उत्तर भारत में सर्दी का प्रकोप, पहाड़ों में जमा पानी, मैदानों में घना कोहरा व प्रदूषण

मौसम विभाग के 18 दिसंबर, 2025 को जारी ताजा अपडेट में कहा गया है कि पश्चिमी विक्षोभ और जेट स्ट्रीम के असर से उत्तर भारत में कड़ाके की ठंड, पहाड़ों में पाला व मैदानों में कोहरा व प्रदूषण जारी
चमोली जिले में स्थित सिखों के प्रसिद्ध तीर्थ स्थल हेमकुंड साहिब की झील पूरी तरह जम चुकी है।
चमोली जिले में स्थित सिखों के प्रसिद्ध तीर्थ स्थल हेमकुंड साहिब की झील पूरी तरह जम चुकी है। फोटो साभार: विकिमीडिया कॉमन्स, सतबीर
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सारांश
  • पश्चिमी विक्षोभ और सक्रिय जेट स्ट्रीम के कारण उत्तर भारत में ठंडी, शुष्क हवाएं चलीं और सर्दी का असर बढ़ा।

  • उत्तराखंड के ऊंचे इलाकों में तापमान शून्य से नीचे गया, हेमकुंड साहिब की झील जमी, झरने और नदियां बर्फ बनीं।

  • हिमाचल प्रदेश में मौसम अधिकतर साफ, जबकि 20-21 दिसंबर को ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हल्की बारिश-बर्फबारी संभव।

  • दिल्ली-एनसीआर में घना कोहरा और गंभीर वायु प्रदूषण जारी, दृश्यता बेहद कम और कमजोर हवाओं से स्थिति और बिगड़ सकती।

  • उत्तर भारत के कई राज्यों में घने से बहुत घने कोहरे, शीतलहर और ठंडे दिन की चेतावनी जारी।

उत्तर भारत समेत देश के कई इलाकों में इस समय सर्दी ने अपना पूरा असर दिखाना शुरू कर दिया है। पहाड़ी इलाकों में तापमान शून्य से नीचे चला गया है, जबकि मैदानी क्षेत्रों में घना कोहरा और बढ़ता वायु प्रदूषण लोगों की परेशानियों को बढ़ा रहा है। आने वाले कुछ दिनों तक मौसम का यही स्वरूप बना रह सकता है।

मौसम विभाग के द्वारा आज सुबह, 18 दिसंबर, 2025 को जारी पूर्वानुमान में कहा गया है कि एक पश्चिमी विक्षोभ (वेस्टर्न डिस्टर्बेंस) ईरान और उसके आसपास के क्षेत्रों में सक्रिय है। यह ऊंचाई पर चक्रवाती प्रसार के रूप में बना हुआ है। इसके अलावा एक नया और ताजा पश्चिमी विक्षोभ जम्मू और उसके आसपास के क्षेत्रों में भी सक्रिय हो गया है। हालांकि ये दोनों मौसमी गतिविधियां फिलहाल बहुत शक्तिशाली नहीं हैं, इसलिए इनसे भारी बारिश या बर्फबारी की संभावना कम है।

इसके साथ ही उत्तर भारत के ऊपर उपोष्णकटिबंधीय पश्चिमी जेट स्ट्रीम सक्रिय है। यह जेट स्ट्रीम समुद्र तल से लगभग 12.6 किमी की ऊंचाई पर बह रही है, जिसमें हवाओं की गति 110 नॉट तक दर्ज की गई है। इसी जेट स्ट्रीम के कारण उत्तर भारत में ठंडी और शुष्क हवाएं चल रही हैं, जिससे सर्दी का असर और अधिक महसूस किया जा रहा है।

उत्तराखंड में कड़ाके की ठंड

उत्तराखंड में सर्दी ने अपना सबसे कठोर रूप दिखाया है। पहाड़ी जिलों में तापमान तेजी से गिरा है और कई जगहों पर रात का तापमान शून्य से काफी नीचे चला गया है। चमोली जिले में स्थित सिखों के प्रसिद्ध तीर्थ स्थल हेमकुंड साहिब की झील पूरी तरह जम चुकी है। यहां रात का तापमान माइनस 10 डिग्री सेल्सियस तक गिर रहा है।

ऊंचाई वाले इलाकों में नदियों, झरनों और छोटे जलस्रोतों का पानी भी जम गया है। चमोली जिले के ऊपरी हिमालयी क्षेत्रों में बहने वाले छोटे झरने और नाले बर्फ की परत से ढक गए हैं। इस साल दिसंबर का आधा महीना बीत जाने के बावजूद अब तक अच्छी बर्फबारी नहीं हुई है, जिससे “सूखी ठंड” का असर ज्यादा बढ़ गया है।

केदारनाथ धाम में भी अभी तक बहुत ज्यादा बर्फबारी नहीं हुई है, जबकि आमतौर पर इस समय तक वहां मोटी बर्फ की परत जम जाती है। मौसम विभाग ने आज राज्य के सभी जिलों में मौसम शुष्क रहने की संभावना जताई है, लेकिन हरिद्वार और उधम सिंह नगर जिलों में मध्यम से घने कोहरे की चेतावनी दी गई है।

