कोहरा और प्रदूषण की मार जारी, जानिए देश में मौसम का हाल

आज, 22 दिसंबर, 2025 को आईएमडी के ताजा अपडेट में कहा गया है कि ऊंचाई वाले हिमालयी इलाकों में बर्फबारी, बर्फीला तूफान, मैदानी हिस्सों में कड़ाके की सर्दी, कोहरा व प्रदूषण की मार
जम्मू और कश्मीर के ऊंचाई वाले इलाकों में अगले 24 घंटों के दौरान भारी बर्फबारी और बर्फीले तूफान (ब्लिजार्ड) की चेतावनी दी गई है।
जम्मू और कश्मीर के ऊंचाई वाले इलाकों में अगले 24 घंटों के दौरान भारी बर्फबारी और बर्फीले तूफान (ब्लिजार्ड) की चेतावनी दी गई है।फोटो साभार: विकिमीडिया कॉमन्स, अपूर्व013
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सारांश
  • पश्चिमी विक्षोभ और जेट स्ट्रीम सक्रिय, हिमालयी क्षेत्रों में बर्फबारी, मैदानी इलाकों में कड़ाके की ठंड और घना कोहरा।

  • उत्तराखंड और हिमाचल के ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी, मैदानी जिलों में कोहरे के कारण जनजीवन प्रभावित।

  • जम्मू और कश्मीर तथा लद्दाख में भारी बर्फबारी व बर्फीले तूफान की चेतावनी, तेज हवाओं से दृश्यता घटने की आशंका।

  • दिल्ली-एनसीआर में कोल्ड डे की संभावना, घना कोहरा, गिरता तापमान और बहुत खराब वायु गुणवत्ता से परेशानी।

  • कई राज्यों में घना कोहरा और शीतलहर की चेतावनी, समुद्री इलाकों में तेज हवाओं को लेकर अलर्ट जारी।

इन दिनों उत्तर भारत का मौसम तेजी से बदलाव के दौर से गुजर रहा है। पहाड़ी इलाकों में जहां बर्फबारी शुरू हो गई है, वहीं मैदानी क्षेत्रों में घना कोहरा और ठंड लोगों की दिनचर्या को प्रभावित कर रही है। इस मौसमी बदलाव के पीछे पश्चिमी विक्षोभ, उपोष्णकटिबंधीय पश्चिमी जेट स्ट्रीम और अन्य मौसमी गतिविधियों को जिम्मेवार माना जा रहा है, जो देश के अलग-अलग हिस्सों में अलग-अलग असर डाल रही हैं।

मौसम विभाग के द्वारा आज, 22 दिसंबर, 2025 को जारी ताजा अपडेट में कहा गया है कि पश्चिमी विक्षोभ मध्य और ऊपरी स्तरों में एक ट्रफ के रूप में सक्रिय है। इसके साथ ही उपोष्णकटिबंधीय पश्चिमी जेट स्ट्रीम उत्तर-पश्चिम भारत के ऊपर जारी है, जिसमें लगभग 130 नॉट की तेज हवाएं 12.6 किमी की ऊंचाई पर बह रही हैं। यही मजबूत हवाएं और वायुमंडलीय गतिविधियां पहाड़ी क्षेत्रों में बर्फबारी और मैदानी इलाकों में ठंड व कोहरे को बढ़ावा दे रही हैं।

उत्तराखंड में दो अलग-अलग मौसम

उत्तराखंड में इस समय दो तरह का मौसम देखने को मिल रहा है। राज्य के मैदानी जिलों में घना कोहरा और कड़ाके की ठंड लोगों को परेशान कर रही है, जबकि ऊंचाई वाले हिमालयी इलाकों में बर्फबारी शुरू हो चुकी है। देहरादून स्थित मौसम विज्ञान केंद्र ने हरिद्वार और उधम सिंह नगर जिलों के लिए घने कोहरे का येलो अलर्ट जारी किया है और लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी है। इसके अलावा राज्य के चार अन्य जिलों में बारिश और बर्फबारी की संभावना जताई गई है।

हालांकि राज्य के बाकी जिलों में मौसम के शुष्क रहने की संभावना है, लेकिन सुबह और रात के समय कोहरा दृश्यता को काफी कम कर सकता है, जिससे सड़क और रेल यातायात प्रभावित हो सकता है।

हिमाचल प्रदेश में बर्फबारी और ठिठुरन

हिमाचल प्रदेश के ऊंचाई वाले इलाकों में मौसम ने करवट ले ली है। रोहतांग पास, अटल टनल रोहतांग और शिंकू ला दर्रे पर हल्की बर्फबारी दर्ज की गई है। निचले इलाकों में भी मौसम खराब बना हुआ है। शिमला, कुल्लू और मनाली में बादल छाए रहे, जबकि बिलासपुर और ऊना जैसे मैदानी जिलों में घना कोहरा देखा गया। मंडी में हल्का कोहरा रहा।

प्रदेश के 25 शहरों में न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से नीचे दर्ज किया गया है, जिससे ठंड और ज्यादा बढ़ गई है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के अनुसार, आने वाले दिनों में मौसम में और बदलाव हो सकता है। आज, 22 दिसंबर को किन्नौर और लाहौल-स्पीति जिलों में एक-दो जगहों पर तूफानी हवाएं चलने के आसार हैं, जिसके लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। इस दौरान लाहौल-स्पीति, चंबा और किन्नौर में हल्की से मध्यम बारिश और बर्फबारी भी हो सकती है।

