कचरा प्रबंधन के आंकड़ों में विरोधाभास, एनजीटी ने महाराष्ट्र सरकार से मांगा जवाब

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने महाराष्ट्र सरकार से कचरा प्रबंधन, खासकर लम्बे समय से जमा पुराने कचरे के आंकड़ों में गड़बड़ियों को लेकर जवाब मांगा है
प्रतीकात्मक तस्वीर: विकिपीडिया
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सारांश
  • नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने महाराष्ट्र सरकार से कचरा प्रबंधन के आंकड़ों में गड़बड़ियों पर जवाब मांगा है।

  • रिपोर्ट में अचलपुर, गढ़चिरौली और लातूर जिलों के कचरे के आंकड़ों में विरोधाभास पाया गया है।

  • एनजीटी ने कहा कि राज्य की रिपोर्ट में सही जानकारी नहीं दी गई है और अगली सुनवाई 26 नवंबर 2025 को होगी।

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने महाराष्ट्र सरकार से कचरा प्रबंधन, खासकर लम्बे समय से जमा पुराने कचरे (लीगेसी वेस्ट) के आंकड़ों में गड़बड़ियों को लेकर जवाब मांगा है। 31 अक्टूबर 2025 को न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव की पीठ ने राज्य की रिपोर्ट पर असंतोष जताते हुए कहा कि इसमें सही और पूरी जानकारी नहीं दी गई है।

एनजीटी ने कहा अमरावती जिले के अचलपुर नगर परिषद से जुड़ी रिपोर्ट में कई विरोधाभास हैं। रिपोर्ट के एक हिस्से में कहा गया है कि अगस्त 2022 में अचलपुर में पुराने जमा कचरे (लीगेसी वेस्ट) की मात्रा 41,767 मीट्रिक टन थी, जो अब घटकर 35,415 मीट्रिक टन रह गई है।

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रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि इस अवधि में बिना प्रोसेस किया नया कचरा इसमें नहीं जोड़ा गया है। हालांकि, रिपोर्ट के दूसरे हिस्से में कहा गया है कि अचलपुर में पैदा हो रहे कचरे और उसके निपटान के बीच 53.7 फीसदी का अंतर है। इसका मतलब है कि हर दिन इतना कचरा बिना प्रोसेस हुए पुराने कचरे में जुड़ रहा है।

रिपोर्ट में क्या कुछ सामने आए हैं विरोधाभास

इसी तरह, गढ़चिरौली जिले के आहेरी और अहल्यनगर नगर परिषदों के लिए रिपोर्ट में कहा गया कि वहां पुराने कचरे में कोई नई वृद्धि नहीं हुई। लेकिन हर दिन पैदा हो रहे कचरे और उसके निपटान के अंतराल से संबंधित चार्ट में इन दोनों नगर परिषदों के आंकड़े ही नहीं दिए गए हैं।

इसी तरह लातूर जिले के अहमदपुर नगर परिषद के मामले में भी विरोधाभास सामने आया। रिपोर्ट में कहा गया कि अगस्त 2022 से अब तक लीगेसी वेस्ट 13,580 मीट्रिक टन पर स्थिर है, और इसमें कोई नया कचरा नहीं जोड़ा गया है। वहीं ‘गैप एनालिसिस’ के अनुसार अहमदपुर में हर दिन 0.005 मीट्रिक टन बिना प्रोसेस किया कचरा, पुराने कचरे में जुड़ रहा है।

ट्रिब्यूनल ने कहा कि यह स्पष्ट है कि राज्य की रिपोर्ट में सही खुलासे नहीं किए गए हैं। महाराष्ट्र की ओर से मौजूद वकील को स्पष्टीकरण का मौका दिया गया, लेकिन वह कोई ठोस जवाब नहीं दे सके।

उन्होंने संबंधित अधिकारियों से ऑनलाइन संपर्क करने की भी कोशिश की, जो असफल रही। अब इस मामले में अगली सुनवाई 26 नवंबर 2025 को होगी।

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