पश्चिमी हिमालय में बर्फबारी, पूर्वोत्तर में ओलावृष्टि, जानें देश के मौसम का हाल
लंबे अरसे से बने शुष्क मौसम के बाद एक बार फिर पश्चिमी हिमालयी इलाकों में बारिश व बर्फबारी के दौर के जारी होने का पूर्वानुमान है। मौसम विभाग की मानें तो इसके पीछे पश्चिमी अफगानिस्तान के निचले स्तरों पर चक्रवाती प्रसार के रूप में बना एक नया पश्चिमी विक्षोभ है। वहीं एक और नया पश्चिमी विक्षोभ के एक फरवरी, 2025 से सक्रिय होने का अनुमान है।
उपरोक्त मौसमी गतिविधियों के चलते आज, यानी 29 जनवरी से तीन फरवरी के दौरान जम्मू और कश्मीर, लद्दाख, गिलगित-बाल्टिस्तान और मुजफ्फराबाद में मध्यम बारिश से लेकर बर्फबारी होने के आसार जताए गए हैं। इसी दौरान हिमाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों में भी बारिश तथा बर्फबारी होने का पूर्वानुमान लगाया गया है।
वहीं 31 जनवरी से तीन फरवरी के दौरान उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में गरज के साथ बारिश हो सकती है। दो और तीन फरवरी को मध्य प्रदेश और विदर्भ और तीन फरवरी, 2025 को राजस्थान, छत्तीसगढ़ के कुछ हिस्सों में बारिश होने की संभावना है।
पूर्वोत्तर भारत में मौसमी बदलाव
वहीं एक अन्य मौसमी गतिविधि, यानी पूर्वी बांग्लादेश के निचले स्तरों पर एक चक्रवाती प्रसार बना हुआ है। इसके कारण 29 और 30 जनवरी को अरुणाचल प्रदेश में कुछ हिस्सों में गरज के साथ हल्की से मध्यम बारिश तथा बिजली गिरने की आशंका जताई गई है।
29 और 30 जनवरी को असम और मेघालय में तथा 30 जनवरी को अरुणाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों में ओलावृष्टि होने के आसार हैं। 30 जनवरी को अरुणाचल प्रदेश में भारी बारिश तथा बर्फबारी होने के भी आसार हैं।
दक्षिण भारत में कैसा रहेगा मौसम?
पूर्वी लहर के कारण 30 और 31 जनवरी को तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल के कुछ हिस्सों, 30 जनवरी से एक फरवरी के दौरान केरल और माहे में हल्की से मध्यम बारिश होने का अनुमान है।
वहीं एक फरवरी को दक्षिण आंतरिक कर्नाटक में तथा 30 और 31 जनवरी को तमिलनाडु, पुदुचेरी और कराईकल में तथा 31 जनवरी को केरल और माहे के कुछ हिस्सों में भारी बारिश होने की आशंका जताई गई है।
तापमान में उतार-चढ़ाव
देश के अलग-अलग हिस्सों में तापमान में उतार चढ़ाव की बात करें तो उत्तर-पश्चिम भारत और उससे सटे उत्तराखंड, पूर्वी मध्य प्रदेश तथा झारखंड के मैदानी इलाकों के कई हिस्सों में न्यूनतम तापमान चार से 10 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वहीं पश्चिमी मध्य प्रदेश, पूर्वी और पश्चिमी भारत के कई हिस्सों में न्यूनतम तापमान 10 से 18 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया।
देश भर में अधिकतम और न्यूनतम तापमान की बात करें तो कल, यानी 28 जनवरी को केरल और माहे के पुनालुर और मध्य महाराष्ट्र के सोलापुर में अधिकतम तापमान 35.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वहीं कल, देश के मैदानी इलाकों में पूर्वी राजस्थान के फतेहपुर सीकर में न्यूनतम तापमान 1.0 डिग्री सेल्सियस रहा।
