शहरी क्षेत्रों की आग का धुआं जंगल की आग से अधिक खतरनाक: रिपोर्ट

शहरी आग से उत्पन्न धुएं के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले गंभीर प्रभावों का खुलासा, अध्ययन में पाया गया कि इनसे समय से पहले मौतों की संभावना तीन गुना अधिक होती है
वन्यभूमि-शहरी इंटरफेस (डब्ल्यूयूआई) क्षेत्र सभी आबादी वाले महाद्वीपों पर फैल रहे हैं और अब अंटार्कटिका को छोड़कर दुनिया के भूमि क्षेत्र का लगभग पांच फीसदी हिस्सा हैं।
वन्यभूमि-शहरी इंटरफेस (डब्ल्यूयूआई) क्षेत्र सभी आबादी वाले महाद्वीपों पर फैल रहे हैं और अब अंटार्कटिका को छोड़कर दुनिया के भूमि क्षेत्र का लगभग पांच फीसदी हिस्सा हैं।फोटो साभार: आईस्टॉक
Published on

नए शोध में पाया गया है कि शहरी हिस्सों से सटे जंगल में लगने वाली आग से निकलने वाला धुआं, दूरदराज के इलाकों के जंगलों की आग से निकलने वाले धुएं की तुलना में स्वास्थ्य पर कहीं अधिक खतरनाक असर डालता है।

अध्ययन का अनुमान है कि वन्यभूमि-शहरी इंटरफेस (डब्ल्यूयूआई) या जंगल से सटे शहरों की आग से निकलने वाले उत्सर्जन से सामान्य रूप से जंगल की आग से निकलने वाले उत्सर्जन की तुलना में सालाना समय से पहले होने वाली मौतों के आसार लगभग तीन गुना अधिक होते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि आग और उससे जुड़े उत्सर्जन, आबादी वाले इलाकों के बहुत नजदीक होते हैं।

यह शोध यूएस नेशनल साइंस फाउंडेशन नेशनल सेंटर फॉर एटमॉस्फेरिक रिसर्च (एनएसएफ-एनसीएआर) के वैज्ञानिकों के नेतृत्व में शोधकर्ताओं की एक अंतरराष्ट्रीय टीम द्वारा किया गया है। अध्ययन में डब्ल्यूयूआई आग के डेटाबेस और एडवांस कंप्यूटर मॉडलिंग तकनीकों का उपयोग किया गया।

शोध पत्र में शोधकर्ता के हवाले से कहा गया है कि भले ही डब्ल्यूयूआई आग के उत्सर्जन वैश्विक स्तर पर अपेक्षाकृत कम हैं, लेकिन स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभाव आनुपातिक रूप से बड़े हैं क्योंकि वे लोगों की आबादी के करीब हैं। डब्ल्यूयूआई आग से निकलने वाले प्रदूषक, जैसे कि पार्टिकुलेट मैटर और ओजोन प्रदूषण फैलाने वाले, अधिक हानिकारक हैं क्योंकि वे सैकड़ों या हजारों मील तक नहीं फैलते हैं।

वन्यभूमि-शहरी इंटरफेस (डब्ल्यूयूआई) और आग का फैलना

वन्यभूमि-शहरी इंटरफेस वह भौगोलिक क्षेत्र है जहां वन्यभूमि वनस्पति और विकसित भूमि एक साथ आपस में मिलती हैं। डब्ल्यूयूआई क्षेत्र सभी आबादी वाले महाद्वीपों पर फैल रहे हैं और अब अंटार्कटिका को छोड़कर दुनिया के भूमि क्षेत्र का लगभग पांच फीसदी हिस्सा हैं।

यह भी पढ़ें
ग्लोबल वार्मिंग के कारण शहरों में बढ़ सकती हैं आग लगने की घटनाएं
वन्यभूमि-शहरी इंटरफेस (डब्ल्यूयूआई) क्षेत्र सभी आबादी वाले महाद्वीपों पर फैल रहे हैं और अब अंटार्कटिका को छोड़कर दुनिया के भूमि क्षेत्र का लगभग पांच फीसदी हिस्सा हैं।

शोध में कहा गया है कि इस विस्तार के साथ आग विनाशकारी हो रही है। हाल के सालों में सबसे घातक डब्ल्यूयूआई आग में से कुछ में ऑस्ट्रेलिया में 2009 की ब्लैक सैटरडे बुशफायर शामिल हैं, जिसमें सीधे तौर पर 173 लोग मारे गए, ग्रीस में 2018 की एटिका आग जिसमें 104 लोग मारे गए और हवाई में 2023 की लाहिना आग जिसमें 100 लोग मारे गए।

शोध के मुताबिक, 2025 की शुरुआत में, दक्षिणी कैलिफ़ोर्निया में आग के एक भयावह प्रकोप ने लगभग 16,000 घरों, व्यवसायों और अन्य संरचनाओं को जला कर खाक कर दिया, जिसमें 250 अरब डॉलर या उससे अधिक तक के आर्थिक नुकसान होने का अनुमान है।

पिछले किए गए अध्ययन में उपग्रह अवलोकन और मशीन लर्निंग तकनीकों का उपयोग करके दिखाया गया था कि डब्ल्यूयूआई क्षेत्रों में होने वाली वैश्विक आग का हिस्सा इस सदी में काफी बढ़ गया है।

