
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार, पश्चिमी विक्षोभ निचले और मध्य स्तरों में एक ट्रफ के रूप में सक्रिय है। हालांकि पूर्वानुमान में उत्तर भारत में बारिश व बर्फबारी की किसी तरह कि कोई गतिविधि का जिक्र नहीं किया गया है। जबकि आज, हिमाचल प्रदेश और राजस्थान के अलग-अलग इलाकों में लोगों को शीत लहर से दो चार होना पड़ सकता है।
मौसम विभाग के द्वारा जारी पूर्वानुमान में कहा गया है कि आठ फरवरी, 2025 से एक और नया पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होकर पश्चिमी हिमालयी इलाकों के मौसम में बदलाव करने के आसार हैं। इसके कारण आठ से 11 फरवरी के दौरान पश्चिमी हिमालयी हिस्सों में हल्की बारिश व बर्फबारी की संभावना जताई गई है।
वहीं पूर्वोत्तर भारत में मौसमी बदलाव देखें तो, दो चक्रवाती प्रसार सक्रिय हैं, पहला उत्तरी बांग्लादेश और दूसरा पूर्वोत्तर असम के निचले स्तरों पर जारी हैं। इन सभी मौसमी गतिविधियों के चलते छह और सात फरवरी को अरुणाचल प्रदेश और पूर्वोत्तर असम में बिजली गिरने तथा हल्की से मध्यम बारिश होने का पूर्वानुमान है। जबकि सात फरवरी को अरुणाचल प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में भारी बारिश होने की आशंका जताई गई है।
तापमान में उतार-चढ़ाव
मौसम विभाग की मानें तो अगले दो से तीन दिनों के दौरान उत्तर-पश्चिम और मध्य भारत में न्यूनतम तापमान में धीरे -धीरे दो से तीन डिग्री सेल्सियस की गिरावट आने की संभावना है। वहीं अगले 24 घंटों के दौरान पूर्वी भारत में न्यूनतम तापमान में दो से तीन डिग्री सेल्सियस की वृद्धि और उसके बाद तीन से चार डिग्री सेल्सियस की गिरावट आ सकती है।
अगले 24 घंटों के दौरान महाराष्ट्र में न्यूनतम तापमान में कोई बड़ा बदलाव नहीं होगा, हालांकि उसके बाद दो से तीन डिग्री सेल्सियस की वृद्धि होने का पूर्वानुमान है। अगले तीन दिनों के दौरान गुजरात में न्यूनतम तापमान में दो से तीन डिग्री सेल्सियस की वृद्धि हो सकती है।
मौसम विभाग के मुताबिक, अगले पांच दिनों के दौरान पश्चिम भारत में अधिकतम तापमान में दो डिग्री सेल्सियस की वृद्धि होने का अनुमान है। वहीं अगले चार से पांच दिनों के दौरान मध्य, पूर्व और दक्षिण भारत में अधिकतम तापमान के सामान्य से तीन से पांच डिग्री सेल्सियस अधिक रहने के आसार हैं।
उत्तर-पश्चिम, मध्य और पश्चिम भारत के कुछ हिस्सों में न्यूनतम तापमान में एक से चार डिग्री सेल्सियस की गिरावट आई है तथा पूर्व और दक्षिण प्रायद्वीप के कुछ हिस्सों, पूर्वोत्तर भारत और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के अलग-अलग हिस्सों में एक से चार डिग्री सेल्सियस की वृद्धि देखी गई है।
पश्चिमी हिमालयी इलाकों और उत्तर-पश्चिम भारत के मैदानी इलाकों के कई हिस्सों में न्यूनतम तापमान पांच से 10 डिग्री सेल्सियस के बीच रिकॉर्ड किया जा रहा है तथा मध्य, पूर्व और पश्चिम भारत के कई हिस्सों में यह 11 से 20 डिग्री सेल्सियस के बीच बना हुआ है।
दक्षिण-पूर्वी मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, विदर्भ, मराठवाड़ा, तेलंगाना, उत्तर आंतरिक कर्नाटक, तटीय आंध्र प्रदेश और यनम तथा पश्चिमी ओडिशा के कई इलाकों में अधिकतम तापमान 34 से 38 डिग्री सेल्सियस के बीच दर्ज किया जा रहा है।
कोहरे का कहर और दृश्यता में कमी
सात फरवरी तक ओडिशा और हिमाचल प्रदेश के अलग-अलग इलाकों में सुबह के समय घना कोहरा छाए रहने के आसार जताए गए हैं।
आज सुबह भी ओडिशा के अलग-अलग इलाकों में घना कोहरा छाया रहा, इसके कारण ओडिशा के भुवनेश्वर हवाई अड्डे में दृश्यता 150 मीटर रिकॉर्ड की गई।
कहां हुई बारिश तथा बर्फबारी?
कल पांच फरवरी को जम्मू और कश्मीर, लद्दाख, गिलगित-बाल्टिस्तान-मुजफ्फराबाद और हिमाचल प्रदेश के अलग-अलग इलाकों में बारिश या बर्फबारी दर्ज की गई। वहीं हिमाचल प्रदेश के मनाली में 1 सेमी बारिश रिकॉर्ड की गई।