

सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ और तेज जेट स्ट्रीम के कारण उत्तर भारत में कड़ाके की सर्दी और तापमान में लगातार गिरावट।
जम्मू और कश्मीर, हिमाचल और उत्तराखंड के ऊंचे इलाकों में बारिश व बर्फबारी, कई इलाकों में पारा शून्य से नीचे।
पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और उत्तर प्रदेश में 27 दिसंबर तक घने से बहुत घना कोहरा, यातायात बुरी तरह प्रभावित।
बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश में ठंडे दिन व शीतलहर की चेतावनी, दिन का तापमान सामान्य से सात से नौ डिग्री नीचे।
दिल्ली में सुबह हल्का कोहरा, दिन में धूप संभव, लेकिन वायु गुणवत्ता बेहद खराब, एक्यूआई 374 दर्ज।
देश के अधिकांश हिस्सों में इस समय सर्दी का प्रभाव साफ तौर पर देखा जा सकता है, लेकिन उत्तर भारत में ठंड ने लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी को खासा प्रभावित किया है। पहाड़ी क्षेत्रों से लेकर मैदानी इलाकों तक तापमान में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के आज सुबह, 23 दिसंबर, 2025 को जारी अपने ताजा अपडेट में कहा है कि इसका मुख्य कारण सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ, उपोष्णकटिबंधीय पछुआ जेट स्ट्रीम और ठंडी पछुआ हवाएं हैं।
वर्तमान में एक पश्चिमी विक्षोभ मध्य और ऊपरी स्तरों (ट्रोपोस्फियर) पर सक्रिय है। यह उत्तर भारत के मौसम को प्रभावित करने वाला एक अहम कारण होता है, विशेष रूप से सर्दियों के मौसम में। इसके प्रभाव से हिमालयी इलाकों में बारिश और बर्फबारी होती है, जिसका असर आगे चलकर मैदानी इलाकों में सर्दी के प्रकोप बढ़ने के रूप में दिखाई देता है।
इसके साथ ही उत्तर भारत के ऊपर उपोष्णकटिबंधीय पछुआ जेट स्ट्रीम लगातार बनी हुई है। यह जेट स्ट्रीम लगभग 12.6 किमी की ऊंचाई पर बह रही है, जिसमें हवा की गति 140 नॉट्स तक पहुंच रही है। तेज रफ्तार से बहने वाली हवाएं वातावरण में ठंडक को और बढ़ा देती हैं। इसके कारण तापमान सामान्य से नीचे चला गया है और सर्दी का प्रकोप बढ़ रहा है।
पहाड़ी राज्यों में हालात
जम्मू और कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के ऊंचे इलाकों में मौसम की स्थिति और भी चुनौतीपूर्ण बनी हुई है। उत्तराखंड के चमोली, उत्तरकाशी और पिथौरागढ़ जैसे पहाड़ी जिलों में तापमान सुबह और शाम के समय लगभग शून्य डिग्री सेल्सियस के आसपास बना हुआ है। भारी पाला (फ्रॉस्ट) पड़ने से जनजीवन प्रभावित हो रहा है।
मौसम विभाग के अनुसार, अगले 24 से 48 घंटों के दौरान ऊंचे हिमालयी इलाकों में हल्की बारिश और बर्फबारी होने की संभावना है। इससे आने वाले दिनों में ठंड और अधिक बढ़ सकती है। हिमाचल प्रदेश में हाल ही में हुई बर्फबारी के बाद कुछ क्षेत्रों में मौसम साफ हुआ, जिससे दिन के समय धूप निकलने पर अधिकतम तापमान में थोड़ी बढ़ोतरी दर्ज की गई। हालांकि लाहौल-स्पीति जैसे क्षेत्रों में न्यूनतम तापमान शून्य से नीचे चला गया है।
शिमला स्थित मौसम विज्ञान केंद्र ने हिमाचल प्रदेश के मैदानी इलाकों के लिए 26 दिसंबर तक कोहरे की चेतावनी जारी की है। बिलासपुर और मंडी जिले की बल्ह घाटी के कुछ हिस्सों में सुबह और देर रात के समय घने कोहरे को लेकर येलो अलर्ट जारी किया गया है। इससे सड़क यातायात प्रभावित होने के आसार हैं।
उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में कोहरे का कहर व शीतलहर का सितम
उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में ठंड के साथ-साथ घना कोहरा भी एक बड़ी समस्या बनकर उभरा है। पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली और उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों में रात और सुबह के समय बहुत घना कोहरा छाया रहता है। दृश्यता बेहद कम होने के कारण सड़क और रेल यातायात प्रभावित हो रहा है।
