पहाड़ी इलाकों में पारा शून्य से नीचे, कई राज्यों में शीतलहर व कोहरे का कहर

मौसम विभाग के द्वारा 25 दिसंबर, 2025 को जारी पूर्वानुमान में कहा गया है कि देशभर में सक्रिय मौसमी प्रणालियों के कारण पहाड़ों में बर्फबारी, मैदानी इलाकों में घना कोहरा व शीतलहर से बढ़ सकती है परेशानी
ज्यादातर पहाड़ी राज्यों में मौसम शुष्क बना हुआ है इसलिए यहां ऊंचाई वाले क्षेत्रों में पाला पड़ने की आशंका जताई गई है।
ज्यादातर पहाड़ी राज्यों में मौसम शुष्क बना हुआ है इसलिए यहां ऊंचाई वाले क्षेत्रों में पाला पड़ने की आशंका जताई गई है।फोटो : विकिमीडिया कॉमन्स
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सारांश
  • पश्चिमी जेट स्ट्रीम सक्रिय रहने से उत्तर भारत के मौसम में तेजी से बदलाव, ठंड और पश्चिमी विक्षोभ का असर बढ़ा।

  • उत्तराखंड और हिमाचल के पहाड़ी इलाकों में हल्की बारिश-बर्फबारी की संभावना, जबकि मैदानी क्षेत्रों में घना कोहरा छाया रहेगा।

  • जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में कड़ाके की ठंड, बर्फबारी के आसार, रात के तापमान के शून्य से नीचे जाने के आसार।

  • दिल्ली-एनसीआर और उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में घने से बहुत घने कोहरे के कारण यातायात प्रभावित होने की आशंका।

  • उत्तर-पश्चिम और पूर्वी भारत में न्यूनतम तापमान में गिरावट, कई राज्यों में शीतलहर और ठंडे दिन की चेतावनी।

भारत में इन दिनों मौसम का रुख काफी जटिल और चुनौतीपूर्ण बना हुआ है। देश के अलग–अलग हिस्सों में एक साथ कई मौसमी प्रणालियां सक्रिय हैं, जिनका असर पहाड़ी क्षेत्रों से लेकर मैदानी इलाकों और समुद्री क्षेत्रों तक साफ तौर पर देखा जा सकता है। कहीं कड़ाके की ठंड और घना कोहरा लोगों की दिनचर्या को प्रभावित कर रहा है, तो कहीं पहाड़ों में धूप के बावजूद ठंडी हवाओं ने सर्दी का सितम बढ़ा दिया है। आइए विस्तार से समझते हैं कि देश के विभिन्न हिस्सों में मौसम की स्थिति कैसी बनी हुई है।

मौसम विभाग के द्वारा आज सुबह, 25 दिसंबर, 2025 को जारी पूर्वानुमान में कहा गया है कि उपोष्णकटिबंधीय पश्चिमी जेट स्ट्रीम पूर्वोत्तर भारत के ऊपर सक्रिय बनी हुई है। इन जेट स्ट्रीम हवाओं की गति लगभग 130 नॉट्स है और यह समुद्र तल से लगभग 12.6 किमी की ऊंचाई पर बह रही है। जेट स्ट्रीम ऊपरी वायुमंडल में मौसम की गतिविधियों को तेज करता है और पश्चिमी विक्षोभों को आगे बढ़ाने में मदद करता है।

इसी क्रम में एक नया लेकिन कमजोर पश्चिमी विक्षोभ 27 दिसंबर, 2025 से पश्चिमी हिमालयी इलाकों के मौसम को बदल सकता है। यह पश्चिमी विक्षोभ उत्तर भारत के पहाड़ी इलाकों में बादल, हल्की बारिश और बर्फबारी का कारण बन सकता है। हालांकि यह विक्षोभ बहुत अधिक शक्तिशाली नहीं है, लेकिन ठंड को और बढ़ाने में इसकी भूमिका अहम होगी।

उत्तराखंड में कैसा रहेगा मौसम का मिजाज?

उत्तराखंड में इस समय मौसम दो बिल्कुल अलग रूप दिखा रहा है। पहाड़ी इलाकों में दिन के समय तेज धूप निकल रही है, जिससे अधिकतम तापमान में मामूली बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। हालांकि सुबह और शाम के समय हाड़ कंपाने वाली ठिठुरन बनी हुई है। दूसरी ओर, राज्य के मैदानी इलाकों में घना कोहरा और कड़ाके की ठंड लोगों के लिए परेशानी का कारण बन रही है। मौसम विभाग के अनुसार, अगले दो से तीन दिनों तक कोहरे से राहत मिलने के आसार कम हैं।

ऊंचाई वाले जिलों जैसे उत्तरकाशी, चमोली और पिथौरागढ़ में फिलहाल भारी बर्फबारी की संभावना नहीं है। हालांकि 28 और 30 दिसंबर को उत्तराखंड में कहीं-कहीं हल्की से मध्यम बारिश या बर्फबारी हो सकती है, जबकि 29 और 30 दिसंबर को यह गतिविधि थोड़ी अधिक तेज हो सकती है। इससे पहाड़ी इलाकों में ठंड और बढ़ सकती है।

हिमाचल प्रदेश में मौसम का हाल

हिमाचल प्रदेश में इन दिनों मौसम शुष्क बना हुआ है, लेकिन ठंड लगातार बढ़ती जा रही है। ऊंचे पहाड़ी इलाकों में भीषण शीत लहर का असर देखने को मिल रहा है, जबकि निचले और मैदानी क्षेत्रों में घना कोहरा जनजीवन को प्रभावित कर रहा है। लाहौल-स्पीति और किन्नौर जैसे इलाकों में तापमान शून्य से नीचे चला गया है।

