देश में धीरे-धीरे वायु प्रदूषण के समीकरण बदल रहे हैं, जहां पहले हवा में घुला जहर केवल बड़े शहरों की समस्या था। वहीं अब इस मामले में छोटे शहर भी पीछे नहीं है, इसकी पुष्टि आंकड़े भी करते हैं। यदि आज देश में वायु प्रदूषण को लेकर जारी सरकारी आंकड़ों पर गौर करें तो बड़े शहरों को पीछे छोड़ धौलपुर में हवा जानलेवा हो चुकी है। जहां हवा में खुला जहर लोगों को बेहद ज्यादा बीमार करने के लिए काफी है। आंकड़ों के मुताबिक धौलपुर में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 345 पर पहुंच गया है, जो स्पष्ट तौर पर दर्शाता है कि वहां वायु गुणवत्ता किस कदर बदतर हो चुकी है।
इसी तरह छोटे बड़े 11 शहरों में हवा दमघोंटू बनी हुई है। हालांकि इनमें भी छोटे शहरों का बोलबाला है। इन शहरों में बल्लभगढ़, बारबिल, बारीपदा, गुरूग्राम, गुवाहाटी, हनुमानगढ़, कुंजेमुरा, मंडी गोबिंदगढ़, परभनी, श्रीगंगानगर और सुआकाती शामिल हैं। वहीं दिल्ली सहित देश के 126 शहरों में वायु गुणवत्ता की श्रेणी मध्यम बनी हुई है। दूसरी तरफ आज भी तुमकुरु में हवा सबसे ज्यादा साफ है, जहां एक्यूआई 31 रिकॉर्ड किया गया है। इसी तरह देश के दस शहरों में वायु गुणवत्ता बेहतर बनी हुई है। कल के मुकाबले देखें तो देश में इन बेहतर वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में इजाफा हुआ है। गौरतलब है कि इन शहरों की संख्या कल आठ दर्ज की गई थी। देश में संतोषजनक वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में भी वृद्धि हुई है।
बता दें कि जहां 12 मार्च को 91 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक थी वहीं आज यह आंकड़ा बढ़कर 99 पर पहुंच गया है। इन शहरों में गंगटोक, गया, गोरखपुर, हल्दिया, हावेरी, हिसार, हुबली, हैदराबाद आदि शहर शामिल हैं। यदि दिल्ली की बात करें तो आज भी दिल्ली की वायु गुणवत्ता में सुधार आया है। जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 26 अंकों की गिरावट के साथ 165 पर पहुंच गया है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 13 मार्च 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 247 में से 10 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 99 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 12 मार्च 2024 यह आंकड़ा 91 दर्ज किया गया था। 126 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही।
वहीं 11 शहरों बल्लभगढ़ (228), बारबिल (213), बारीपदा (212), गुरूग्राम (204), गुवाहाटी (225), हनुमानगढ़ (214), कुंजेमुरा (229), मंडी गोबिंदगढ़ (210), परभनी (218), श्रीगंगानगर (298) और सुआकाती (250) में स्थिति दमघोंटू है। वहीं धौलपुर (345) में स्थिति 'बेहद खराब' है।
यदि दिल्ली की बात करें तो यहां वायु गुणवत्ता 'मध्यम' श्रेणी में है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स 26 अंक गिरकर 165 पर पहुंच गया है। दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 170, गाजियाबाद में 135, गुरुग्राम में 204, नोएडा में 144, ग्रेटर नोएडा में 152 पर पहुंच गया है।
देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 87 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'मध्यम' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 97, चेन्नई में 85, चंडीगढ़ में 130, हैदराबाद में 88, जयपुर में 104 और पटना में 146 दर्ज किया गया।
देश के इन शहरों की हवा रही सबसे साफ
देश के जिन महज दस शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें बागलकोट 46, बिलासपुर 33, चामराजनगर 44, कुड्डालोर 45, फिरोजाबाद 47, झांसी 47, करौली 39, शिवसागर 48, तुमकुरु 31 और वाराणसी 38 शामिल रहे।
वहीं आगरा, अजमेर, अलवर, अमरावती, अंबाला, अनंतपुर, अंकलेश्वर, अरियालूर, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बालासोर, बरेली, बठिंडा, बेलगाम, बेतिया, भिलाई, भिवानी, भोपाल, बिहारशरीफ, बुलन्दशहर, चेन्नई, छाल, कोयंबटूर, कटक, देहरादून, देवास, धारवाड़, डूंगरपुर, एलूर, फतेहाबाद, गंगटोक, गया, गोरखपुर, हल्दिया, हावेरी, हिसार, हुबली, हैदराबाद, इंदौर, जालंधर, जींद, कडपा, कलबुर्गी, कन्नूर, कानपुर, करनाल, कारवार, काशीपुर, कटिहार, खन्ना, खुर्जा, कोच्चि, कोलकाता, कोप्पल, कोरबा, कुरूक्षेत्र, लातूर, लखनऊ, मदिकेरी, मैहर, मंडीदीप, मांडीखेड़ा, मंगलौर, मेरठ, मुरादाबाद, मुंबई, मैसूर, नागपुर, नाहरलगुन, नारनौल, नासिक, ऊटी, पालकालाइपेरुर, पंचकुला, पटियाला, पीथमपुर, प्रतापगढ़, पुदुचेरी, पूर्णिया, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, राजगीर, राजसमंद, रामानगर, ऋषिकेश, सागर, समस्तीपुर, सतना, शिवमोगा, सिलचर, सिरोही, टेंसा, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी , तिरुपति, उदयपुर, उडुपी, वेल्लोर, विजयवाड़ा और यमुनानगर आदि 91 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, इसे कैसे जा सकता है समझा?
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है। इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है।
वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है। यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है।
इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है। ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।