नरला ताताराव थर्मल पावर स्टेशन ने शुरू कर दिए हैं प्रदूषण को नियंत्रित करने के उपाय

डॉ नरला ताताराव थर्मल पावर स्टेशन एक कोयला आधारित बिजली संयंत्र है, जिसकी उत्पादन क्षमता 2,560 मेगावाट है।
डॉ नरला ताताराव थर्मल पावर स्टेशन; फोटो: विकीमीडिया कॉमन्स
डॉ नरला ताताराव थर्मल पावर स्टेशन; फोटो: विकीमीडिया कॉमन्स
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आंध्र प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (एपीपीसीबी) ने नरला ताताराव थर्मल पावर स्टेशन (एनटीटीपीएस) को प्रदूषण नियंत्रित करने और वायु एवं जल गुणवत्ता मानकों को पूरा करने का निर्देश दिया है। 22 फरवरी, 2025 को आंध्र प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) को सौंपी रिपोर्ट में इसका जिक्र किया है।

एनटीआर जिले के इब्राहिमपटनम में डॉक्टर नरला ताताराव थर्मल पावर स्टेशन एक कोयला आधारित बिजली संयंत्र है, जिसकी उत्पादन क्षमता 2,560 मेगावाट है।

गौरतलब है कि 10 जनवरी, 2025 को, एसपीसीबी ने एनटीटीपीएस को तीन महीने के भीतर उल्लंघनों को ठीक करने के लिए बजट अनुमानों के साथ एक विस्तृत कार्य योजना प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था।

उद्योग ने 27 जनवरी, 2025 को एक कार्य योजना प्रस्तुत की थी। इसमें कहा गया है कि आंध्र प्रदेश पावर जनरेशन कॉरपोरेशन लिमिटेड (एपीजीईएनसीओ) ने निलंबित कण पदार्थ (एसपीएम) को नियंत्रित करने, ईएसपी क्षेत्रों के सुधार और अन्य संबंधित कार्यों के लिए 6 दिसंबर, 2023 को 10 करोड़ रुपए मंजूर किए थे।

ईएसपी को अपग्रेड करने, फ्लाई ऐश निकासी में सुधार करने और ऐश हैंडलिंग सिस्टम को मजबूत करने के लिए एक अप्रैल, 2024 को 18 करोड़ रुपए का अतिरिक्त बजट मंजूर किया गया था। इसके अलावा, एपीजीईएनसीओ ने सिंगरेनी कोलियरीज कंपनी से उच्च श्रेणी के कोयले की आपूर्ति का भी अनुरोध किया है।

एपीजीईएनसीओ ने वायु प्रदूषण नियंत्रण उपायों के लिए 16 दिसंबर, 2024 को 31 करोड़ रुपए मंजूर किए थे।

उद्योग ने प्रदूषण नियंत्रण प्रणालियों को दुरुस्त करने और इलेक्ट्रोस्टेटिक प्रीसिपिटेटर (ईएसपी) के प्रदर्शन में सुधार के लिए समयबद्ध कार्ययोजना प्रस्तुत की है। साथ ही यह भी बताया है कि यूनिट V, VI और VII के लिए 2024-25 के वार्षिक ओवरहाल का काम पूरा हो चुका है और ईएसपी हॉपर से होने वाले रिसाव को भी सफलतापूर्वक तरीके से नियंत्रित कर लिया गया है।

यह भी जानकारी दी गई है कि राख प्रबंधन, फ्लाई ऐश निकासी प्रणालियों को मजबूत करने और ईएसपी के प्रदर्शन में सुधार के लिए कार्य और खरीद आदेश जारी किए गए हैं। उद्योग ने 31 मार्च 2025 तक छोटे-मोटे काम पूरे करने की योजना बनाई है और प्रदूषण नियंत्रण से जुड़े सुधार कार्य भी शुरू कर दिए हैं।

उद्योगों द्वारा भुगतान न किए जाने के कारण अटकी है कृष्णपट्टनम में जल आपूर्ति

नेल्लोर नगर निगम ने कहा है कि वह कृष्णापट्टनम औद्योगिक नोड में भूजल के स्तर को बहाल करने के लिए कार्रवाई नहीं कर सकता, क्योंकि यह क्षेत्र उसकी सीमा से बाहर है।

24 फरवरी, 2025 को नेल्लोर नगर निगम ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) में अपनी रिपोर्ट दाखिल कर दी है। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि कृष्णापट्टनम खाद्य तेल रिफाइनर्स एसोसिएशन ने नेल्लोर नगर निगम से पानी पहुंचाने के लिए संपर्क किया था।

तीन मार्च, 2022 को निगम ने जवाब दिया कि पदरुपल्ली जलाशय से पानी की पाइपलाइन बिछाने के लिए 30 करोड़ रुपये का भुगतान करना होगा। हालांकि, कृष्णापटनम खाद्य तेल रिफाइनर एसोसिएशन ने कोई जवाब नहीं दिया और न ही आवश्यक भुगतान किया। नतीजतन, पाइपलाइन का काम आगे नहीं बढ़ा है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि एडिबल ऑयल्स रिफाइनर्स एसोसिएशन के अलावा कृष्णापटनम नोड में अन्य उद्योगों ने भी पानी की आपूर्ति का अनुरोध किया है। उनके अनुरोध पर विचार करते हुए, एक प्रारंभिक रिपोर्ट तैयार की गई, जिसमें परियोजना की लागत 107 करोड़ रुपए आंकी गई, क्योंकि पेन्ना हेड वाटर वर्क्स में पानी का स्रोत 44.87 किलोमीटर की दूरी पर है।

हालांकि कृष्णापट्टनम नोड में किसी भी कंपनी ने जलापूर्ति परियोजना के लिए भुगतान करने की इच्छा नहीं दिखाई है या इसे आगे बढ़ाने के लिए तत्परता दिखाते हुए नगर निगम से संपर्क नहीं किया है।

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