ग्रेटर नोएडा में प्रदूषण से बिगड़े हालात, बर्नीहाट-मुजफ्फरनगर में भी जानलेवा हुई हवा

इन तीनों शहरों में बढ़ते प्रदूषण का आलम यह है कि लोगों के लिए सांस लेना तक दुश्वार हो गया है। देखा जाए तो इन तीनों शहरों की हवा में घुला जहर लोगों को बेहद बीमार करने के लिए काफी है
ग्रेटर नोएडा में प्रदूषण से बिगड़े हालात, बर्नीहाट-मुजफ्फरनगर में भी जानलेवा हुई हवा
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देश में बढ़ते प्रदूषण से मुजफ्फरनगर में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है। जहां प्रदूषण का स्तर बढ़कर 340 पर पहुंच गया है। इसी तरह देश के दो अन्य शहरों बर्नीहाट (314) और ग्रेटर नोएडा (336) में भी प्रदूषण से हाल बेहाल हैं। इन तीनों शहरों में बढ़ते प्रदूषण का आलम यह है कि लोगों के लिए सांस लेना तक दुश्वार हो गया है। देखा जाए तो इन तीनों शहरों की हवा में घुला जहर लोगों को बेहद बीमार करने के लिए काफी है। वहीं दूसरी तरफ कुड्डालोर में हवा सबसे ज्यादा साफ है। यदि मुजफ्फरनगर में वायु गुणवत्ता की तुलना कुड्डालोर से करे तो वहां प्रदूषण का स्तर 13 गुणा ज्यादा है।

इसी तरह देश के 25 शहरों में वायु गुणवत्ता दमघोंटू बनी हुई है। इन शहरों में बागपत, बहादुरगढ़, बल्लभगढ़, बेतिया, भिवाड़ी, भिवंडी, बक्सर, चरखी दादरी, छपरा, देहरादून, दिल्ली, फरीदाबाद, गाजियाबाद, गुरूग्राम, हिसार, जैसलमेर, कुरूक्षेत्र, लुधियाना, मानेसर, मेरठ, नोएडा, पंचकुला, पटना, सिवान, ठाणे आदि शहर शामिल हैं जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 200 से 300 के बीच दर्ज किया गया है। वहीं यदि कल के मुकाबले इन शहरों की संख्या को देखें तो इसमें करीब 14 फीसदी का इजाफा हुआ है।

हालांकि देश में मध्यम श्रेणी की वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में कल से कोई बदलाव नहीं हुआ है। आज भी इन शहरों का आंकड़ा 89 दर्ज क्या गया है। इन शहरों में अगरतला, अहमदाबाद, अंबाला, अमृतसर, अंगुल, अररिया, आसनसोल, बद्दी, बांसवाड़ा, बारां, बारबिल, बठिंडा, बेलापुर, भागलपुर, भरतपुर, भिवानी, बीकानेर, बिलीपाड़ा, बुलन्दशहर, बूंदी, चंडीगढ़, चित्तौड़गढ़, दौसा, धनबाद, धारूहेड़ा, दुर्गापुर, गुवाहाटी, ग्वालियर, आदि शहर शामिल हैं। वहीं राजधानी दिल्ली की बात करें तो कल से प्रदूषण के स्तर में नौ अंकों का उछाल आया है। इसके बाद वहां वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 243 पर पहुंच गया है। हालांकि इस दौरान फरीदाबाद की हवा कल से बेहतर हुई है। जहां एक्यूआई में चार अंकों की गिरावट आई है।
वहीं दूसरी तरफ देश के 25 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर बेहतर दर्ज किया गया। इन शहरों में कटक, दावनगेरे, गुम्मिडिपूंडी, हल्दिया, कडपा, कारवार, मदिकेरी, मंगुराहा, नाहरलगुन आदि शहर शामिल रहे। कल जारी आंकड़ों से तुलना करें तो देश में बेहतर वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में आज करीब 22 फीसद की गिरावट आई है। इसी तरह संतोषजनक हवा वाले शहरों की संख्या भी पांच फीसदी की गिरावट के साथ घटकर 93 रह गई है। इन शहरों में गांधीनगर, गंगटोक, गया, हावेरी, हावड़ा, हुबली, हैदराबाद, इंफाल, इंदौर आदि शहर शामिल हैं।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 15 मई 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 235 में से 25 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 93 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 14 मई 2024 यह आंकड़ा 98 दर्ज किया गया था।