हिमाचल प्रदेश का मौसम

हिमाचल प्रदेश के अधिकतर इलाकों में मौसम साफ बना हुआ है। शिमला स्थित मौसम केंद्र के अनुसार, ऊपरी चंबा जिले के कुछ इलाकों में बहुत हल्की बारिश या बर्फबारी हो सकती है। इसके अलावा एक नया और कमजोर पश्चिमी विक्षोभ पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र के मौसम को प्रभावित करने वाला है।

इस गतिविधि की वजह से 20 और 21 दिसंबर को लाहौल-स्पीति, कुल्लू, चंबा और कांगड़ा जिलों के ऊंचे पहाड़ी इलाकों में बारिश और बर्फबारी होने की संभावना है। हालांकि राज्य के बाकी हिस्सों में पूरे सप्ताह मौसम शुष्क बना रह सकता है।

तापमान की बात करें तो किन्नौर जिले के कल्पा में अधिकतम तापमान 17.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से लगभग आठ डिग्री अधिक है। वहीं लाहौल-स्पीति के कुकुमसेरी में न्यूनतम तापमान माइनस छह डिग्री सेल्सियस रहा, जो राज्य में सबसे कम तापमान दर्ज किया गया।

जम्मू और कश्मीर तथा लद्दाख में कैसा रहेगा मौसम?

जम्मू और कश्मीर, लद्दाख, गिलगित-बाल्टिस्तान और मुजफ्फराबाद के कुछ हिस्सों में 18 से 23 दिसंबर के दौरान हल्की बारिश या बर्फबारी होने की संभावना है। इस बर्फबारी के मुख्य रूप से ऊंचाई वाले इलाकों तक सीमित रहने की उम्मीद है।

दिल्ली-एनसीआर में कोहरा और प्रदूषण

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में घना कोहरा लोगों के लिए बड़ी परेशानी बना हुआ है। मौसम विभाग के अनुसार, आज और कल सुबह घना कोहरा छा सकता है, जिससे दृश्यता 50 मीटर से भी कम हो सकती है। दिल्ली में अधिकतम तापमान लगभग 24 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान करीब आठ डिग्री सेल्सियस रहने का अनुमान है।

दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) लगातार 400 से ऊपर बना हुआ है, जो “गंभीर” श्रेणी में आता है। इस कारण सांस लेने में दिक्कत, आंखों में जलन और गले में खराश जैसी समस्याएं बढ़ रही हैं। मौसम विभाग का कहना है कि आने वाले चार से पांच दिनों में हवाएं कमजोर रहेंगी, जिससे प्रदूषण और बढ़ सकता है

घने कोहरे की चेतावनी

मौसम विभाग ने उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ और उत्तराखंड के कई इलाकों में घने से बहुत घने कोहरे की चेतावनी जारी की है। 19 और 20 दिसंबर को उत्तर प्रदेश के कई इलाकों में बहुत घना कोहरा छा सकता है। पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ में भी इन तारीखों के दौरान सुबह के समय घना कोहरा रहने का अंदेशा जताया गया है

इसके अलावा बिहार, झारखंड, हिमाचल प्रदेश, ओडिशा और पूर्वोत्तर भारत के कुछ हिस्सों में भी अलग-अलग दिनों में घने कोहरे की स्थिति बन सकती है।

तापमान में उतार-चढ़ाव

मौसम विभाग के अनुसार उत्तर-पश्चिम भारत में अगले दो दिनों तक न्यूनतम तापमान में कोई खास बदलाव नहीं होगा। इसके बाद तापमान में लगभग दो डिग्री सेल्सियस की धीरे-धीरे बढ़ोतरी हो सकती है।

महाराष्ट्र में भी अगले दो दिनों तक तापमान स्थिर रहेगा और फिर दो से तीन डिग्री की वृद्धि संभव है। गुजरात में अगले दो दिनों में न्यूनतम तापमान में दो से तीन डिग्री की बढ़ोतरी हो सकती है, जबकि देश के बाकी हिस्सों में अगले एक सप्ताह तक तापमान में कोई बड़ा बदलाव होने की संभावना नहीं है।

देश भर में अधिकतम और न्यूनतम तापमान की बात करें तो कल, 17 दिसंबर, 2025 को कर्नाटक के कारवार में अधिकतम तापमान 36.0 डिग्री सेल्सियस रहा। जबकि कल, देश के मैदानी इलाकों में मध्य प्रदेश के शिवपुरी में न्यूनतम तापमान 1.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

शीतलहर और ठंडे दिन की चेतावनी

18 व 19 दिसंबर को पश्चिमी मध्य प्रदेश और उत्तराखंड के कुछ इलाकों में शीतलहर चलने के आसार हैं। इसी दौरान उत्तर प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में “ठंडे दिन” की स्थिति बन सकती है, जब दिन का तापमान सामान्य से काफी कम रहेगा।

कुल मिलाकर उत्तर भारत इस समय भीषण सर्दी, घने कोहरे और प्रदूषण की दोहरी मार झेल रहा है। पहाड़ों में अत्यधिक ठंड के बावजूद पर्याप्त बर्फबारी नहीं होने से सूखी ठंड का असर बढ़ गया है, जबकि मैदानों में कोहरा और प्रदूषण जनजीवन को प्रभावित कर रहे हैं।

आने वाले दिनों में हल्की बर्फबारी और तापमान में मामूली बदलाव संभव है, लेकिन फिलहाल लोगों को सतर्क रहने और मौसम विभाग की सलाह का पालन करने की जरूरत है।

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