कोहरे के कारण देश के कई इलाकों में दृश्यता शून्य, जानें कहां-कहां होगी बारिश व बर्फबारी

अगले चार से पांच दिनों के दौरान महाराष्ट्र में न्यूनतम तापमान में धीरे-धीरे दो से तीन डिग्री सेल्सियस की वृद्धि होने का अनुमान है।
पिछले 24 घंटों के दौरान, हिमाचल प्रदेश, गुजरात, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम, तटीय आंध्र प्रदेश और यनम और उत्तर प्रदेश में न्यूनतम तापमान में एक से चार डिग्री सेल्सियस की वृद्धि दर्ज हुई है।
पिछले 24 घंटों के दौरान, हिमाचल प्रदेश, गुजरात, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम, तटीय आंध्र प्रदेश और यनम और उत्तर प्रदेश में न्यूनतम तापमान में एक से चार डिग्री सेल्सियस की वृद्धि दर्ज हुई है।
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बदलती जलवायु का असर देश के तमाम इलाकों में देखा जा रहा, जहां समय से पहले गर्मी का अहसास होने लगा है। मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक, उत्तर-पश्चिम भारत और बिहार के मैदानी इलाकों के कई हिस्सों में न्यूनतम तापमान पांच से 12 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया जा रहा है। वहीं मध्य, पूर्व और पश्चिम भारत के कई हिस्सों में न्यूनतम तापमान 12 से 20 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया।

पिछले 24 घंटों के दौरान, हिमाचल प्रदेश, गुजरात, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम, तटीय आंध्र प्रदेश और यनम के अलग-अलग हिस्सों और उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल के कई इलाकों में न्यूनतम तापमान में एक से चार डिग्री सेल्सियस की वृद्धि दर्ज हुई है।

वहीं, पश्चिम बंगाल में गंगा के मैदानी इलाकों, विदर्भ, केरल और माहे के कुछ हिस्सों, जम्मू और कश्मीर, बिहार, असम और मेघालय तथा झारखंड के अलग-अलग हिस्सों में भी न्यूनतम तापमान में एक से चार डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी देखी गई है। जबकि मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों में न्यूनतम तापमान में एक से चार डिग्री सेल्सियस की गिरावट देखी गई है।

देश भर में अधिकतम और न्यूनतम तापमान की बात करें तो कल, रायलसीमा के कुरनूल में अधिकतम तापमान 36.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वहीं कल, देश के मैदानी इलाकों में राजस्थान के फतेहपुर में न्यूनतम तापमान 5.8 डिग्री सेल्सियस रहा।

अगले 24 घंटों के दौरान उत्तर-पश्चिम भारत में न्यूनतम तापमान में कोई बड़ा बदलाव होने की संभावना नहीं है और उसके बाद धीरे-धीरे दो से तीन डिग्री सेल्सियस की वृद्धि होने का पूर्वानुमान लगाया गया है।

वहीं, अगले चार दिनों के दौरान मध्य और पूर्वी भारत और गुजरात में न्यूनतम तापमान में कोई खास बदलाव होने की संभावना नहीं है। अगले चार से पांच दिनों के दौरान महाराष्ट्र में न्यूनतम तापमान में धीरे-धीरे दो से तीन डिग्री सेल्सियस की वृद्धि होने का अनुमान है।

कहां होगी बारिश व बर्फबारी?

मौसम विभाग के ताजा अपडेट के अनुसार, पश्चिमी विक्षोभ के कारण एक चक्रवाती प्रसार निचले स्तरों पर हरियाणा और इससे सटे इलाकों पर जारी है। वहीं मध्य और ऊपरी स्तरों में एक ताजा पश्चिमी विक्षोभ हवाओं के ट्रफ के रूप में देखा जा रहा है।

उपरोक्त मौसम संबंधी गतिविधियों के चलते पश्चिमी हिमालयी इलाकों के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश व बर्फबारी हो सकती है। जबकि आज उत्तर भारत के मैदानी इलाकों के पंजाब और हरियाणा तथा चंडीगढ़ के कुछ हिस्सों में हल्की बारिश होने की संभावना जताई गई है

मौसम विभाग की मानें तो तीन फरवरी से एक और ताजा पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होगा जिसके चलते चार फरवरी को पश्चिमी हिमालयी इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश तथा हिमपात होने की आशंका जताई गई है।

