

उत्तर भारत और मध्य भारत के कई हिस्सों में तापमान गिर रहा है। पहाड़ों से मैदानों तक सर्द हवाएं चल रही हैं, तापमान के और गिरने के आसार।
उत्तराखंड के ऊपरी इलाकों में बर्फबारी की चेतावनी, हिमाचल में 13 व 14 दिसंबर को बारिश-बर्फबारी, जबकि कश्मीर घाटी में तापमान माइनस 18 डिग्री तक गिर चुका है।
दिल्ली में दिन में धूप रहने के बावजूद एक्यूआई 349 तक पहुंचा, जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में है। न्यूनतम तापमान सात डिग्री से बढ़कर 10 से 11 डिग्री के आसपास।
महाराष्ट्र, मराठवाड़ा, तेलंगाना, एमपी, विदर्भ, छत्तीसगढ़ और ओडिशा के कई हिस्सों में शीतलहर की चेतावनी, पूर्वोत्तर, पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड और यूपी में घने कोहरे के आसार।
अंडमान-निकोबार में गरज के साथ बारिश व 30 से 40 किमी प्रति घंटे की हवाएं, तमिलनाडु से श्रीलंका तट पर 55 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तूफानी हवाएं, मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह।
उत्तर भारत सहित देश के कई हिस्सों में दिसंबर माह की शुरुआत से ही मौसम में तेजी से बदलाव देखने को मिल रहा है। जहां पहाड़ी राज्यों में बर्फबारी और शीतलहर चल रही है, वहीं दिल्ली-एनसीआर जैसे मैदानी इलाकों में भी ठंड और तापमान में उतार-चढ़ाव का दौर जारी है। दूसरी ओर, पूर्व और पूर्वोत्तर भारत पर उपोष्णकटिबंधीय पश्चिमी जेट स्ट्रीम का प्रभाव बना हुआ है, जिसकी वजह से ऊपरी वायुमंडल में तेज हवाएं चल रही हैं।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के द्वारा आज सुबह, 11 दिसंबर, 2025 को जारी पूर्वानुमान के अनुसार, आने वाले दिनों में देश के विभिन्न हिस्सों में तापमान में गिरावट, कोहरा, बर्फबारी और शीतलहर के और भीषण होने के आसार हैं।
उत्तराखंड में शीतलहर की वापसी
उत्तराखंड में सर्दी का प्रकोप एक बार फिर से तेजी से बढ़ रहा है। 11 दिसंबर से राज्य के अधिकांश इलाकों में शीतलहर का प्रकोप बढ़ने के आसार जताए गए हैं। मौसम विभाग के मुताबिक, तापमान में गिरावट के साथ-साथ सुबह और शाम के समय ठंड सबसे अधिक तीव्र रहेगी। हिमालयी जिलों - चमोली, उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग और पिथौरागढ़ में भारी बर्फबारी के आसार हैं।
कई ऊंचाई वाले इलाकों में तापमान शून्य से नीचे रहने की चेतावनी जारी की गई है। प्रदेश के मैदानी इलाकों, विशेषकर देहरादून, हरिद्वार और उधमसिंह नगर में भी तेज सर्द हवाएं और घना कोहरा लोगों को परेशान कर रहे हैं।
हिमाचल प्रदेश में नए पश्चिमी विक्षोभ का असर
हिमाचल प्रदेश में भी मौसम ने करवट लेनी शुरू कर दी है। मौसम विज्ञान केंद्र की मानें तो 13 दिसंबर को एक नया, हालांकि कमजोर, पश्चिमी विक्षोभ पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र के मौसम में बदलाव कर सकता है। इसके सक्रिय होने के बाद 14 दिसंबर को ऊपरी हिमालयी इलाकों में हल्की बारिश और बर्फबारी की संभावना है।
लाहौल-स्पीति, किन्नौर और कुल्लू के ऊंचे इलाकों में बर्फबारी से यातायात प्रभावित हो सकता है। वहीं शिमला और आसपास के हिस्सों में भी तापमान में गिरावट जारी रहने का अंदेशा है।
कश्मीर घाटी में कड़ाके की ठंड
कश्मीर घाटी शीतलहर की चपेट में है और लगभग सभी इलाकों में रात का न्यूनतम तापमान शून्य से नीचे दर्ज किया जा रहा है। जोजिला पास सबसे ठंडी जगह रही जहां न्यूनतम तापमान माइनस 18 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। गुलमर्ग में माइनस 5.5 डिग्री सेल्सियस, श्रीनगर में माइनस 1.9 डिग्री सेल्सियस, जबकि श्रीनगर एयरपोर्ट के इलाके में तापमान माइनस 3.6 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया है। इसके अलावा कुपवाड़ा, पुलवामा, अनंतनाग, शोपियां और बांदीपोरा जैसे जिलों में भी माइनस दो से माइनस चार डिग्री सेल्सियस तक तापमान दर्ज किया गया।
लुढ़कते पारे के कारण घाटी में पाला, ठंड से स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं और सुबह के समय कोहरे के कारण दृश्यता कम रहने जैसी चुनौतियां बढ़ गई हैं। पहाड़ी क्षेत्रों में बर्फबारी के चलते यातायात व्यवस्था भी कई जगहों पर प्रभावित हो रही है। जम्मू और कश्मीर, लद्दाख और गिलगित-बाल्टिस्तान के विभिन्न हिस्सों में कहीं-कहीं बारिश और बर्फबारी का अनुमान जारी है।
