उत्तर व पूर्वोत्तर में पाले ने बढ़ाई ठिठुरन, पश्चिमी विक्षोभ कल से बदलेगा उत्तर-पश्चिम भारत का मौसम

26 दिसंबर तक हिमाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों में भयंकर शीत लहर से छुटकारा मिलने के आसार नहीं दिख रहे हैं।
22 दिसंबर से एक अन्य मगर कमजोर पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने का पूर्वानुमान लगाया गया है, इसके कारण उत्तर-पश्चिम भारत के मौसम का मिजाज बदल सकता है।
22 दिसंबर से एक अन्य मगर कमजोर पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने का पूर्वानुमान लगाया गया है, इसके कारण उत्तर-पश्चिम भारत के मौसम का मिजाज बदल सकता है।
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देश के अधिकतर हिस्सों में सूखी ठंड का प्रकोप जारी है, साथ ही सुबह के समय पाला पड़ने से इसमें और बढ़ोतरी हो गई है। मौसम विभाग ने कहा है कि उत्तर के तमाम इलाकों के साथ-साथ हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड में जबरदस्त पाला पड़ सकता है। वहीं पूर्वोत्तर भारत के अरुणाचल प्रदेश, असम और मेघालय के अलग-अलग हिस्सों में भी पाला पड़ने का अंदेशा जताया गया है।

मौसम विभाग के द्वारा जारी पूर्वानुमान में कहा गया है कि पश्चिमी विक्षोभ निचले और मध्य स्तरों पर पश्चिमी हवाओं में एक गर्त के रूप में लगातार जारी है, जिसके कारण उत्तर-पश्चिमी राजस्थान और आसपास के निचले स्तरों में एक चक्रवाती प्रसार सक्रिय है।

वहीं कल, यानी 22 दिसंबर से एक अन्य मगर कमजोर पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने का पूर्वानुमान लगाया गया है, इसके कारण उत्तर-पश्चिम भारत के मौसम का मिजाज बदल सकता है। जबकि 27 दिसंबर से एक और पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होकर पश्चिमी हिमालयी इलाकों और आसपास के मैदानी इलाकों के मौसम में भारी बदलाव करने का अनुमान है।

उत्तर के कई इलाकों में तापमान में गिरावट देखी जा रही है, जबकि जम्मू और कश्मीर, लद्दाख तथा हिमाचल प्रदेश के कई हिस्सों में न्यूनतम तापमान शून्य डिग्री सेल्सियस से नीचे चला गया है। वहीं, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली और राजस्थान के अधिकतर इलाकों में न्यूनतम तापमान चार से आठ डिग्री, तथा मध्य प्रदेश, बिहार और झारखंड के कई हिस्सों में यह आठ से 12 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया है।

मौसम विभाग के ताजा अपडेट के मुताबिक, जम्मू और कश्मीर के कुछ हिस्सों में न्यूनतम तापमान एक से दो डिग्री सेल्सियस तक गिर गया है। वहीं, पूर्वी मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, मराठवाड़ा, विदर्भ, मध्य महाराष्ट्र और तेलंगाना तथा हरियाणा के अधिकतर इलाकों में न्यूनतम तापमान दो से पांच डिग्री सेल्सियस तक बढ़ गया है।

वहीं पंजाब, पूर्वी राजस्थान, पश्चिमी मध्य प्रदेश, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, आंतरिक ओडिशा और उत्तरी आंतरिक कर्नाटक के कुछ हिस्सों में भी न्यूनतम तापमान में दो से पांच डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी देखी जा रही है।

विभाग के अनुसार, जम्मू और कश्मीर, लद्दाख, गिलगित-बाल्टिस्तान और मुजफ्फराबाद, हिमाचल प्रदेश, पूर्वी उत्तर प्रदेश, पश्चिमी राजस्थान, सौराष्ट्र और कच्छ के अलग-अलग हिस्सों में न्यूनतम तापमान सामान्य से -1 डिग्री से -3 डिग्री सेल्सियस नीचे रिकॉर्ड किया जा रहा है।

देश भर में अधिकतम और न्यूनतम तापमान की बात करें तो कल यानी 20 दिसंबर 2024 को तमिलनाडु के मदुरै में अधिकतम तापमान 35.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। देश के मैदानी इलाकों में पंजाब के आदमपुर में न्यूनतम तापमान 3.8 डिग्री सेल्सियस रहा।

कैसा रहेगा आने वाले दिनों में तापमान का हाल?

मौसम विभाग के ताजा अपडेट के मुताबिक, अगले दो दिनों के दौरान उत्तर-पश्चिम भारत में न्यूनतम तापमान में कोई बड़ा बदलाव होने की संभावना नहीं है और उसके बाद धीरे-धीरे दो डिग्री सेल्सियस की वृद्धि होने का पूर्वानुमान है।

वहीं, अगले पांच दिनों के दौरान मध्य भारत में न्यूनतम तापमान में दो से तीन डिग्री सेल्सियस की वृद्धि हो सकती है। अगले दो दिनों के दौरान पश्चिम भारत, गुजरात को छोड़कर, न्यूनतम तापमान में कोई खास बदलवा होने की संभावना नहीं है और उसके बाद धीरे-धीरे दो से चार डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी होगी।

कहां-कहां रहेगा शीतलहर का सितम?

