

छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, ओडिशा व पंजाब समेत कई राज्यों में 13 दिसंबर तक शीतलहर चलने की आशंका जताई गई है।
उत्तराखंड और हिमाचल में कड़ाके की ठंड, ऊंचाई वाले इलाकों में बारिश व बर्फबारी की संभावना।
जम्मू और कश्मीर में तापमान शून्य से नीचे, पहलगाम माइनस 4.3 डिग्री सेल्सियस के साथ लगातार सबसे ठंडा, कई स्थानों पर हल्की बर्फबारी की उम्मीद।
दिल्ली-एनसीआर में ठंडी हवाएं तेज, एक्यूआई 278 ‘खराब’ श्रेणी में, 10-14 दिसंबर तक आंशिक बादल।
अंडमान-निकोबार व दक्षिणी तटों पर मौसम अस्थिर, 30 से 55 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तूफानी हवाएं चलने के आसार।
उत्तर भारत में इस समय सर्दियों ने पूरी रफ्तार पकड़ ली है। पश्चिमी विक्षोभ, ऊपरी हवा में चक्रवाती प्रसार और जेट स्ट्रीम की सक्रियता के कारण कई राज्यों में तापमान तेजी से नीचे गिर रहा है। जेट स्ट्रीम यानी ऊपरी वातावरण में चलने वाली तेज हवाओं ने मौसम में बड़ा बदलाव ला दिया है।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के द्वारा आज,नौ दिसंबर, 2025 जारी पूर्वानुमान में कहा गया है कि अगले कुछ दिनों तक देश के विभिन्न हिस्सों में ठंड, शीतलहर, कोहरे, पाले और बारिश-बर्फबारी की गतिविधियां देखने को मिल सकती हैं।
उत्तराखंड: सर्दी चरम पर, ऊंचाई वाले इलाकों में हल्की बर्फबारी
विभाग ने कहा है कि आज, नौ दिसंबर, 2025 को उत्तराखंड में सर्दी अपने चरम पर रहेगी। हालांकि मौसम के साफ रहने की संभावना है, लेकिन इससे ठंड से कोई राहत मिलने के आसार नहीं हैं। राज्य के मैदानी इलाकों से लेकर पहाड़ी क्षेत्रों तक शीतलहर का असर जारी रहेगा।
तेज हवाएं चलने से गलन और भी बढ़ सकती है। पहाड़ी इलाकों में तापमान एक से तीन डिग्री तक गिर सकता है। शाम के समय ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हल्की बर्फबारी भी देखने को मिल सकती है। साफ आसमान और ठंडी उत्तरी हवाओं के कारण रातें और भी ज्यादा सर्द होंगी।
हिमाचल प्रदेश: ऊंचे पर्वतीय इलाकों में बारिश और बर्फबारी
हिमाचल प्रदेश में मौसम विभाग ने तीव्र मौसम अलर्ट जारी किया है। 13 दिसंबर से एक नए पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने से राज्य के ऊंचे पर्वतीय इलाकों - लाहौल-स्पीति, किन्नौर व कुल्लू के ऊपरी इलाकों में 14 दिसंबर को बारिश और बर्फबारी हो सकती है। अगले कुछ दिनों में राज्य का न्यूनतम तापमान फिर से नीचे गिर सकता है। वहीं आज, नौ दिसंबर को बिलासपुर और मंडी में कोहरे को लेकर येलो अलर्ट जारी किया गया है।
शिमला मौसम केंद्र के मुताबिक, सप्ताह के बाकी दिनों में मौसम साफ बना रह सकता है, लेकिन सुबह और रात में ठिठुरन और बढ़ेगी। पर्यटकों और स्थानीय निवासियों को पहाड़ी सड़कों पर विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी गई है क्योंकि रात के समय पाला जमने के आसार जताए गए हैं।
जम्मू और कश्मीर के कई इलाकों में तापमान शून्य से नीचे, पहाड़ों में हल्की बर्फबारी
जम्मू और कश्मीर में ठंड का कहर जारी है। राज्य के कई हिस्सों में न्यूनतम तापमान शून्य से नीचे पहुंच गया है। पहलगाम लगातार सबसे ठंडा इलाका बना हुआ है, जहां तापमान माइनस 4.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वहीं श्रीनगर में न्यूनतम तापमान माइनस 0.9 डिग्री सेल्सियस रहा।
कश्मीर के उत्तरी और मध्य पर्वतीय इलाकों में हल्की बारिश व बर्फबारी होने की संभावना जताई गई है। प्रशासन ने लोगों को पहाड़ी इलाकों में यात्रा करते समय सावधानी बरतने की सलाह दी है क्योंकि फिसलन और बर्फ जमने की स्थिति बन सकती है।
दिल्ली-एनसीआर: ठंडी हवाएं तेज, एक्यूआई 278, अगले कुछ दिनों तक आंशिक बादल
दिल्ली-एनसीआर में हवा की रफ्तार लगभग 20 किमी प्रति घंटे है। इस समय तापमान स्थिर है और कोहरा नहीं है। दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 278 दर्ज हुआ है, जो ‘खराब’ श्रेणी में आता है। वर्तमान में तापमान आठ डिग्री सेल्सियस तक लुढ़क गया है। वहीं आज दिल्ली में अधिकतम तापमान के 24 डिग्री सेल्सियस व न्यूनतम तापमान के नौ डिग्री सेल्सियस रहने का पूर्वानुमान है।
