दिल्ली छात्र संघ चुनाव: उम्मीदवारों को हटाने होंगे पोस्टर व होर्डिंग्स, दीवारों को भी करना होगा पेंट

दिल्ली उच्च न्यायालय का कहना है कि विश्वविद्यालय का परिसर अब भी चुनावी ज्यादतियों से उबरा नहीं है और काफी गंदा नजर आ रहा है
डूसू चुनाव के दौरान कॉलेज गेट के बाहर होता प्रचार; प्रतीकात्मक तस्वीर: विकिमीडिया कॉमन्स
डूसू चुनाव के दौरान कॉलेज गेट के बाहर होता प्रचार; प्रतीकात्मक तस्वीर: विकिमीडिया कॉमन्स
Published on

दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) चुनाव (2024-2025) के उम्मीदवारों को पोस्टर, बैनर, होर्डिंग और ग्राफिटी हटाने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही उन्हें दिल्ली विश्वविद्यालय और उसके कॉलेजों के साथ मिलकर दीवारों को फिर से पेंट करने के लिए कहा गया है।

मामला दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) चुनाव के दौरान सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने से जुड़ा है। कोर्ट के मुताबिक विश्वविद्यालय का परिसर अब भी छात्र संघों की चुनावी ज्यादती से उबरा नहीं है और काफी गंदा नजर आ रहा है।

यह आदेश 21 अक्टूबर, 2024 को दिया गया है।

मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की बीच ने डूसू चुनाव के 16 उम्मीदवारों को 28 अक्टूबर, 2024 को अदालत में पेश होने का भी निर्देश दिया है। साथ ही दिल्ली विश्वविद्यालय, दिल्ली पुलिस और दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) को भी इस मामले में ताजा स्थिति पर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है।

क्या है पूरा मामला

अदालत का कहना है कि उत्तर और दक्षिण दोनों परिसर अभी भी 'चुनावी ज्यादतियों' से उबर नहीं पाए हैं और जर्जर दिख रहे हैं, क्योंकि वहां से बड़ी संख्या में पोस्टर/होर्डिंग/बैनर/भित्तिचित्र अभी भी हटाए जाने हैं। इसके साथ ही कई कॉलेजों की चारदीवारी को अभी भी पुनः रंगने की आवश्यकता है।

दिल्ली विश्वविद्यालय की ओर से पेश वकील ने 19 अक्टूबर, 2024 को मुख्य चुनाव अधिकारी द्वारा डूसू 2024-2025 चुनावों के लिए तैयार की गई स्थिति रिपोर्ट भी अदालत के सामने प्रस्तुत की।

इस रिपोर्ट में कहा गया है कि 90 फीसदी से अधिक कॉलेजों, विभागों, संस्थानों और केंद्रों ने अपने परिसरों को दोबारा बहाल कर दिया है और वहां पोस्टर/होर्डिंग/बैनर/भित्तिचित्र आदि को हटाकर साफ कर दिया गया है। दिल्ली विश्वविद्यालय के वकील का कहना है कि यह बयान कॉलेजों, विभागों, संस्थानों और केंद्रों से प्राप्त प्रतिक्रियाओं पर आधारित है।

वहीं दूसरी तरफ याचिकाकर्ता प्रशांत मनचंदा के साथ-साथ एमसीडी और डीएमआरसी के वकीलों ने इस बयान का खंडन किया है। एमसीडी के वकील का कहना है कि दिल्ली विश्वविद्यालय को डूसू चुनावों के दौरान बारह क्षेत्रों में क्षतिग्रस्त संपत्तियों की सफाई पर किए गए खर्च को कवर करने के लिए एक करोड़ रूपए का भुगतान करने का निर्देश दिया जाना चाहिए।

Related Stories

No stories found.
Down to Earth- Hindi
hindi.downtoearth.org.in