यह भी पढ़ें
कनाडा में एक साल में जंगल की आग से हुआ 183 टन तक जहरीले आर्सेनिक का उत्सर्जन
वन्यभूमि-शहरी इंटरफेस (डब्ल्यूयूआई) क्षेत्र सभी आबादी वाले महाद्वीपों पर फैल रहे हैं और अब अंटार्कटिका को छोड़कर दुनिया के भूमि क्षेत्र का लगभग पांच फीसदी हिस्सा हैं।

पिछले अध्ययन के आधार पर, शोधकर्ताओं ने तत्काल मौतों से परे आग के उत्सर्जन से स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभावों का अनुमान लगाना चाहते थे। धुएं से जुड़े कुछ प्रदूषक, जैसे कि महीन कण पदार्थ और जमीनी स्तर का ओजोन, विशेष रूप से हृदय और श्वसन तंत्र के लिए हानिकारक हैं।

शोध में कहा गया है कि शोधकर्ताओं ने आग से प्रदूषकों का अनुकरण करने के लिए एक एडवांस एनएसएफ-एनसीएआर-आधारित कंप्यूटर मॉडल, मल्टी-स्केल इंफ्रास्ट्रक्चर फॉर केमिस्ट्री एंड एरोसोल (एमयूएसआईसीए) का सहारा लिया। उनके मॉडलिंग में कार्बन मोनोऑक्साइड रासायनिक ट्रेसर शामिल थे, जिससे वे उत्सर्जन के स्रोतों का अनुमान लगाने और जंगली भूमि और डब्ल्यूयूआई आग के बीच अंतर करने में सक्षम हुए।

शोध के मुताबिक, शोधकर्ताओं ने दुनिया भर में पिछले दो दशकों में डब्ल्यूयूआई आग के डेटासेट का भी इस्तेमाल किया। डब्ल्यूयूआई आग के उत्सर्जन की तुलना जंगली आग से होने वाले उत्सर्जन से करने के लिए, शोधकर्ताओं ने चार परिदृश्यों का अनुकरण किया।

यह भी पढ़ें
मिट्टी में दबे जहरीले धातु के कणों को फैला रही है जंगल की आग, बन सकता है बड़ा खतरा
वन्यभूमि-शहरी इंटरफेस (डब्ल्यूयूआई) क्षेत्र सभी आबादी वाले महाद्वीपों पर फैल रहे हैं और अब अंटार्कटिका को छोड़कर दुनिया के भूमि क्षेत्र का लगभग पांच फीसदी हिस्सा हैं।

इनमें शामिल थे: बिना आग के, डब्ल्यूयूआई और जंगली आग दोनों, केवल डब्ल्यूयूआई आग और केवल जंगली आग। सभी आग और केवल जंगली आग के बीच के अंतर ने डब्ल्यूयूआई आग उत्सर्जन के प्रभावों को दर्शाया।

साइंस एडवांस में प्रकाशित शोध के परिणामों से पता चला कि 2020 में छह आबादी वाले महाद्वीपों में सभी आग से संबंधित उत्सर्जनों में डब्ल्यूयूआई आग से उत्सर्जन का हिस्सा 3.1 फीसदी था। हालांकि समय से पहले होने वाली मौतों में डब्ल्यूयूआई आग से होने वाले उत्सर्जन का योगदान सभी आग से होने वाले उत्सर्जनों का 8.8 फीसदी था, क्योंकि डब्ल्यूयूआई आग से निकलने वाले धुएं से लोग प्रभावित हुए थे।

डब्ल्यूयूआई आग से घनी आबादी की निकटता के आधार पर महाद्वीप के अनुसार संख्याएं अलग-अलग थीं। उदाहरण के लिए, उत्तरी अमेरिका में, डब्ल्यूयूआई आग सभी आग का छह फीसदी और उत्सर्जन से होने वाली समय से पहले होने वाली मौतों का 9.3 फीसदी के लिए जिम्मेवार है। हालांकि यूरोप में, ये संख्याएं क्रमशः 11.4 फीसदी और 13.7 फीसदी थीं।

यह भी पढ़ें
उत्तराखंड के जंगलों में आग की घटनाओं में दोगुनी वृद्धि, सूक्ष्मजीवों के लिए बनी मुसीबत
वन्यभूमि-शहरी इंटरफेस (डब्ल्यूयूआई) क्षेत्र सभी आबादी वाले महाद्वीपों पर फैल रहे हैं और अब अंटार्कटिका को छोड़कर दुनिया के भूमि क्षेत्र का लगभग पांच फीसदी हिस्सा हैं।

एक कारण जिसकी शोधकर्ता आगे जांच करना चाहते हैं, वह है जंगल की आग से होने वाले उत्सर्जन में अंतर जो पेड़ों और अन्य वनस्पतियों को जला देती है, जबकि डब्ल्यूयूआई आग से होने वाले उत्सर्जन में अंतर जो अक्सर अतिरिक्त विषाक्त पदार्थों से युक्त संरचनाओं को जला देता है। विभिन्न जली हुई सामग्रियों से निकलने वाले धुएं का मनुष्य के स्वास्थ्य पर अलग-अलग प्रभाव हो सकता है।

शोधकर्ता ने शोध के हवाले से कहा कि एक उत्सर्जन सूची होना बहुत जरूरी है जो संरचनाओं के जलने को स्पष्ट रूप से दर्शाता हो। यह जानने की जरूरत है कि क्या जलाया जा रहा है ताकि यह निर्धारित किया जा सके कि किस तरह का धुआं बन रहा है।

Related Stories

No stories found.
Down to Earth- Hindi
hindi.downtoearth.org.in