देश के दूसरे शहरों को पीछे छोड़ फरीदाबाद में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) बढ़कर 287 पर पहुंच गया है। मतलब कि वहां प्रदूषण का स्तर देश के सभी शहरों में सबसे ज्यादा है। वहीं दूसरी तरफ रामनाथपुरम में हवा सबसे ज्यादा साफ है, जहां एक्यूआई 14 दर्ज किया गया है। यदि फरीदाबाद में वायु गुणवत्ता की तुलना रामनाथपुरम से करें तो वहां प्रदूषण का स्तर करीब 21 गुणा ज्यादा है। कल के मुकाबले देखें तो फरीदाबाद के प्रदूषण के स्तर में 92 अंकों का उछाल आया है। कुछ ऐसी ही स्थिति दिल्ली की भी है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 44 अंक बढ़कर 227 पर पहुंच गया है।
कल के मुकाबले देखें तो देश में 'दमघोंटू' वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में करीब 100 फीसदी का इजाफा हुआ है। इन शहरों में बद्दी (241), बांसवाड़ा (251), भिवाड़ी (214), चरखी दादरी (207), दिल्ली (227), फरीदाबाद (287), गाजियाबाद (206), ग्रेटर नोएडा (248), हिसार (219), मुजफ्फरनगर (236), रूपनगर (270) शामिल रहे। वहीं कल इन शहरों की संख्या छह दर्ज की गई थी।
आंकड़ों से यह भी पता चला है कि देश के 36 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर बेहतर बना हुआ है। हालंकि कल से इस आंकड़े में कोई बदलाव नहीं हुआ है। इन शहरों में बरेली, बिलासपुर, चामराजनगर, चंद्रपुर, चिकबलपुर, कुड्डालोर, गंगटोक, गुम्मिडिपूंडी, हल्दिया, जलना, कारवार, मदिकेरी, मंगलौर आदि शहर शामिल रहे। देश के 113 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक दर्ज की गई। वहीं कल के मुकाबले देखें तो इन शहरों की संख्या में करीब पांच फीसदी की गिरावट आई है। इन शहरों में भोपाल, बीदर, बोईसर, ब्रजराजनगर, बूंदी, चेन्नई, छाल, छपरा, चित्तौड़गढ़, कटक, देहरादून, देवास, धारवाड़, एलूर, फतेहाबाद, आदि शहर शामिल रहे, जहां वायु गुणवत्ता का स्तर 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया है।
इसी तरह देश के 62 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी की दर्ज की गई है। इन शहरों में बुलन्दशहर, चंडीगढ़, धनबाद, धौलपुर, धुले, डूंगरपुर, दुर्गापुर, गुरूग्राम, ग्वालियर, हनुमानगढ़, जबलपुर, जयपुर, झुंझुनूं, कैथल, कल्याण, कानपुर, करनाल, काशीपुर आदि शामिल रहे।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 13 मई 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 223 में से 36 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 113 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 12 मई 2024 यह आंकड़ा 119 दर्ज किया गया था।
62 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही। वहीं 12 शहरों बद्दी, बांसवाड़ा, भिवाड़ी, चरखी दादरी, दिल्ली, फरीदाबाद, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, हिसार, मुजफ्फरनगर, रूपनगर, श्रीगंगानगर में स्थिति दमघोंटू है। दूसरे शहरों की तुलना में फरीदाबाद (287) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 300 के पार पहुंच गया है।
यदि दिल्ली की बात करें तो यहां वायु गुणवत्ता 'खराब' श्रेणी में है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स 44 अंक बढ़कर 227 पर पहुंच गया है। दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 287, गाजियाबाद में 206, गुरुग्राम में 184, नोएडा में 195, ग्रेटर नोएडा में 248 पर पहुंच गया है।
देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 73 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'संतोषजनक' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 112, चेन्नई में 67, चंडीगढ़ में 113, हैदराबाद में 70, जयपुर में 121 और पटना में 105 दर्ज किया गया।
इन शहरों की हवा रही सबसे साफ
आइजोल (32) सहित देश के जिन 36 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आइजोल 32, अमरावती 39, अमरावती 48, अररिया 47, अरियालूर 29, बागलकोट 46, बरेली 47, बिलासपुर 44, चामराजनगर 38, चंद्रपुर 50, चिकबलपुर 37, कुड्डालोर 31, गंगटोक 45, गुम्मिडिपूंडी 41, हल्दिया 39, जलना 45, कारवार 42, मदिकेरी 38, मंगलौर 46, मैसूर 40, नाहरलगुन 24, नांदेड़ 49, नयागढ़ 50, पालकालाइपेरुर 29, पुदुचेरी 36, रायपुर 48, रायरंगपुर 49, रामनगर 38, रामनाथपुरम 14, सिलचर 42, सूरत 36, तिरुपति 46, तिरुपुर 45, वाराणसी 29, विजयपुरा 42, और विरार 49 शामिल रहे।
वहीं अगरतला, आगरा, अजमेर, अकोला, अलवर, अंबाला, अमृतसर, अनंतपुर, औरंगाबाद (बिहार), बालासोर, बारां, बारीपदा, बाड़मेर, बैरकपुर, बठिंडा, बेलापुर, बेलगाम, बेंगलुरु, बेतिया, भागलपुर, भिलाई, भीलवाड़ा, भोपाल, बीदर, बोईसर, ब्रजराजनगर, बूंदी, चेन्नई, छाल, छपरा, चित्तौड़गढ़, कटक, देहरादून, देवास, धारवाड़, एलूर, फतेहाबाद, फिरोजाबाद, गडग, गांधीनगर, गया, गुवाहाटी, हाजीपुर, हसन, हावड़ा, हुबली, हैदराबाद, इंफाल, इंदौर, जैसलमेर, जालंधर, जलगांव, जालौर, झालावाड़, जींद, जोधपुर, कन्नूर, करौली, कटिहार, कटनी, क्योंझर, खन्ना, खुर्जा, किशनगंज, कोलकाता, कोरबा, कोटा, कुंजेमुरा, लातूर, लुधियाना, महाड, मिलुपारा, मीरा-भायंदर, मोतिहारी, मुंबई, मुजफ्फरपुर, नगांव, नागपुर, नवी मुंबई, ऊटी, पलवल, परभनी, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पूर्णिया, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, ऋषिकेश, सागर, सहरसा, समस्तीपुर, सांगली, सासाराम, शिवमोगा, सिलीगुड़ी, सिरोही, सिरसा, शिवसागर, सोनीपत, सुआकाती, ठाणे, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, त्रिशूर, उदयपुर, उडुपी, उज्जैन, उल्हासनगर, वातवा , विशाखापत्तनम, यमुनानगर आदि 113 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, कैसे जा सकता है समझा?
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है। इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है।
वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है। यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है।
इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है। ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।