तीन, पांच और छह फरवरी को जम्मू और कश्मीर, लद्दाख, गिलगित-बाल्टिस्तान और मुजफ्फराबाद में, तीन से पांच फरवरी को हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश तथा बर्फबारी हो सकती है।

तीन से पांच फरवरी के दौरान पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ में, तीन और चार फरवरी को पश्चिमी उत्तर प्रदेश और राजस्थान के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश के जारी रहने की संभावना है।

पूर्वोत्तर भारत में मौसमी बदलाव संबंधी पूर्वानुमान देखें तो, पूर्वोत्तर असम के निचले स्तरों पर एक चक्रवाती प्रसार लगातार जारी है। इसके कारण दो फरवरी तक अरुणाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना जताई गई है। वहीं आज, यानी एक फरवरी को पूर्वोत्तर असम के कुछ हिस्सों में भी हल्की से मध्यम वर्षा होने का अनुमान लगाया गया है।

दक्षिण भारत में मौसम में बदलाव जारी है, दक्षिण केरल पर बना चक्रवाती प्रसार और निचले स्तरों में दक्षिण बंगाल की खाड़ी के ऊपर पूर्व में एक ट्रफ के रूप में जारी है। इन मौसमी गतिविधियों के कारण दो फरवरी तक तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल तथा केरल और माहे के अलग-अलग हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना जताई गई है।

कोहरे का कहर और दृश्यता में कमी

दो फरवरी तक उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और सिक्किम, ओडिशा, असम और मेघालय, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा में तथा तीन फरवरी तक बिहार में रात से सुबह के समय तक घने कोहरे से छुटकारा मिलने के आसार नहीं हैं

वहीं आज सुबह, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, बिहार, ओडिशा और तटीय आंध्र प्रदेश के अलग-अलग इलाकों में घने से बहुत घना कोहरा छाया रहा। जबकि, पूर्वी उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल में गंगा के मैदानी इलाकों में हल्के से मध्यम कोहरा, तथा पश्चिमी राजस्थान, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा और असम के अलग-अलग इलाकों में हल्का कोहरा देखा गया।

कोहरे की वजह से आज सुबह, पंजाब के पटियाला में दृश्यता शून्य मीटर, अमृतसर में दृश्यता 500 मीटर, हरियाणा के अंबाला में दृश्यता शून्य मीटर, दिल्ली के पालम और सफदरजंग हर जगह दृश्यता शून्य मीटर, पश्चिमी राजस्थान के चूरू में दृश्यता 500 मीटर, उत्तर प्रदेश के वाराणसी में दृश्यता 200 मीटर, बरेली, बहराइच और गोरखपुर हर जगह दृश्यता 500 मीटर, बिहार के पूर्णिया में दृश्यता शून्य मीटर, पटना और भागलपुर प्रत्येक जगह दृश्यता 500 मीटर, पश्चिम बंगाल में गंगा के मैदानी इलाकों के कोलकाता (दम दम) में दृश्यता 200 मीटर दर्ज की गई।

उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल के मालदा में दृश्यता 500 मीटर, असम के धुबरी में दृश्यता 500 मीटर, त्रिपुरा के अगरतला और कैलाशहर प्रत्येक जगह दृश्यता 500 मीटर, तटीय आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा और विशाखापत्तनम प्रत्येक जगह दृश्यता शून्य मीटर, बापटला में दृश्यता 500 मीटर, ओडिशा के बालासोर, भुवनेश्वर और गोपालपुर प्रत्येक जगह दृश्यता शून्य मीटर, तथा झारसुगुड़ा में दृश्यता 500 मीटर रिकॉर्ड की गई।

कल कहां हुई बारिश और कहां पड़ी गरज के साथ बौछारें?

कल, 31 जनवरी को जम्मू और कश्मीर, लद्दाख, गिलगित-बाल्टिस्तान और मुजफ्फराबाद के कुछ हिस्सों, तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल के अलग-अलग इलाकों में बादल बरसे या गरज के साथ बौछारें पड़ी। वहीं कल, गुलमर्ग में 1 सेमी बारिश दर्ज की गई।

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