दिल्ली-एनसीआर में तेज धूप के बीच ठंड का उतार-चढ़ाव
दिल्ली-एनसीआर में हाल के दिनों में मौसम ने अलग ही करवट ली है। दिसंबर के बावजूद कल लोगों को धूप के कारण हल्की गर्मी का एहसास हुआ। हालांकि, न्यूनतम तापमान सात डिग्री सेल्सियस तक गिर गया था। अब न्यूनतम तापमान बढ़कर 10 से 11 डिग्री सेल्सियस के आसपास पहुंच गया है, जबकि अधिकतम तापमान 24 डिग्री सेल्सियस पर बना हुआ है।
दिल्ली में पिछले 24 घंटों में 17 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से पश्चिमी हवाएं चलीं। हवा की दिशा और गति में आए बदलाव ने तापमान में कुछ बढ़ोतरी कर दी है।
हालांकि चिंता का विषय प्रदूषण स्तर है, दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 349 तक पहुंचा, जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आता है। ऐसे में स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने आवश्यक सावधानियां बरतने की सलाह दी है।
मैदानी भारत में तापमान का रुझान
मौसम विभाग के अनुसार, उत्तर-पश्चिम भारत के मैदानी इलाकों में अगले दो दिनों तक न्यूनतम तापमान में कोई खास बदलाव होने की संभावना नहीं है। इसके बाद दो से चार डिग्री सेल्सियस तक तापमान बढ़ने की संभावना है। मध्य भारत में भी अगले दो दिनों तक तापमान स्थिर रहेगा और इसके बाद दो से तीन डिग्री सेल्सियस तक की बढ़ोतरी हो सकती है।
महाराष्ट्र में पहले दो से तीन डिग्री सेल्सियस की गिरावट और फिर दुबारा बढ़ोतरी होने की संभावना व्यक्त की गई है। वहीं गुजरात और पूर्वोत्तर भारत में अगले सात दिनों के दौरान न्यूनतम तापमान में कोई बड़ा बदलाव होने की संभावना नहीं है।
देश भर में अधिकतम और न्यूनतम तापमान की बात करें तो कल, 10 दिसंबर, 2025 को कर्नाटक के कारवार में अधिकतम तापमान 35.8 डिग्री सेल्सियस रहा। जबकि कल, देश के मैदानी इलाकों में राजस्थान के चित्तौड़गढ़ में न्यूनतम तापमान 2.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
कई राज्यों में शीतलहर और कोहरे का अलर्ट
11 से 13 दिसंबर तक महाराष्ट्र, मराठवाड़ा, तेलंगाना, उत्तर आंतरिक कर्नाटक और उत्तरी ओडिशा में शीतलहर चलने का अंदेशा जताया गया है। वहीं 11 व 12 दिसंबर को पश्चिम मध्य प्रदेश, विदर्भ और छत्तीसगढ़ के कुछ इलाकों में भी शीतलहर का प्रकोप रहने के आसार हैं।
कोहरे की बात की जाए तो 11 से 15 दिसंबर तक असम, मेघालय, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा में घना कोहरा छाया रहने की चेतावनी जारी है। हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश के पूर्वी हिस्सों, ओडिशा, पंजाब और हरियाणा के भी अलग-अलग इलाकों में घने कोहरे की स्थिति बन सकती है।
दक्षिण भारत में हवाओं का असर और समुद्री चेतावनी
दक्षिण बंगाल और उसके आस-पास का चक्रवाती परिसंचरण ऊपरी वायुमंडल में 1.5 किलोमीटर की ऊंचाई पर सक्रिय है। इसके कारण आज, 11 दिसंबर, 2025 को अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में 30 से 40 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलने, वज्रपात होने तथा गरज के साथ बौछारें पड़ने की आशंका जताई गई है।
विभाग के पूर्वानुमान में तमिलनाडु, श्रीलंका तट, कोमोरिन और मन्नार की खाड़ी के इलाकों में समुद्री मौसम काफी खराब रहने वाला है। यहां 35 से 45 किमी प्रति घंटे की दर से चलने वाली तूफानी हवाओं के और तेज होकर 55 किमी प्रति घंटे की रफ्तार में तब्दील होने की आशंका जताई गई है। इसी कारण मौसम विभाग ने मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह दी है।
कुल मिलाकर उत्तर भारत के पहाड़ी राज्यों से लेकर दक्षिण भारत के तटीय हिस्सों तक, देश भर में मौसम में बदलाव देखने को मिल रहा है। कहीं बर्फबारी, कहीं शीतलहर, कहीं तेज धूप और प्रदूषण-दिसंबर का यह मध्य भाग कई मौसमीय घटनाओं का मिश्रण है।
अगले कुछ दिनों में पश्चिमी विक्षोभ के कारण हिमालयी इलाकों का मौसम और भी बदलेगा, जबकि मैदानी इलाकों में तापमान और कोहरे के चलते लोगों को सतर्क रहने की जरूरत पड़ेगी।