89 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही। वहीं 25 शहरों बेतिया, भिवाड़ी, भिवंडी, बक्सर, चरखी दादरी, छपरा, देहरादून, दिल्ली, फरीदाबाद, गाजियाबाद, गुरूग्राम, हिसार, जैसलमेर आदि में स्थिति दमघोंटू है। दूसरे शहरों की तुलना में बर्नीहाट (314), ग्रेटर नोएडा (336) और मुजफ्फरनगर (340) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 300 के पार पहुंच गया है।   

यदि दिल्ली की बात करें तो यहां वायु गुणवत्ता 'खराब' श्रेणी में है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स नौ अंक बढ़कर 243 पर पहुंच गया है। दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 250, गाजियाबाद में 218, गुरुग्राम में 234, नोएडा में 280, ग्रेटर नोएडा में 336 पर पहुंच गया है। 

देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 137 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'मध्यम' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 157, चेन्नई में 62, चंडीगढ़ में 196, हैदराबाद में 76, जयपुर में 124 और पटना में 224 दर्ज किया गया।  

इन शहरों की हवा रही सबसे साफ 

अमरावती (41) सहित देश के जिन 25 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अरियालूर 45, बागलकोट 46, चामराजनगर 45, चिक्कामगलुरु 46, कुड्डालोर 26, कटक 50, दावनगेरे 39, गुम्मिडिपूंडी 43, हल्दिया 28, कडपा 43, कारवार 42, मदिकेरी 38, मंगुराहा 50, नाहरलगुन 31, पालकलाईपेरुर 29, पुदुचेरी 38, रामनगर 41, रामनाथपुरम 28, सूरत 37, थूथुकुडी 40, तिरुपति 43, उडुपी 50, वाराणसी 39, विजयपुरा 42 शामिल रहे।

वहीं आगरा, अहमदनगर, आइजोल, अजमेर, अकोला, अलवर, अमरावती, अनंतपुर, आरा, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बदलापुर, बालासोर, बरेली, बारीपदा, बाड़मेर, बैरकपुर, बेंगलुरु, भिलाई, भीलवाड़ा, भोपाल, भुवनेश्वर, बिहारशरीफ, बिलासपुर, बोईसर, ब्रजराजनगर, ब्यासनगर, चंद्रपुर, चेन्नई, छाल, चिकबलपुर, देवास, धारवाड़, धौलपुर, डूंगरपुर, एलूर, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गंगटोक, गया, हावेरी, हावड़ा, हुबली, हैदराबाद, इंफाल, इंदौर, कल्याण, कन्नूर, कटिहार, कटनी, क्योंझर, कोहिमा, कोलार, कोल्हापुर, कोलकाता, कोल्लम, कोप्पल, कोरबा, कुंजेमुरा, लातूर, महाड, मंगलौर, मिलुपारा, नगांव, नागपुर, नांदेड़, नासिक, नयागढ़, पानीपत, परभनी, पीथमपुर, प्रयागराज, रायचुर, रायपुर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, राजगीर, राजसमंद, राउरकेला, सलेम, सासाराम, सतना, शिवमोगा, सिलचर, सिलीगुड़ी, शिवसागर, सुआकाती, टेंसा, तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर, तिरुपुर, उदयपुर, उज्जैन, विशाखापत्तनम आदि 93 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया। 

क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, कैसे जा सकता है समझा?

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है। इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है।

वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है। यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है।

इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है। ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है। 

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