पर्यावरण मुकदमों की डायरी: एनजीटी ने ईंट भट्ठे से पर्यावरण को नुकसान का आकलन करने को कहा

देश के विभिन्न अदालतों में विचाराधीन पर्यावरण से संबंधित मामलों में क्या कुछ हुआ, यहां पढ़ें
पर्यावरण मुकदमों की डायरी: एनजीटी ने ईंट भट्ठे से पर्यावरण को नुकसान का आकलन करने को कहा
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नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने 4 सितंबर को पश्चिम बंगाल प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (डब्ल्यूबीपीसीबी) को ग्राम खंभरच, जिला पुरबा मेदिनीपुर में अवैध रूप से संचालित एक ईंट भट्ठे पर लगाए जाने वाले पर्यावरणीय मुआवजे का आकलन करने का निर्देश दिया।

डब्ल्यूबीपीसीबी द्वारा सौंपी गई एक रिपोर्ट के माध्यम से ट्रिब्यूनल को सूचित किया कि ईंट भट्ठा बिना मंजूरी के स्थापित किया गया है। संचालित करने के लिए भी किसी तरह की कोई सहमति नहीं दी गई थी, इसलिए ईंट भट्ठे को बंद करने और इसकी बिजली काटने का आदेश जारी किया गया था।

अदालत ने निर्देश दिया कि ईंट भट्ठा बंद होने की पुष्टि के अलावा अवैध संचालन की अवधि के लिए पर्यावरण क्षतिपूर्ति की वसूली हेतु कार्रवाई की जानी चाहिए।

ध्वनि प्रदूषण से निपटने के लिए उचित कार्रवाई करे सरकार : एनजीटी

पश्चिम बंगाल की सरकार और राज्य पुलिस को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि ध्वनि प्रदूषण नियंत्रण से संबंधित नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के निर्देशों और नियमों का पालन किया जाए। जिससे समस्या का निपटारा हो सके।

सुभाष दत्ता बनाम पश्चिम बंगाल राज्य और अन्य के मामले में एनजीटी के जस्टिस सोनम फेंटसो वांग्दी की पीठ ने 4 सितंबर को ये निर्देश दिए

सीवेज प्रदूषण के निराकरण का स्थायी उपाय करे एसपीसीबी : एनजीटी

हरियाणा के फरीदाबाद जिले के सीकरी गांव से राष्ट्रीय राजमार्ग -19 पर सीवेज के बहने के मामले का एनजीटी ने 7 सितंबर को संज्ञान लिया।

हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (एचएसपीसीबी) द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट के माध्यम से अदालत को सूचित किया कि खंड विकास और पंचायत कार्यालय (बीडीपीओ), बल्लभगढ़ ने बताया कि पिछले 3 वर्षों से राष्ट्रीय राजमार्ग के साथ-साथ गांव के सीवेज के पानी को नाले के माध्यम से व्यवस्थित किया जा रहा था।

हालांकि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने सर्विस रोड का निर्माण किया और नाला टूट गया। उक्त नाले के स्थान पर राष्ट्रीय राजमार्ग और सर्विस रोड के बीच एक नाले का निर्माण किया गया था।

इसके अलावा, एनएचएआई ने सर्विस रोड के नीचे चार भूमिगत पाइपों के साथ नाले को जोड़ा और गांव के सीवेज के पानी को व्यवस्थित किया जा रहा था।

हालांकि मौखिक आश्वासन के बावजूद एनएचएआई द्वारा कोई नया नाला नहीं बनाया गया। आगे बताया गया है कि नाले / पाइपों में अपशिष्ट और पॉलीथिन के कारण राष्ट्रीय राजमार्ग तक पहुंचने वाले मुहल्ले की सड़क पर सीवेज का पानी बहा था।

अस्थायी उपाय के रूप में, सर्विस रोड के किनारे ग्राम पंचायत द्वारा एक कच्ची नाली बनाई गई है। अब नाले / पाइप से पानी मोहल्ला रोड और नेशनल हाईवे की ओर नहीं जा रहा है। ग्राम पंचायत द्वारा समय-समय पर इस कच्चे नाले की सफाई की जा रही है।

 स्थायी उपाय के रूप में, ग्राम पंचायत द्वारा पक्का नाला बनाने की योजना तैयार की गई है। इस पर लगने वाली धनराशि के लिए चंडीगढ़ के विकास एवं पंचायत विभाग के विशेष सचिव से अनुरोध किया गया है।

एनजीटी ने निर्देश दिया कि आगे उपचारात्मक उपाय किए जाने की आवश्यकता है, क्योंकि यह एचएसपीसीबी की रिपोर्ट से स्पष्ट है कि केवल कामचलाऊ व्यवस्था की जा रही है। एसपीसीबी को नगर पंचायत और विकास विभाग सहित अन्य संबंधित अधिकारियों के साथ समन्वय कर आगे कदम उठाने और 11 दिसंबर से पहले अनुपालन रिपोर्ट प्रस्तुत करने निर्देश दिया गया है।

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