हालांकि शिमला और कुल्लू-मनाली जैसे पर्यटन स्थलों पर दिन में धूप निकलने से तापमान में थोड़ी बढ़ोतरी दर्ज की गई है। राज्य में सबसे कम न्यूनतम तापमान माइनस 6.2 डिग्री सेल्सियस कुकुमसेरी में रिकॉर्ड किया गया, जबकि ऊना में अधिकतम तापमान 24.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ। प्रदेश के 13 शहरों में न्यूनतम तापमान पांच डिग्री सेल्सियस से नीचे रहा। 28 और 30 दिसंबर को हिमाचल प्रदेश में भी कहीं-कहीं हल्की बारिश या बर्फबारी की संभावना है।

जम्मू और कश्मीर तथा लद्दाख के मौसम का रुख

जम्मू और कश्मीर में इस समय भीषण ठंड का प्रकोप जारी है। कश्मीर घाटी में आसमान आमतौर पर बादलों से घिरा रहने की संभावना है। श्रीनगर, गुलमर्ग, पहलगाम और सोनमर्ग जैसे इलाकों में बर्फबारी की संभावना जताई गई है। वहीं जम्मू क्षेत्र में हल्की बारिश हो सकती है। इससे ठंड और अधिक बढ़ने की आशंका है। रात के समय तापमान शून्य के आसपास या उससे नीचे जा सकता है।

जम्मू और कश्मीर, लद्दाख, गिलगित-बाल्टिस्तान और मुजफ्फराबाद में 27 से 30 दिसंबर के बीच हल्की से मध्यम बारिश या बर्फबारी की संभावना है। इस कारण इन क्षेत्रों में मौसम काफी चुनौतीपूर्ण बना रहेगा।

ज्यादातर पहाड़ी राज्यों में मौसम शुष्क बना हुआ है इसलिए यहां ऊंचाई वाले क्षेत्रों में पाला पड़ने की आशंका जताई गई है।

दिल्ली–एनसीआर और उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में कैसा रहेगा मौसम?

देश की राजधानी दिल्ली और आसपास के एनसीआर के इलाके में घने से बहुत घने कोहरे की चेतावनी जारी की गई है। 27 से 29 दिसंबर के बीच घने से बहुत घना कोहरा छाए रहने का अंदेशा है, जबकि 29 और 30 दिसंबर की सुबह बहुत घना कोहरा देखने को मिल सकता है। इससे सड़क, रेल और हवाई यातायात पर असर पड़ सकता है। दिल्ली में अधिकतम तापमान लगभग 21 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान के सात डिग्री सेल्सियस रहने का अनुमान है।

पूर्वी और पश्चिमी उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, बिहार और आसपास के क्षेत्रों में भी रात और सुबह के समय घने कोहरे की स्थिति बनी रह सकती है। कई इलाकों में दृश्यता काफी कम हो सकती है, जिससे लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है।

तापमान में उतार-चढ़ाव

उत्तर-पश्चिम भारत में अगले दो दिनों के दौरान न्यूनतम तापमान में दो से चार डिग्री सेल्सियस तक की गिरावट होने का पूर्वानुमान है। इसके बाद अगले कुछ दिनों तक तापमान में कोई बड़ा बदलाव नहीं होगा। पूर्वी भारत में अगले तीन दिनों में न्यूनतम तापमान दो से तीन डिग्री सेल्सियस तक गिर सकता है।

पूर्वोत्तर भारत में फिलहाल तापमान में खास बदलाव नहीं होगा, लेकिन इसके बाद धीरे-धीरे तीन से चार डिग्री सेल्सियस तक गिरावट हो सकती है। देश के बाकी हिस्सों में अगले सात दिनों तक न्यूनतम तापमान में कोई बड़ा बदलाव होने की संभावना नहीं है।

देश भर में अधिकतम और न्यूनतम तापमान की बात करें तो कल, 24 दिसंबर, 2025 को केरल के कोट्टायम में अधिकतम तापमान 35.5 डिग्री सेल्सियस रहा। जबकि कल, देश के मैदानी इलाकों में मध्य प्रदेश के शिवपुरी में न्यूनतम तापमान 1.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

शीतलहर और ठंडे दिन की चेतावनी

पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और झारखंड के कुछ इलाकों में शीतलहर चलने की आशंका जताई गई है। उत्तराखंड में ठंडा दिन से लेकर बेहद ठंडे दिन जैसी स्थिति देखी जा सकती है। पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार के कुछ हिस्सों में भी ठंड का असर ज्यादा रहेगा।

समुद्री क्षेत्रों का मौसम

दक्षिण केरल से सटे दक्षिण-पूर्व अरब सागर के ऊपर ऊपरी हवा में चक्रवाती प्रसार बना हुआ है। इसके प्रभाव से कोमोरिन क्षेत्र और उससे लगे हुए मन्नार की खाड़ी में 45 से 55 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली वाली तूफानी हवाओं के और तेज होकर  65 किमी प्रति घंटे तक पहुंचने के आसार। विभाग ने मछुआरों को इस दौरान सतर्क रहने की सलाह दी है।

कुल मिलाकर, देश के अधिकांश हिस्सों में मौसम ठंडा, कोहरे वाला और कुछ जगहों पर चुनौतीपूर्ण बना हुआ है। पहाड़ी इलाकों में हल्की बारिश और बर्फबारी, मैदानी इलाकों में घना कोहरा और कई राज्यों में शीतलहर की स्थिति लोगों के रोजमर्रा के जीवन को प्रभावित कर रही है। ऐसे में मौसम विभाग की चेतावनियों पर ध्यान देना, यात्रा के दौरान सावधानी बरतना और ठंड से बचाव के उपाय अपनाना बेहद जरूरी है।

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