जम्मू और कश्मीर तथा लद्दाख में बर्फीला दौर

जम्मू और कश्मीर तथा लद्दाख में अगले तीन दिनों तक हल्की से मध्यम बारिश और बर्फबारी की संभावना है। ऊंचाई वाले इलाकों में अगले 24 घंटों के दौरान भारी बर्फबारी और बर्फीले तूफान (ब्लिजार्ड) की चेतावनी दी गई है।

इस दौरान 50 से 60 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली तूफानी हवाओं के और तेज होकर 70 किमी प्रति घंटे की रफ्तार में तब्दील होने की आशंका है। बर्फबारी के कारण दृश्यता 400 मीटर से भी कम हो सकती है, जिससे सड़क यातायात, दैनिक जीवन और पर्यटकों की आवाजाही प्रभावित होने की आशंका है।

दिल्ली-एनसीआर में ठंड, कोहरा और प्रदूषण

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आने वाले दिनों में ठंड और कोहरे का असर और बढ़ने वाला है। मौसम विभाग के अनुसार दिल्ली में “कोल्ड डे” जैसी स्थिति बन सकती है, यानी दिन के समय भी तापमान सामान्य से कम रहेगा। सुबह और देर रात घना कोहरा छाए रहने के आसार हैं, जिससे सड़क और रेल यातायात बाधित हो सकता है।

अगले दो दिनों तक न्यूनतम तापमान में ज्यादा बदलाव की संभावना नहीं है, लेकिन उसके बाद तीन से पांच डिग्री सेल्सियस की गिरावट आ सकती है। आज अधिकतम तापमान के 23 डिग्री और न्यूनतम तापमान के 11 डिग्री सेल्सियस रहने की उम्मीद है। इसके साथ ही दिल्ली-एनसीआर के लोग वायु प्रदूषण से भी जूझ रहे हैं। राजधानी का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 366 दर्ज किया गया, जो “बहुत खराब” श्रेणी में आता है।

तापमान में उतार-चढ़ाव

मौसम विभाग के अनुसार, उत्तर-पश्चिम भारत में अगले 24 घंटों तक न्यूनतम तापमान में कोई बड़ा बदलाव नहीं होगा, लेकिन इसके बाद दो दिनों में तीन से पांच डिग्री सेल्सियस की गिरावट आ सकती है। उत्तर प्रदेश में अगले तीन दिनों तक तापमान में दो से तीन डिग्री की बढ़ोतरी संभव है, इसके बाद फिर गिरावट आएगी।

पूर्वी भारत में अगले तीन दिनों तक तापमान स्थिर रहने और बाद में दो से तीन डिग्री की गिरावट के आसार हैं। मध्य भारत में अगले 24 घंटों में हल्की बढ़ोतरी के बाद तापमान गिर सकता है। महाराष्ट्र में भी अगले 24 घंटों में तापमान थोड़ा बढ़ने के बाद स्थिर रहने की उम्मीद है। देश के बाकी हिस्सों में अगले सात दिनों तक न्यूनतम तापमान में कोई बड़ा बदलाव होने की संभावना नहीं है।

देश भर में अधिकतम और न्यूनतम तापमान की बात करें तो कल, 21 दिसंबर, 2025 को गुजरात के राजकोट में अधिकतम तापमान 36.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। जबकि कल, देश के मैदानी इलाकों में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बरेली और छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर में न्यूनतम तापमान 4.6 डिग्री सेल्सियस रहा।

कोहरा, शीतलहर और चेतावनियां

आने वाले दिनों में पूर्वी उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, बिहार, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और पूर्वोत्तर भारत के कई हिस्सों में घने से बहुत घने कोहरे का अंदेशा जताया गया है। मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड और ओडिशा में भी कुछ दिनों तक कोहरा रह सकता है।

उत्तर आंतरिक कर्नाटक और तेलंगाना में कुछ स्थानों पर शीतलहर चलने की आशंका है। वहीं उत्तराखंड, झारखंड, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, बिहार और उत्तर प्रदेश में कुछ जगहों पर ठंडा दिन या कोल्ड डे की स्थिति बन सकती है।

समुद्री क्षेत्रों में तेज हवाएं

भूमध्यरेखीय हिंद महासागर और उससे सटे दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी में चक्रवाती प्रसार बना हुआ है। इसके कारण दक्षिण ओमान और यमन तट, पश्चिम-मध्य अरब सागर, सोमालिया तट, कोमोरिन क्षेत्र और मन्नार की खाड़ी में 45 से 55 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली तूफानी हवाओं के और तेज होकर 65 किमी प्रति घंटे तक पहुंचने के आसार हैं। मछुआरों को इन क्षेत्रों में जाने से सावधान रहने की सलाह दी गई है।

कुल मिलाकर, उत्तर भारत और आसपास के क्षेत्रों में मौसम का यह बदलाव लोगों के रोजमर्रा के जीवन, यात्रा और स्वास्थ्य पर गहरा असर डाल रहा है। पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी जहां पर्यटन को आकर्षित करती है, वहीं यह यातायात और सामान्य जीवन के लिए चुनौती भी बनती है। मैदानी क्षेत्रों में ठंड, कोहरा और प्रदूषण ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। ऐसे में मौसम विभाग की चेतावनियों पर ध्यान देना, सावधानी बरतना और आवश्यक सुरक्षा उपाय अपनाना बेहद जरूरी है।

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