मौसम विभाग ने अपने पूर्वानुमान में कहा है कि पंजाब में 27 दिसंबर तक बहुत घना कोहरा छाए रहने का अंदेशा है। उत्तर प्रदेश में आज, 23 दिसंबर और फिर 25 से 28 दिसंबर के बीच घना कोहरा रहने की चेतावनी दी गई है।
वहीं हरियाणा, चंडीगढ़ और दिल्ली में 24 से 27 दिसंबर तक कोहरे का असर बना रहेगा। इसके अलावा, बिहार, ओडिशा, राजस्थान, झारखंड, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और पूर्वोत्तर भारत के कुछ हिस्सों में भी घने कोहरे की आशंका जताई गई है।
ठंडे दिन और शीतलहर का अलर्ट
लगातार कोहरे और बादलों की वजह से दिन के तापमान में भारी गिरावट आई है। कई इलाकों में दिन का तापमान सामान्य से सात से नौ डिग्री सेल्सियस तक नीचे चला गया है। इसे ठंडा दिन या ‘कोल्ड डे कंडीशन’ कहा जाता है। पूर्वी उत्तर प्रदेश में 22 दिसंबर को कहीं-कहीं भयंकर शीत दिवस की स्थिति बने रहने का अंदेशा है।
जबकि बिहार में 22 से 26 दिसंबर तक ठंडे दिन रहने की चेतावनी दी गई है। इसी बीच पश्चिमी उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और झारखंड के कुछ हिस्सों में भी ठंडे दिन की स्थिति देखी जा सकती है।
दिल्ली में मौसम और प्रदूषण की दोहरी मार
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सुबह के समय हल्का कोहरा देखा जा सकता है, लेकिन दिन चढ़ने के साथ आसमान साफ रहने और धूप निकलने की संभावना है। हवा की गति 15 से 30 किमी प्रति घंटा रहने का अनुमान है।
दिल्ली में सोमवार को अधिकतम तापमान 21.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से 1.1 डिग्री अधिक था। वहीं न्यूनतम तापमान 11 डिग्री सेल्सियस रहा, जो सामान्य से 3.5 डिग्री अधिक था। आने वाले दिनों में अधिकतम तापमान लगभग 22 डिग्री और न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने की संभावना है।
हालांकि दिल्ली में वायु गुणवत्ता चिंता का विषय बनी हुई है। दिल्ली का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 374 दर्ज किया गया, जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आता है। ठंड और हवा की गति में कमी के कारण प्रदूषण लंबे समय तक वातावरण में बना रहता है।
तापमान में उतार-चढ़ाव
देश भर में अधिकतम और न्यूनतम तापमान की बात करें तो कल, 22 दिसंबर, 2025 को केरल के कोट्टायम में अधिकतम तापमान 35.5 डिग्री सेल्सियस रहा। जबकि कल, देश के मैदानी इलाकों में पूर्वी उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में न्यूनतम तापमान 4.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
समुद्री क्षेत्रों में कैसा रहेगा मौसम?
दक्षिण भारत के समुद्री क्षेत्रों में भी मौसम सक्रिय बना हुआ है। कोमोरिन क्षेत्र और उसके आसपास ऊंचाई पर चक्रवाती प्रसार बना हुआ है। इसके प्रभाव से सोमालिया तट, कोमोरिन क्षेत्र और मन्नार की खाड़ी के कुछ हिस्सों में 45 से 55 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली तूफानी हवाओं में और इजाफा होकर 65 किमी प्रति घंटे की रफ्तार में तब्दील होने के आसार हैं। इन गतिविधियों को देखते हुए मौसम विभाग ने मछुआरों को समुद्र में जाने से सावधानी बरतने की सलाह दी है।
कुल मिलाकर, देश के बड़े हिस्से में सर्दी अपने चरम पर है। पश्चिमी विक्षोभ, तेज जेट स्ट्रीम, ठंडी हवाएं और घना कोहरा मिलकर उत्तर भारत में ठंड को और अधिक बढ़ा रहे हैं।
पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी और मैदानी क्षेत्रों में कोहरे के कारण जनजीवन प्रभावित हो रहा है। मौसम विभाग की चेतावनियों को ध्यान में रखते हुए लोगों को सतर्क रहने, अनावश्यक यात्रा से बचने और ठंड से बचाव के उपाय अपनाने की जरूरत है।