देश में कहां चल रही है शीत लहर और कहां छाया है कोहरा, यहां जानें

जम्मू और कश्मीर, लद्दाख तथा हिमाचल प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में पिछले कुछ दिनों से न्यूनतम तापमान शून्य डिग्री सेल्सियस से नीचे दर्ज किया जा रहा है।
अगले कुछ दिनों तक हिमाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों में लोगों को भयंकर शीतलहर का कहर झेलना पड़ेगा
अगले कुछ दिनों तक हिमाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों में लोगों को भयंकर शीतलहर का कहर झेलना पड़ेगा
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मौसम विभाग के अनुसार, पश्चिमी विक्षोभ निचले और मध्य स्तरों पर पश्चिमी हवाओं में एक गर्त के रूप में सक्रिय है, जिसके कारण दक्षिण-पश्चिम राजस्थान के निचले स्तरों पर हवाओं का प्रसार बना हुआ है। हालांकि मौसम विभाग ने अपने पूर्वानुमान में पश्चिमी विक्षोभ के असर को लेकर कोई जानकारी नहीं दी है।

अगले कुछ दिनों तक उत्तर भारत के कई हिस्सों में पाला पड़ने की आशंका जताई गई है, खासकर हिमाचल प्रदेश और पूर्वी राजस्थान के कुछ हिस्सों में जबरदस्त पाला पड़ने के आसार हैं। साथ ही उत्तर के कई हिस्सों में तापमान में गिरावट रिकॉर्ड की जा रही है। वहीं जम्मू और कश्मीर, लद्दाख तथा हिमाचल प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में पिछले कुछ दिनों से न्यूनतम तापमान शून्य डिग्री सेल्सियस से नीचे दर्ज किया जा रहा है।

जबकि, पंजाब, हरियाणा, उत्तरी राजस्थान के अधिकतर इलाकों तथा मध्य प्रदेश तथा उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में न्यूनतम तापमान शून्य से छह डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। उत्तर-पश्चिम, पूर्व, मध्य और पश्चिम भारत के शेष हिस्सों में न्यूनतम तापमान छह से 12 डिग्री सेल्सियस रहा।

देश भर में अधिकतम और न्यूनतम तापमान की बात करें तो कल यानी 18 दिसंबर 2024 को तमिलनाडु के मदुरै और इरोड में अधिकतम तापमान 35.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। देश के मैदानी इलाकों में पश्चिम राजस्थान के चूरू में न्यूनतम तापमान 1.8 डिग्री सेल्सियस रहा।

मौसम विभाग के मुताबिक, पश्चिमी राजस्थान के अधिकतर हिस्सों में न्यूनतम तापमान में दो से चार डिग्री सेल्सियस की गिरावट आई है तथा तेलंगाना, ओडिशा, अरुणाचल प्रदेश के अधिकांश इलाकों तथा दक्षिण छत्तीसगढ़ और झारखंड के कुछ हिस्सों में न्यूनतम तापमान में दो से तीन डिग्री सेल्सियस की वृद्धि रिकॉर्ड की जा रही है।

अगले दो से चार दिनों के दौरान पश्चिमी हिमालयी इलाकों में न्यूनतम तापमान में धीरे-धीरे दो से तीन डिग्री सेल्सियस की गिरावट आने के आसार हैं। अगले दो दिनों के दौरान उत्तर-पश्चिम भारत के मैदानी इलाकों में न्यूनतम तापमान में कोई बड़ा बदलाव होने की संभावना नहीं है और उसके बाद के तीन दिनों के दौरान न्यूनतम तापमान में दो से तीन डिग्री सेल्सियस की गिरावट आने का पूर्वानुमान है।

अगले दो दिनों के दौरान मध्य भारत और महाराष्ट्र में न्यूनतम तापमान में तीन से चार डिग्री सेल्सियस की वृद्धि होने का अनुमान है। अगले तीन दिनों के दौरान गुजरात में न्यूनतम तापमान में कोई बड़ा बदलाव होने की संभावना नहीं है और उसके बाद के दो दिनों के दौरान न्यूनतम तापमान में दो से तीन डिग्री सेल्सियस की वृद्धि होने का पूर्वानुमान लगाया गया है।

अगले दो दिनों के दौरान पूर्वी भारत में न्यूनतम तापमान में दो से तीन डिग्री सेल्सियस की वृद्धि होने के आसार हैं, विभाग ने कहा है कि उसके बाद कोई खास बदलाव नहीं होगा।

कहां-कहां रहेगा शीतलहर का सितम?

