देश में कल के मुकाबले प्रदूषण के स्तर में गिरावट आई है। इसके चलते साफ हवा वाले शहरों की संख्या 41 फीसदी बढ़कर 45 पर पहुंच गई है। इनमें वापी, वाराणसी, वेल्लोर, सतना, शिवमोगा, सुआकाती, सूरत, तिरुवनंतपुरम आदि शहर शामिल हैं। आंकड़ों की मानें तो वाराणसी में प्रदूषण का स्तर सबसे कम रहा, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 27 दर्ज किया गया है। वहीं दूसरी तरफ देश में 'खराब' वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में करीब 50 फीसदी की गिरावट आई है। इन शहरों में बद्दी (201), बांसवाड़ा (220), और फरीदाबाद (264) शामिल हैं। वहीं देश में आज भी श्रीगंगानगर में हवा सबसे ज्यादा खराब दर्ज की गई है, जहां प्रदूषण का स्तर 307 दर्ज किया गया है।
वहीं राजधानी दिल्ली की बात करें तो वहां प्रदूषण के स्तर में मामूली (दो अंकों) इजाफा हुआ है, जिसके बाद वायु गुणवत्ता सूचकांक 180 पर पहुंच गया है। इसी तरह फरीदाबाद में भी वायु गुणवत्ता सूचकांक सात अंकों के उछाल के साथ बढ़कर 264 पर पहुंच गया है। बता दें कि फरीदाबाद देश का दूसरा सबसे प्रदूषित शहर रहा। इसके बाद बांसवाड़ा में स्थिति सबसे ज्यादा खराब रही, जहां एक्यूआई 220 दर्ज किया गया। आंकड़ों की मानें तो आज वाराणसी की तुलना में श्रीगंगानगर की हवा 11 गुणा ज्यादा खराब रही। देश के 111 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक बना हुआ है। इन शहरों में भीलवाड़ा, भिवंडी, भोपाल, भुवनेश्वर, बीदर, बिहारशरीफ, बोईसर, ब्रजराजनगर, बुलन्दशहर, ब्यासनगर, चेन्नई आदि शामिल रहे। हालांकि कल के मुकाबले देखें तो देश में संतोषजनक वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में करीब दस फीसदी की गिरावट आई है। दूसरी तरह जिन शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है उनकी संख्या में कल से पांच फीसदी का इजाफा हुआ है। इसके बाद इन शहरों की संख्या बढ़कर 86 पर पहुंच गई है। बता दें कि इन शहरों में बूंदी, बक्सर, चंडीगढ़, चरखी दादरी, दौसा, दिल्ली, धनबाद, धारूहेड़ा, धारवाड़, धुले, फतेहाबाद, गाजियाबाद, गोरखपुर, ग्रेटर नोएडा, गुरूग्राम, ग्वालियर, हनुमानगढ़, हापुड़, हसन, हिसार, जबलपुर, जयपुर, जालंधर आदि शहर शामिल हैं।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 10 मई 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 246 में से 45 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 111 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 09 मई 2024 यह आंकड़ा 123 दर्ज किया गया था।
86 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही। वहीं तीन शहरों बद्दी, बांसवाड़ा, फरीदाबाद में स्थिति दमघोंटू है। दूसरे शहरों की तुलना में श्रीगंगानगर (307) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 300 के पार पहुंच गया है।
यदि दिल्ली की बात करें तो यहां वायु गुणवत्ता 'मध्यम' श्रेणी में है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स दो अंक बढ़कर 180 पर पहुंच गया है। दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 264, गाजियाबाद में 139, गुरुग्राम में 167, नोएडा में 156, ग्रेटर नोएडा में 178 पर पहुंच गया है।
देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 67 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'संतोषजनक' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 123, चेन्नई में 51, चंडीगढ़ में 132, हैदराबाद में 64, जयपुर में 130 और पटना में 150 दर्ज किया गया।
इन शहरों की हवा रही सबसे साफ
आइजोल (42) सहित देश के जिन 35 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अमरावती 36, अरियालूर 28, बागलकोट 46, बरेली 49, बारीपदा 47, बैरकपुर 43, बेलगाम 48, बिलासपुर 46, चामराजनगर 41, चंद्रपुर 38, चिक्कामगलुरु 42, कुड्डालोर 36, गडग 48, गांधीनगर 38, हल्दिया 37, हावेरी 38, हावड़ा 50, कटिहार 40, कोलकाता 50, मदिकेरी 31, मंगलौर 50, मंगुराहा 44, मिलुपारा 46, मैसूर 45, नाहरलगुन 32, नयागढ़ 43, ऊटी 48, पुदुचेरी 50, रायरंगपुर 35, राजमहेंद्रवरम 47, राजगीर 34, रामनगर 43, रामनाथपुरम 30, सतना 35, शिवमोगा 50, सुआकाती 48, सूरत 29, तिरुवनंतपुरम 35, वापी 47, वाराणसी 27, वेल्लोर 41, विजयपुरा 42, विरार 49, यादगीर 39 शामिल रहे।
वहीं आगरा, अहमदनगर, अकोला, अंबाला, अमरावती, अंगुल, अंकलेश्वर, आसनसोल, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बदलापुर, बालासोर, बेलापुर, बेंगलुरु, बेतिया, भिलाई, भीलवाड़ा, भिवंडी, भोपाल, भुवनेश्वर, बीदर, बिहारशरीफ, बोईसर, ब्रजराजनगर, बुलन्दशहर, ब्यासनगर, चेन्नई, छाल, छपरा, चिकबलपुर, चित्तूर, कटक, दावनगेरे, देहरादून, देवास, डूंगरपुर, दुर्गापुर, एलूर, फिरोजाबाद, गंगटोक, गया, गुम्मिडिपूंडी, गुवाहाटी, हाजीपुर, हुबली, हैदराबाद, इंफाल, इंदौर, जैसलमेर, जलगांव, जलना, जालौर, झांसी, जोधपुर, कलबुर्गी, कल्याण, कन्नूर, कानपुर, कटनी, क्योंझर, खुर्जा, किशनगंज, कोहिमा, कोलार, कोल्हापुर, कोप्पल, कोरबा, कुंजेमुरा, लातूर, महाड, मंडीदीप, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मुंबई, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, नगांव, नागपुर, नलबाड़ी, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, पानीपत, परभनी, पिंपरी-चिंचवाड, प्रयागराज, पूर्णिया, रायपुर, राजसमंद, ऋषिकेश, सागर, सहरसा, सलेम, सांगली, सासाराम, सिलचर, सिलीगुड़ी, सिरोही, शिवसागर, सोनीपत, तालचेर, टेंसा, ठाणे , थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुपति, तिरुपुर, तुमिडीह, उदयपुर, उल्हासनगर, विशाखापत्तनम, वृंदावन आदि 111 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, कैसे जा सकता है समझा?
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है। इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है।
वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है। यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है।
इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है। ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।