मौसम विभाग के मुताबिक, 10 से 14 दिसंबर तक राजधानी में आंशिक बादल छाए रहने के आसार हैं। तापमान में बहुत अधिक बदलाव नहीं होगा, लेकिन सुबह और रात में ठिठुरन बनी रहेगी।
तापमान में उतार-चढ़ाव
उत्तर-पश्चिम भारत में अगले दो दिनों में न्यूनतम तापमान में लगभग दो डिग्री सेल्सियस की गिरावट आ सकती है। उसके बाद के दो दिनों तक तापमान में कोई बड़ा बदलाव होने की संभावना नहीं है। इसके बाद अगले तीन दिनों में तापमान में दो से चार डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी होने की उम्मीद है।
मध्य भारत में तापमान में बदलाव की बात करें तो अगले चार दिनों तक यहां कोई बड़ा बदलाव होने की संभावना नहीं है, लेकिन उसके बाद दो से तीन डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी हो सकती है। महाराष्ट्र में अगले चार दिनों में न्यूनतम तापमान में दो से तीन डिग्री सेल्सियस की गिरावट आ सकती है।
गुजरात, पूर्व और पूर्वोत्तर भारत में अगले पांच दिनों तक तापमान में खास बदलाव होने की संभावना नहीं है, यानी तापमान के लगभग स्थिर रहने का पूर्वानुमान है।
देश भर में अधिकतम और न्यूनतम तापमान की बात करें तो कल, आठ दिसंबर, 2025 को कर्नाटक के कारवार में अधिकतम तापमान 35.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। जबकि कल, देश के मैदानी इलाकों में पंजाब के फरीदकोट और गुरदासपुर में न्यूनतम तापमान 4.5 डिग्री सेल्सियस रहा।
कहां-कहां चलेगी शीतलहर?
कई राज्यों में शीतलहर चलने के आसार हैं। आज, नौ दिसंबर, 2025 को छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, ओडिशा, पंजाब, तेलंगाना और विदर्भ के अलग-अलग इलाकों में शीतलहर चलने का अंदेशा जताया गया है।
वहीं 10 से 13 दिसंबर के बीच मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में, 11 से 13 दिसंबर को ओडिशा व पंजाब में, 10 और 11 दिसंबर को विदर्भ और तेलंगाना में तथा 12 व 13 दिसंबर को हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, उत्तर राजस्थान, मध्य महाराष्ट्र, मराठवाड़ा में शीतलहर चलने का अंदेशा जताया गया है। विभाग ने लोगों को रात में बाहर निकलने से बचने, गर्म कपड़े पहनने और बुजुर्गों-बच्चों का विशेष ध्यान रखने की सलाह दी है।
कोहरे का अलर्ट
10 से 14 दिसंबर सुबह के समय असम और मणिपुर, 10 व 11 दिसंबर को पूर्वी उत्तर प्रदेश और ओडिशा में घना कोहरा छाने की आशंका जताई गई है। कोहरे की वजह से दृश्यता कम हो सकती है, इसलिए वाहन चलाते समय सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।
पूर्वी भारत और बंगाल की खाड़ी का मौसम
पूर्वी बंगाल और उसके आसपास के इलाकों में ऊपरी हवाओं का चक्रवाती प्रसार सक्रिय है। इसके अलावा दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी में हवाओं का ट्रफ बना हुआ है, जो निचले स्तरों तक फैल रहा है। यह मौसमी गतिविधि तटीय राज्यों के मौसम को प्रभावित कर सकती है।
उपरोक्त मौसमी गतिविधियों के चलते आज, नौ दिसंबर को अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के कुछ हिस्सों में 30 से 40 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली तेज हवाओं के साथ बौछारें पड़ने तथा वज्रपात की आशंका जताई गई है। कुछ हिस्सों में केवल गरज-चमक के साथ बादल भी घिर सकते हैं।
दक्षिणी तटों पर समुद्री चेतावनी
दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी, तमिलनाडु और श्रीलंका के तट, मन्नार की खाड़ी और कोमोरिन क्षेत्र में 35 से 45 किमी प्रति घंटे की दर से चलने वाली तूफानी हवाओं के और तेज होकर 55 किमी प्रति घंटे तक पहुंचने के आसार हैं। विभा ने मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह दी गई है।
कुल मिलाकर, देश के विभिन्न हिस्सों में सर्दियों की गतिविधियां तेज हो गई हैं। पश्चिमी विक्षोभ और ऊपरी हवा की प्रणालियों ने तापमान में गिरावट, शीतलहर, कोहरे, बारिश और बर्फबारी जैसी स्थितियां पैदा की हैं। पहाड़ी और मैदानी दोनों इलाकों में लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है, खासकर रात के समय बढ़ती ठंड, तेज हवाओं और फिसलन भरी सड़कों का ध्यान रखने की जरूरत है।