अगले कुछ दिनों तक हिमाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों में लोगों को भयंकर शीतलहर का कहर झेलना पड़ेगा। 19 से 21 दिसंबर के दौरान पूर्वी राजस्थान के अलग-अलग हिस्सों, 20 और 21 दिसंबर को पश्चिमी राजस्थान में, 18 से 22 दिसंबर के दौरान पंजाब में भी शीतलहर का सितम जारी रहेगा।

मौसम विभाग की मानें तो अगले सात दिनों के दौरान जम्मू और कश्मीर, लद्दाख, गिलगित, बाल्टिस्तान और मुजफ्फराबाद के अलग-अलग इलाकों में शीतलहर का दौर जारी रहेगा है। 19 और 22 दिसंबर को पश्चिमी राजस्थान, 18 और 22 दिसंबर को पूर्वी राजस्थान, 23 और 24 दिसंबर को हिमाचल प्रदेश और 22 दिसंबर के दौरान हरियाणा में लोगों को शीतलहर से दो चार होना पड़ेगा।

कोहरे का कहर और दृश्यता में कमी

हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश के अलग-अलग इलाकों तथा असम और मेघालय में देर रात से सुबह के समय तक घने कोहरे की चादर देखी जा रही है। वहीं कल देर रात से आज सुबह तक दिल्ली और पूर्वी उत्तर प्रदेश के अलग-अलग इलाकों में हल्के से मध्यम कोहरा तथा जम्मू और कश्मीर, पश्चिमी मध्य प्रदेश, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, बिहार और त्रिपुरा के अलग-अलग इलाकों में हल्का कोहरा छाया रहा। मौसम विभाग ने कहा है कि 20 और 21 दिसंबर को पूर्वी राजस्थान और झारखंड में घने कोहरे का कहर जारी रहेगा।

कोहरे के कारण आज सुबह, जम्मू और कश्मीर के श्रीनगर में दृश्यता 500 मीटर, पंजाब के अमृतसर में दृश्यता शून्य मीटर, दिल्ली के सफदरजंग में दृश्यता 200 मीटर, पालम में दृश्यता 500 मीटर, पश्चिम मध्य प्रदेश के ग्वालियर में दृश्यता 500 मीटर, पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बरेली में दृश्यता 500 मीटर, पूर्वी उत्तर प्रदेश के वाराणसी में दृश्यता 200 मीटर, सुल्तानपुर और लखनऊ प्रत्येक जगह दृश्यता 500 मीटर, बिहार के पटना, भागलपुर और पूर्णिया प्रत्येक जगह दृश्यता 500 मीटर तथा त्रिपुरा के कैलाशहर में दृश्यता 500 मीटर दर्ज की गई।

कहां होगी भारी बारिश?

मौसम विभाग के अनुसार, बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पश्चिम में कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है। इससे जुड़ा चक्रवाती प्रसार समुद्र तल से 5.8 किमी ऊपर तक फैला हुआ है। इसके अगले 24 घंटों के दौरान उत्तर-पश्चिम की ओर उत्तर तमिलनाडु और दक्षिण आंध्र प्रदेश तट की ओर बढ़ने का अनुमान है। इसके बाद, अगले 24 घंटों में इसके आंध्र प्रदेश तट के साथ उत्तर की ओर बढ़ने का पूर्वानुमान लगाया गया है।

उपरोक्त मौसम संबंधी गतिविधियों को देखते हुए मौसम विभाग ने आज, तटीय आंध्र प्रदेश और यनम के अलग-अलग इलाकों में तूफानी हवाओं के साथ भारी से बहुत भारी बारिश तथा बिजली गिरने की आशंका जताई है, यहां 12 सेमी (120 मिमी) से अधिक बारिश हो सकती है।

वहीं आज, रायलसीमा में अलग-अलग हिस्सों में वज्रपात होने तथा गरज के साथ बादलों के जमकर बरसने के आसार हैं, यहां सात सेमी (70 मिमी) से अधिक बरस सकते हैं बादल।

समुद्र में उथल-पुथल

मौसम विभाग के मुताबिक, आज मन्नार की खाड़ी, दक्षिण-पश्चिम के उत्तरी भागों और पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी के दक्षिणी हिस्सों, तमिलनाडु और दक्षिणी आंध्र प्रदेश के तटों पर 35 से 45 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली तूफानी हवाओं के और तेज होकर 55 किमी प्रति घंटे की रफ्तार में तब्दील होने की आशंका जताई गई है। मौसम विभाग ने मछुआरों को इन इलाकों में मछली पकड़ने या किसी तरह के व्यापार से संबंधित काम के लिए जाने से परहेज करने को कहा है।

कल कहां हुई बारिश और कहां पड़ी गरज के साथ बौछारें?

कल, 18 दिसंबर को तटीय आंध्र प्रदेश और यनम के कुछ हिस्सों, तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, लक्षद्वीप तथा रायलसीमा के अलग-अलग हिस्सों में बारिश हुई या गरज के साथ बौछारें पड़ी।

कल कहां कितने बरसे बादल?

कल, 18 दिसंबर को अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के कार निकोबार में 4 सेमी, तमिलनाडु के नुमगंबक्कम में 4 सेमी, चेन्नई में 3 सेमी बारिश रिकॉर्ड की गई।

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