26 दिसंबर तक हिमाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों में भयंकर शीत लहर से छुटकारा मिलने के आसार नहीं दिख रहे हैं। इसी दौरान जम्मू और कश्मीर, लद्दाख, गिलगित-बाल्टिस्तान और मुजफ्फराबाद में, 21 दिसंबर को पंजाब और राजस्थान में शीत लहर के दौर के जारी रहने के आसार हैं।

कोहरे का कहर और दृश्यता में कमी

हिमाचल प्रदेश, पूर्वी राजस्थान और झारखंड के अलग-अलग इलाकों में 22 दिसंबर तक, पंजाब, हरियाणा और असम और मेघालय में 22 से 25 दिसंबर के दौरान, पश्चिम बंगाल और सिक्किम तथा बिहार में 21 और 22 दिसंबर को देर रात से सुबह के समय घना कोहरा छाए रहने की आशंका जताई गई है

वहीं देर रात से आज सुबह तक दिल्ली, उत्तर प्रदेश, पंजाब और पश्चिमी राजस्थान में मध्यम कोहरा छाया रहा। कोहरे की वजह से दिल्ली के सफदरजंग में दृश्यता 200 मीटर, पश्चिमी उत्तर प्रदेश के आगरा और सरसावा हर जगह दृश्यता 200 मीटर, पूर्वी उत्तर प्रदेश के घूरपुर में दृश्यता 200 मीटर, पंजाब के बठिंडा में दृश्यता 200 मीटर तथा पश्चिमी राजस्थान के सूरतगढ़ में दृश्यता 200 मीटर दर्ज की गई।

कहां होगी भारी बारिश?

मौसम विभाग के ताजा अपडेट के अनुसार, आंध्र प्रदेश तट से दूर बंगाल की खाड़ी के पश्चिम-मध्य पर बना कम दबाव पिछले छह घंटों के दौरान सात किमी प्रति घंटे की गति से पूर्व-उत्तर-पूर्व की ओर बढ़ गया है।

यह तमिलनाडु के चेन्नई से लगभग 450 किमी पूर्व-उत्तर-पूर्व, आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम से 440 किमी दक्षिण-दक्षिण-पूर्व और ओडिशा के गोपालपुर से 600 किमी दक्षिण-दक्षिण-पश्चिम में है। यह अगले 12 घंटों तक दबाव के रूप में अपनी तीव्रता बनाए रखते हुए धीरे-धीरे पूर्व-उत्तर-पूर्व की ओर बढ़ने तथा उसके बाद समुद्र में धीरे-धीरे कमजोर पड़ने की संभावना है।

उपरोक्त मौसमी गतिविधि के चलते आज, उत्तर तटीय आंध्र प्रदेश और यनम के अलग-अलग हिस्सों में भारी बारिश होने की आशंका जताई गई है, यहां सात सेमी (70 मिमी) या उससे अधिक बरस सकते हैं बादल।

समुद्र में उथल-पुथल

कम दबाव व चक्रवाती प्रसार के चलते आज, पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी के अधिकतर इलाकों, दक्षिण-पश्चिम, पूर्व-मध्य और उत्तर-पश्चिम बंगाल की खाड़ी के आस-पास के हिस्सों, आंध्र प्रदेश और दक्षिण ओडिशा के तटों पर 40 से 50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली हवाओं के और तेज होकर 60 किमी प्रति घंटे तक की रफ्तार में तब्दील होने की आशंका जताई गई है।

वहीं आज, पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी के मध्य के हिस्सों में 45 से 55 किमी प्रति घंटे की गति से चलने वाली तूफानी हवाओं के और तेज होकर 65 किमी प्रति घंटे की गति तक पहुंचने के आसार हैं। मौसम विभाग ने मछुआरों को इन इलाकों में मछली पकड़ने या किसी तरह के व्यापार से संबंधित काम के लिए जाने से परहेज करने को कहा गया है।

कल कहां हुई बारिश और कहां पड़ी गरज के साथ बौछारें?

कल, 20 दिसंबर को ओडिशा, तटीय आंध्र प्रदेश और यनम के कुछ हिस्सों, तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के अलग-अलग इलाकों में बारिश हुई या गरज के साथ बौछारें पड़ी।

कल कहां कितने बरसे बादल?

कल, 20 दिसंबर को तटीय आंध्र प्रदेश और यनम के कलिंगपटनम और विशाखापत्तनम प्रत्येक जगह 2 सेमी, ओडिशा के पारादीप में 3 सेमी, भुवनेश्वर में 2 सेमी, गोपालपुर में 1 सेमी तथा अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के नानकॉरी में 3 सेमी बारिश रिकॉर्ड की गई।

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