पर्यावरण और लोगों के लिए बड़ा खतरा हैं पुराने होते बड़े बांध

2050 तक भारत के करीब 4,250 बड़े बांध 50 वर्ष की उम्र को पार कर जाएंगे, जबकि 64 बड़े बांध 150 वर्ष या उससे ज्यादा पुराने होंगे
1895 में बना 125 वर्ष पुराना मुल्लापेरियार डैम, फोटो: विकिमीडिया कॉमन्स
1895 में बना 125 वर्ष पुराना मुल्लापेरियार डैम, फोटो: विकिमीडिया कॉमन्स
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अगले 29 वर्षों में दुनिया की आधी से ज्यादा आबादी उन बड़े बांधों के साये में होगी जो या तो अपनी उम्र पूरी कर चुके हैं या पूरी करने वाले हैं। ऐसे में उनपर एक बड़ा खतरा मंडरा रहा है। यह जानकारी हाल ही में यूनाइटेड नेशंस यूनिवर्सिटी द्वारा जारी रिपोर्ट में सामने आई है।

यदि वर्ल्ड रजिस्टर ऑफ लार्ज डेम्स को देखें तो दुनिया में 58,713 बड़े बांध हैं। हालांकि यह लिस्ट अभी भी पूरी नहीं है। इनमें से सबसे ज्यादा बांध चीन में हैं जहां 23841 बड़े बांध हैं, जोकि विश्व के कुल निर्मित बड़े बांधों का 40 फीसदी है। इसके बाद अमेरिका 9,263 और फिर भारत 4,407 का नंबर आता है। करीब 93 फीसदी बड़े बांध केवल 25 देशों में स्थित हैं, जिनमें भारत भी एक है। दुनिया भर में इन बड़े बांधों का निर्माण पिछले 100 से भी ज्यादा वर्षों से किया जा रहा है। पारम्परिक रूप से इनका मकसद नदी जल को नियंत्रित करना था। आज इन्हें जल प्रबंधन, बाढ़ नियंत्रण, हाइड्रोइलेक्ट्रिसिटी और वाटर सप्लाई के लिए बनाया जाता है।

क्या होते हैं बड़े बांध

इंटरनेशनल कमीशन ऑन लार्ज डैम्स के अनुसार जिन बांधों की ऊंचाई 15 मीटर या उससे ऊपर है। साथ ही जो 30 लाख क्यूबिक मीटर से ज्यादा पानी को संजो सकते हैं उन्हें बड़े बांधों की केटेगरी में रखा जाता है। यदि दुनिया के समस्त बड़े बांधों को देखें तो यह सभी मिलकर 7,000 से 8,300 क्यूबिक किलोमीटर पानी को संजो सकते हैं, जोकि सालभर में नदियों द्वारा प्रवाहित होने वाले कुल जल का करीब 16 फीसदी है। यह पानी इतना है की जिसमे कनाडा का 80 फीसदी हिस्सा एक मीटर पानी में डूब सकता है। गौरतलब है कि दुनिया की 40 फीसदी उपज इन्हीं बांधों पर निर्भर है।

पुराने और कमजोर पड़ते बड़े बांध

दुनिया भर के कई बड़े बांध आज 50 साल से ज्यादा पुराने हो चुके हैं। इनमें सबसे ज्यादा बड़े बांध उत्तरी अमेरिका और एशिया के हैं जहां कुल मिलकर 16,000 से ज्यादा बांधों की उम्र 50 से 100 वर्ष के बीच है। वहीं 2300 से ज्यादा बांध 100 वर्ष से ज्यादा पुराने हैं।

यदि अमेरिका को देखें तो वहां छोटे बड़े सभी 90,580 बांधों की औसत उम्र 56 वर्ष है। जबकि इनमें से करीब 85 फीसदी बांध अपनी उम्र के अंतिम पड़ाव पर हैं। इसी तरह चीन में करीब 30000 बांध उम्रदराज हो चुके हैं। यदि भारत की बात करें तो यहां 1,115 बड़े बांध 2025 तक 50 वर्ष या उससे ज्यादा पुराने हो जाएंगे। यदि 2050 की बात करें तो भारत के करीब 4,250 बड़े बांध 50 वर्ष की उम्र को पार कर जाएंगे, जबकि 64 बड़े बांध 150 वर्ष या उससे ज्यादा पुराने होंगे। उदाहरण के लिए भारत के मुल्लापेरियार डैम को देखें तो यह बांध 125 साल से ज्यादा का हो चुका है, जिसे 1895 में अंग्रेजों ने बनाया था। यह केरल में स्थित है, जिसकी ऊंचाई 53.6 मीटर है। यदि रिपोर्ट की माने तो इनमें से ज्यादातर बड़े बांधों जिन्हें 1930 से 1970 के बीच बनाया गया था उनके जीवनकाल 50 से 100 वर्ष था, जो 50 साल से ज्यादा पुराने हो चुके हैं, और उनमें पुराने और कमजोर होने के निशान सामने आने लगे हैं।

इस शोध से जुड़े शोधकर्ता व्लादिमीर स्मख्तिन ने बताया कि जलवायु परिवर्तन इन बांधों को और कमजोर कर रहा है। जिस तरह से बाढ़ और अन्य चरम मौसमी घटनाओं की संख्या बढ़ रही है उससे यह बांध जल्द कमजोर हो रहे हैं, जोकि भारत जैसे देशों के लिए एक बड़ी समस्या है।

ऐसे में पुराने और जर्जर होते यह बड़े बांध दुनिया भर के लिए एक बड़ी समस्या हैं। इनके बढ़ती उम्र न केवल लाखों लोगों के लिए खतरा पैदा कर रही है, साथ ही इनकी मरम्मत और रखरखाव के खर्च को भी और बढ़ा रही है। जिनके चलते एक बड़ी आबादी पर बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। इससे ने केवल लोगों का जीवन बल्कि साथ ही पर्यावरण को भी खतरा है।

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