देहरादून की आसन नदी के प्रदूषण का मामला: नगर निगम ने एनजीटी में दी सफाई

एनजीटी ने देहरादून नगर निगम को आदेश दिया है कि वह आसन नदी के पास बने कचरे के ढेर से पुराने कचरे को हटाने की प्रगति पर विस्तृत रिपोर्ट दाखिल करे
देहरादून की आसन नदी के प्रदूषण का मामला: नगर निगम ने एनजीटी में दी सफाई
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सारांश
  • नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश के बाद देहरादून नगर निगम ने आसन नदी के पास कचरे के ढेर से लीगेसी वेस्ट हटाने की प्रक्रिया तेज कर दी है।

  • निगम ने दीवारों की मरम्मत कर ली है और लीचेट का बहाव रोकने के लिए नए ड्रेनेज सिस्टम का निर्माण किया है।

  • 30 जनवरी 2026 तक सफाई का काम पूरा करने का लक्ष्य है।

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने 6 नवंबर 2025 को देहरादून नगर निगम को आदेश दिया है कि वह आसन नदी के पास बने कचरे के ढेर से पुराने कचरे (लीगेसी वेस्ट) को हटाने की प्रगति पर विस्तृत हलफनामा दाखिल करे।

यह रिपोर्ट 5 फरवरी 2026 को होने वाली अगली सुनवाई से कम से कम एक सप्ताह पहले दाखिल करनी होगी।

यह मामला उस कचरा डंप से निकल रहे लीचेट (गंदे तरल पदार्थ) से जुड़ा है जो बहकर आसन नदी में पहुंच रहा है। पिछली सुनवाई में देहरादून के जिलाधिकारी के वकील का यह बयान दर्ज किया गया था कि आसन नदी के बाढ़ क्षेत्र का सीमांकन एक मीटर कंटूर और 1:100 साल की अधिकतम बाढ़ स्तर को ध्यान में रखकर किया गया है।

नगर निगम ने 4 नवंबर 2025 को दाखिल हलफनामे में बताया कि लीचेट का बहाव डंपसाइट की टूटी हुई दीवारों की वजह से हो रहा था। निगम ने बताया कि दीवारों की मरम्मत पूरी कर ली गई है और अब लीचेट बाहर नहीं जा रहा।

नगर निगम ने क्या कुछ दी है जानकारी

रिपोर्ट के मुताबिक टूटी हुई दीवारों की मरम्मत कर ली गई है। उत्तर और पश्चिम दिशा की दीवार को इस तरह बनाया गया है कि बारिश का पानी दीवार की खुली जगहों से आसानी से निकल सके। अगर इन खुली जगहों को बंद किया गया, तो पूरे संयंत्र को नुकसान हो सकता है।

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि नालियों की नियमित सफाई की जा रही है और लीचेट को रोकने के लिए सैनिटरी लैंडफिल के साथ अलग नाली (ड्रेनेज सिस्टम) बनाई गई है, ताकि यह बरसाती पानी की नालियों में न मिले।

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नगर निगम ने बरसाती पानी और गंदे पानी को अलग रखने के लिए डंपसाइट के चारों ओर दीवार बनाई है। साथ ही, सक्शन पंप की मदद से दीवार के बाहर जमा लीचेट को निकालकर लीचेट ट्रीटमेंट प्लांट तक भेजा गया है, जहां उसका उपचार किया गया है।

देहरादून नगर निगम ने बताया है कि पुराने कचरे की सफाई का काम जारी है और इसे 30 जनवरी 2026 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।

अदालत को बताया गया कि मिट्टी और भूजल की जांच की गई है और उनकी रिपोर्टें मानक सीमा के भीतर पाई गई हैं। साथ ही यह भी बताया गया कि बाढ़ क्षेत्र का सीमांकन कार्य पूरा हो चुका है। 

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