बर्नीहाट में बढ़ते प्रदूषण से जानलेवा हुए हालात, फरीदाबाद-गुवाहाटी सहित 23 में दमघोंटू है हवा

देश की राजधानी में भी कल के मुकाबले प्रदूषण के स्तर में इजाफा हुआ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 18 अंक बढ़कर 200 पर पहुंच गया है
बर्नीहाट में बढ़ते प्रदूषण से जानलेवा हुए हालात, फरीदाबाद-गुवाहाटी सहित 23 में दमघोंटू है हवा
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देश के दिल्ली-मुंबई जैसे बड़े शहरों को पीछे छोड़ बर्नीहाट में प्रदूषण का स्तर जानलेवा हो गया है। जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) बढ़कर 328 पर पहुंच गया है। इसी तरह देश के छोटे बड़े 23 अन्य शहरों में प्रदूषण से हालात दमघोंटू हैं। इन शहरों में बद्दी, बहादुरगढ़, बेतिया, भागलपुर, भीलवाड़ा, चंडीगढ़, फरीदाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुरूग्राम, गुवाहाटी, हनुमानगढ़, जलगांव, मोतिहारी, मुंगेर, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, नगांव, नलबाड़ी, नंदेसरी, नोएडा, पटना, रूपनगर और श्रीगंगानगर शामिल हैं।

कुल मिलकर देखें तो बड़े शहरों की तुलना में छोटे शहरों में प्रदूषण से स्थिति कहीं ज्यादा खराब है। वहीं यदि कल जारी आंकड़ों से तुलना करें तो आज 'खराब' वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में इजाफा हुआ है। बता दें कि 10 मार्च को जारी आंकड़ों में 'खराब' वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या 13 बताई गई थी।

यदि दिल्ली की बात करें तो देश की राजधानी में भी कल के मुकाबले प्रदूषण के स्तर में इजाफा हुआ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 18 अंक बढ़कर 200 पर पहुंच गया है। वहीं दूसरी तरफ देश में तुमकुरु में हवा सबसे ज्यादा साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 29 दर्ज किया गया है। इसी तरह देश के आठ अन्य शहरों में भी स्थिति बेहतर बनी हुई है। हालांकि कल के मुकाबले संतोषजनक वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में गिरावट जरूर देखी गई है। जहां कल 106 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक थी, वहीं आज यह आंकड़ा घटकर 81 पर आ गया है। वहीं जिन शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी की है, उनमें कल के मुकाबले इजाफा हुआ है। बता दें कि आज इन शहरों का आंकड़ा 129 दर्ज किया गया है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 11 मार्च 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 243 में से नौ शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 81 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 10 मार्च 2024 यह आंकड़ा 106 दर्ज किया गया था। 129 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही।

वहीं 23 शहरों बद्दी (222), बहादुरगढ़ (204), बेतिया (230), भागलपुर (201), भीलवाड़ा (203), चंडीगढ़ (207), फरीदाबाद (214), ग्रेटर नोएडा (264), गुरूग्राम (231), गुवाहाटी (240), हनुमानगढ़ (203), जलगांव (203), मोतिहारी (201), मुंगेर (204), मुजफ्फरनगर (231), मुजफ्फरपुर (210), नगांव (241), नलबाड़ी (278), नंदेसरी (234), नोएडा (203), पटना (213), रूपनगर (222 )और श्रीगंगानगर (247) में स्थिति दमघोंटू है। वहीं बर्नीहाट (328) में प्रदूषण से स्थिति जानलेवा हो गई है। 

यदि दिल्ली की बात करें तो यहां वायु गुणवत्ता 'मध्यम' श्रेणी में है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स 18 अंक बढ़कर 200 पर पहुंच गया है। दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 214, गाजियाबाद में 162, गुरुग्राम में 231, नोएडा में 203, ग्रेटर नोएडा में 264 पर पहुंच गया है।

देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 111 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'मध्यम' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 135, चेन्नई में 77, चंडीगढ़ में 207, हैदराबाद में 69, जयपुर में 109 और पटना में 213 दर्ज किया गया।  

देश के इन शहरों की हवा रही सबसे साफ 

देश के जिन महज नौ शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें बागलकोट 46, चामराजनगर 48, चेंगलपट्टू 39, झांसी 41, कडपा 44, मदिकेरी 44, तुमकुरु 29, वाराणसी 36 और विजयपुरा 39 शामिल रहे।

वहीं आगरा, अहमदनगर, आइजोल, अलवर, अमरावती, अंबाला, अनंतपुर, अंकलेश्वर, अरियालूर, औरंगाबाद (बिहार), औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बरेली, बाड़मेर, बेलगाम, भिलाई, बीदर, बिलासपुर, ब्रजराजनगर, चेन्नई, छाल, चिकबलपुर, कुड्डालोर, कटक, दावनगेरे, धारवाड़, एलूर, फतेहाबाद, फिरोजाबाद, गडग, गंगटोक, हुबली, हैदराबाद, इंदौर, झालावाड़, जींद, कलबुर्गी, कन्नूर, कारवार, क्योंझर, खन्ना, खुर्जा, कोच्चि, कोलार, कोप्पल, कुरूक्षेत्र, मैहर, मंगलौर, मंगुराहा, मैसूर, नारनौल, नासिक, पालकालाइपेरुर, पटियाला, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुदुचेरी, रायपुर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, राजगीर, रामनगर, ऋषिकेश, सागर, सतना, सवाई माधोपुर, शिवमोगा, सिलचर, सिरोही, सिरसा, शिवसागर, सूरत, टेंसा, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुपति, उडुपी, वेल्लोर, विजयवाड़ा, यादगीर और यमुनानगर आदि 81 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया। 

क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, इसे कैसे जा सकता है समझा?

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है। इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है।

वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है। यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है।

इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है। ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है। 

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