सिर्फ एसटीपी की जांच के लिए चार हफ्ते खुला रहेगा हज हाउस

उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से जांच रिपोर्ट के बाद ही यह तय होगा कि हज हाउस का ताला खुलेगा या नहीं।
Photo: Vikas Choudhry
Photo: Vikas Choudhry
Published on

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले में हिंडन नदी के किनारे बनाए गए सात मंजिला आला हजरत हज हाउस को सिर्फ चार हफ्तों के लिए खोलने का आदेश दिया है। इस हज हाउस को सील कर दिया गया था। अब पीठ ने कहा है कि हज हाउस को सिर्फ इसलिए डी-सील किया जाए कि वहां मौजूद सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) की पूरी क्षमता जांच हो सके। इस रिपोर्ट के बाद उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड एनजीटी को अपनी रिपोर्ट सौंपेगा। फिर जांच रिपोर्ट के आधार पर एनजीटी हज हाउस के भविष्य में खुलने और न खुलने को लेकर अपना निर्णय देगा।

30 मार्च, 2005 को उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने आला हजरत हज हाउस का शिलान्यास किया था। वहीं, 6 दिसंबर 2016 को तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इसका उद्घाटन किया था। एसटीपी की कमी के चलते एनजीटी ने इसे सील करने का आदेश दिया था। वहीं, 2018 में इसे सील कर दिया गया था। आला हजरत हाउस में दो हजार से ज्यादा हज यात्रियों के ठहरने की व्यवस्था है लेकिन वहां एसटीपी नहीं बनाया गया था। इस आपत्ति के साथ एनजीटी में याचिका दाखिल की गई थी।

एनजीटी के आदेश बाद मुंबई की हज समिति की ओर से एसटीपी के लिए दो करोड़ रुपये का फंड भी दिया गया था। वहीं, उत्तर प्रदेश जल निगम ने इसी पैसों से 136 किलोलीटर प्रतिदिन शोधन क्षमता वाले एसटीपी का निर्माण किया है। जिसकी अब फिर से जांच होगी। इस जांच रिपोर्ट के बाद ही यह तय होगा कि हज हाउस का ताला खुलेगा या नहीं। इससे पहले एनजीटी ने जून में हुई सुनवाई में हज हाउस को खोलने से मना कर दिया था।

एनजीटी में हज हाउस के खिलाफ याचिका दाखिल करने वाले हिमांशु मित्तल व अन्य ने आरोप लगाया था कि हज हाउस के निर्माण में पर्यावरणीय नियमों का ध्यान नहीं रखा गया। न ही जरूरी मंजूरी हासिल की गई। वहीं, सात मंजिला के पानी की जरूरत और सीवेज की निकासी व शोधन को लेकर किसी तरह का ख्याल नहीं रखा गया था। अब एनजीटी जांच रिपोर्ट के बाद ही कोई ठोस निर्णय लेगा। एनजीटी में इस मामले की सुनवाई जस्टिस आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ कर रही है। 

Related Stories

No stories found.
Down to Earth- Hindi
hindi.downtoearth.org.in