बठिंडा की हाउसिंग कॉलोनी में पर्यावरण नियमों की उड़ रही धज्जियां, एनजीटी ने जताई चिंता

शिकायत है कि कॉलोनी के खाली प्लॉटों में गंदे पानी (सीवर), ठोस कचरे और निर्माण सामग्री को अवैध रूप से खाली प्लॉट्स में डंप किया जा रहा है, जिससे समस्या पैदा हो रही है
बठिंडा की हाउसिंग कॉलोनी में पर्यावरण नियमों की उड़ रही धज्जियां, एनजीटी ने जताई चिंता
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नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव को निर्देश दिया है कि वह बठिंडा की सुशांत सिटी-2 में आवासीय क्षेत्र के भीतर खाली प्लॉट्स में हो रहे कचरे के अवैध निपटान के मामले में जल्द से जल्द कार्रवाई करे।

6 अगस्त, 2025 को अदालत को बताया गया कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने पहले ही इलाके का निरीक्षण किया है, जिसमें कचरे के गलत तरीके से निपटान की पुष्टि हुई है।

इसके बाद अदालत ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को 26 जुलाई 2025 की रिपोर्ट के आधार पर जरूरी सुधारात्मक और दंडात्मक कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। यह कार्रवाई प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों का पालन करते हुए, दो महीने के भीतर पूरी करनी होगी।

क्या है मामला?

गौरतलब है कि आवेदक ने वीकेएम टाउनशिप के खिलाफ शिकायत की थी। यह कंपनी सुषांत सिटी-2 का प्रबंधन करती है। शिकायत है कि कॉलोनी के खाली प्लॉटों में गंदे पानी (सीवर), ठोस कचरे और निर्माण सामग्री को अवैध रूप से खाली प्लॉट्स में डंप किया जा रहा है, जिससे समस्या पैदा हो रही है।

आवेदक का कहना है  पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने साइट का निरीक्षण किया था और 26 जुलाई 2025 की रिपोर्ट में शिकायत को सही पाया था। लेकिन इसके बाद कोई कार्रवाई नहीं हुई और ऐसा लगता है कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड इस मामले को बंद करने जा रहा है।

याचिका में फोटोग्राफ्स और रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताया कि सीवर सफाई के दौरान निकले गंदे पानी को बिना ट्रीटमेंट के खाली प्लॉट्स में फेंका जा रहा है और ठोस कचरे के निपटारे की कोई व्यवस्था नहीं है।

आवेदक का कहना है कि रिपोर्ट में यह सब साफ तौर पर बताया गया है, फिर भी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड कार्रवाई करने की बजाय मामला बंद कर रहा है।

महेशतला में जलाशय की बहाली में अभी लगेगा और समय, जिला मजिस्ट्रेट ने रिपोर्ट में दी जानकारी

महेशतला नगरपालिका क्षेत्र में एक जलाशय की पुनः खुदाई का कार्य पूरा होने में अभी और समय लगेगा। यह जानकारी दक्षिण 24 परगना जिले के जिला मजिस्ट्रेट और कलेक्टर ने 7 अगस्त 2025 को नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) में सबमिट अपनी रिपोर्ट में दी है। मामला पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले का है।

रिपोर्ट के अनुसार, महेशतला नगरपालिका के कार्यपालक अधिकारी ने बताया कि 26 जून 2025 को तालाब की पुनरुद्धार के लिए निविदा जारी की गई थी, लेकिन उसमें किसी ने भाग नहीं लिया, जिससे प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ सकी। इसके बाद 6 अगस्त 2025 को दोबारा निविदा जारी की गई है।

हालांकि मामले की गंभीरता और एनजीटी के सात जुलाई के आदेश को ध्यान में रखते हुए महेशतला नगरपालिका ने तालाब से मिट्टी हटाने के लिए मजदूरों को काम पर लगा दिया है। लेकिन, लगातार हो रही भारी बारिश के कारण काम में रुकावटें आ रही है। नगरपालिका का अनुमान है कि यदि मौसम सामान्य रहा, तो करीब चार हफ्तों में यह कार्य पूरा कर लिया जाएगा।

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