से परहेज करने को कहा गया है।
कल कहां हुई बारिश और कहां पड़ी गरज के साथ बौछारें?
कल 21 जनवरी को जम्मू और कश्मीर, लद्दाख, गिलगित-बाल्टिस्तान और मुजफ्फराबाद के कुछ हिस्सों में बादल बरसे या गरज के साथ बौछारें पड़ी, वहीं गुलमर्ग में 1 सेमी बारिश दर्ज की गई।
कहां कितनी हुई बर्फबारी
कल 21 जनवरी को जम्मू कश्मीर के बारामूला जिला के गुलमर्ग में 1 सेमी बर्फबारी रिकॉर्ड की गई।