जम्मू-कश्मीर के भद्रवाह में जल निकायों में बढ़ते प्रदूषण को दूर करने के लिए उठाए गए हैं कदम: जेकेपीसीसी

जल प्रदूषण को रोकने में विफल रहने पर भद्रवाह नगर पालिका समिति ने 11.55 लाख रुपए का पर्यावरणीय मुआवजा भरा है
प्रतीकात्मक तस्वीर: आईस्टॉक
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भद्रवाह नगर पालिका समिति ने 11.55 लाख रुपए का पर्यावरणीय मुआवजा भरा है। पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति की यह राशि क्षेत्र में जल प्रदूषण को रोकने में विफल रहने पर जमा की गई है। जम्मू कश्मीर प्रदूषण नियंत्रण समिति ने 30 नवंबर, 2024 को सबमिट एक रिपोर्ट में इसकी जानकारी दी है।

यह रिपोर्ट नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) द्वारा 21 अगस्त, 2024 को दिए आदेश पर कोर्ट को सौंपी गई है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि भद्रवाह नगर समिति के कार्यकारी अधिकारी ने समस्या से निपटने के लिए उठाए कदमों पर अपडेट साझा किए हैं। इसमें सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) बनाने के लिए जमीन ढूंढना शामिल है। शहरी स्थानीय निकाय निदेशक, जम्मू से परियोजना की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करने के लिए एक सलाहकार को नियुक्त करने का अनुरोध किया गया है।

क्या है पूरा मामला

शहर के भीतर शौचालय के कचरे को सीधे जल निकायों में प्रवाहित करने के लिए जिम्मेदार लोगों का पता लगाने के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन किया गया है। इसमें निजी घर और सरकारी कार्यालय शामिल हैं। अब तक कानूनी कार्रवाई के लिए 130 नोटिस भेजे जा चुके हैं।

प्रदूषण नियंत्रण समिति द्वारा पानी के जो शुरूआती नमूनों लिए गए थे, उसके खराब परिणाम सामने आए हैं। हालांकि, नगर निगम समिति द्वारा समस्याओं को ठीक करने के लिए कदम उठाए जाने के बाद, जल गुणवत्ता में सुधार हुआ है।

जानकारी दी गई है कि समिति अब हर दिन नालियों की सफाई कर रही है। लैंडफिल साइट को साफ करने का काम भी अच्छी तरह से चल रहा है और इसके मार्च 2025 तक पूरा होने की उम्मीद है।

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