कल, यानी 28 जनवरी को गुजरात तथा कोंकण के अलग-अलग इलाकों में न्यूनतम तापमान में एक से तीन डिग्री सेल्सियस की गिरावट देखी गई। उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम, असम और मेघालय, सौराष्ट्र और कच्छ के कुछ हिस्सों में एक से तीन डिग्री सेल्सियस की वृद्धि दर्ज की गई है।
वहीं, जम्मू और कश्मीर, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल में गंगा के तटीय इलाकों, मध्य महाराष्ट्र, तेलंगाना, केरल और माहे तथा तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल के अलग-अलग इलाकों में भी एक से तीन डिग्री सेल्सियस की वृद्धि देखी गई।
आने वाले दिनों में तापमान में उतार चढ़ाव देखें तो अगले चार दिनों के दौरान उत्तर-पश्चिम, मध्य और पूर्वी भारत में न्यूनतम तापमान में दो से चार डिग्री सेल्सियस की वृद्धि होने के आसार हैं। वहीं, अगले दो दिनों के दौरान महाराष्ट्र में न्यूनतम तापमान में कोई बड़ा बदलाव होने की संभावना नहीं है और उसके बाद के तीन दिनों के दौरान न्यूनतम तापमान में धीरे-धीरे दो से तीन डिग्री सेल्सियस की गिरावट आने का अनुमान लगाया गया है।
कोहरे का कहर और दृश्यता में कमी
मौसम विभाग के द्वारा जारी पूर्वानुमान के मुताबिक, 31 जनवरी तक उत्तर प्रदेश के अलग-अलग इलाकों में रात से सुबह के समय तक घने कोहरे से छुटकारा मिलने के आसार नहीं दिख रहे हैं। इसी दौरान उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम, 30 जनवरी तक पश्चिम बंगाल में गंगा के तटीय इलाकों और तटीय ओडिशा और 31 जनवरी, 2025 तक बिहार में घना कोहरा छाए रहने की आशंका जताई गई है।
वहीं आज सुबह, पंजाब, पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार के अलग-अलग इलाकों में बहुत घना कोहरा छाया रहा, जबकि गुजरात और ओडिशा के अलग-अलग इलाकों में घना कोहरा व पश्चिम बंगाल में गंगा के मैदानी इलाकों में मध्यम कोहरा देखा गया।
कोहरे के कारण आज सुबह पंजाब के पटियाला में दृश्यता शून्य, पूर्वी उत्तर प्रदेश के गोरखपुर हवाई अड्डे में दृश्यता शून्य, बिहार के पूर्णिया में दृश्यता शून्य मीटर, गुजरात के सूरत हवाई अड्डे में दृश्यता 50 मीटर, ओडिशा के भुवनेश्वर हवाई अड्डे में दृश्यता 150 मीटर, पुरी में दृश्यता 200 मीटर, पश्चिम बंगाल में गंगा के तटीय इलाकों के मालदा में दृश्यता 200 मीटर दर्ज की गई।
शीत लहर व सर्दी का सितम
कल, यानी 28 जनवरी को हिमाचल प्रदेश और पंजाब के कुछ हिस्सों में लोगों को प्रचंड शीत लहर का सामना करना पड़ा, वहीं कल, पूर्वी राजस्थान के अलग-अलग हिस्सों तथा पश्चिमी राजस्थान और हरियाणा के अलग-अलग इलाकों में भी लोगों को शीत लहर से दो चार होना पड़ा।
कल कहां हुई बारिश और कहां पड़ी गरज के साथ बौछारें?
कल, 28 जनवरी को अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह के कुछ हिस्सों, अरुणाचल प्रदेश, असम और मेघालय, जम्मू और कश्मीर, लद्दाख-गिलगित-बाल्टिस्तान और मुजफ्फराबाद के अलग-अलग हिस्सों में बादल बरसे या गरज के साथ बौछारें पड़ी।