पर्यावरण मुकदमों की डायरी: ओमेक्स की आवासीय परियोजना के कारण नदी का प्राकृतिक प्रवाह रुका

देश के विभिन्न अदालतों में विचाराधीन पर्यावरण से संबंधित मामलों में क्या कुछ हुआ, यहां पढ़ें-
पर्यावरण मुकदमों की डायरी: ओमेक्स की आवासीय परियोजना के कारण नदी का प्राकृतिक प्रवाह रुका
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नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के आदेश के अनुपालन में पंजाब के मुख्य सचिव ने ग्रेटर मोहाली एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी (जीएमएडीएए), हाउसिंग एंड अर्बन डेवलपमेंट डिपार्टमेंट, सिंचाई विभाग और पर्यावरण विभाग की एक बैठक बुलाकर ओमेक्स चंडीगढ़ एक्सटेंशन प्राइवेट लिमिटेड के 'द लेक' नामक एक आवासीय परियोजना बनाने के मामले की जांच करने को कहा। इस परियोजना ने सिसवन नदी के प्राकृतिक प्रवाह को रोक दिया, नदी को मोहाली के  जिला साहिबज़ादा अजीत सिंह नगर, उप तहसील माजरी, गांव कंसाला की ओर मोड़ दिया था, जिससे पर्यावरण को नुकसान हुआ और क्षेत्र में बाढ़ आ गई थी।

बैठक में मुख्य अभियंता ड्रेनेज, जल संसाधन विभाग ने निम्नलिखित प्रस्ताव रखे:

  1. जल संसाधन विभाग के ड्रेनेज विंग की देखरेख में ओमेक्स द्वारा लेक परियोजना क्षेत्र में सिसवन की सहायक नदी के 700 क्यूसेक की मूल क्षमता को बहाल करने की जरूरत बताई
  1. सिसवन नदी की सहायक नदी से 700 क्यूसेक बहाव को ले जाने के लिए 5 फीट व्यास के 2 पाइपों को अपर्याप्त बताया है, सुझाव दिया गया है कि पुल के स्पान को बदल कर 50 फीट किया जाना चाहिए, इसके लागत का भुगतान ओमैक्स द्वारा किया जाना चाहिए।
  1. निजी भूस्वामियों द्वारा सिसवन नदी के मुख्य तल में बनाए गए अवैध और अनधिकृत तटबंध, जो पानी के बहाव को अपने खेतों में जाने से रोकते हैं, उनको हटाया जाना चाहिए और नदी को मूल रूप में बहाल किया जाना चाहिए
  1. सिसवन नदी में बाढ़ सुरक्षा को बढ़ाए जाने की आवश्यकता है

बैठक में इस बात की सहमति व्यक्त की गई कि प्रस्तावित उपचारात्मक उपाय उचित हैं और एनजीटी के समक्ष मामले की रिपोर्ट प्रस्तुत करने और संबंध में आदेश प्राप्त होने के बाद तत्काल प्रभाव से इसे लागू किया जाएगा।

अलंग शिप ब्रेकिंग यार्ड में महत्वपूर्ण मानदंडों की हुई अनदेखी

केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने जुलाई 2020 की रिपोर्ट में कहा गया है कि अलंग शिप ब्रेकिंग यार्ड पर कई महत्वपूर्ण मापदंडों को लागू करने में चूक हुई है, जो कि विशेष रूप से शिप रीसाइक्लिंग और तोड़ने की गतिविधियों के लिए महत्वपूर्ण थे। इनमें पॉलीसाइक्लिक एरोमैटिक हाइड्रोकार्बन, पॉलीक्लोराइनेटेड बाइफिनाइल्स और ऑर्गेनोटिन शामिल हैं।  

केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की रिपोर्ट में यह कन्ज़र्वेशन एक्शन ट्रस्ट  की ओर से शामिल किए गए कुछ अवलोकन थे। मामला समुद्र तट पर पुराने जहाजों को तोड़ने के उद्देश्य से अन्तः-ज्वारीय क्षेत्र में अधिक क्षेत्र को जोड़कर अलंग में जहाज तोड़ने वाले यार्ड के विस्तार के खिलाफ है। समुद्र तट पर शिप तोड़ने की प्रणाली में कम से कम यह पर्यावरण के लिए अनुकूल नहीं है।

रिपोर्ट के अनुसार तलछट (सेडीमेंट) के विश्लेषण में भारी धातुओं का उच्च स्तर पाया गया। तलछट के नमूनों में भारी धातुओं के खतरनाक उच्च स्तर के अलावा, केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की रिपोर्ट में पानी के नमूनों में पारा का स्तर भी मानकों से अधिक पाया गया।

समुद्री जैव विविधता पर प्रभाव के संबंध में, रिपोर्ट में 1997-2007 और 2007-2008 के आंकड़ों का उपयोग कर बेसलाइन के रूप में 2020 के अध्ययन के परिणामों का मूल्यांकन करने के लिए किया गया। यह रिपोर्ट समुद्री जैव विविधता पर जहरीले पदार्थों के प्रभाव और मछली पकड़ने की पारंपरिक गतिविधियों के प्रभाव का आकलन करने में विफल रही।

सीवेज के अवैध कनेक्शन नियमित किए

गुजरात प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और शहरी विकास और शहरी आवास विभाग ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के समक्ष एक संयुक्त रिपोर्ट पेश की। रिपोर्ट में कहा गया कि खैरीकट नहर में औद्योगिक अपशिष्ट जल और घरेलू सीवेज के प्रवाह को रोकने के लिए अधिकतम प्रयास किए जा रहे हैं।

रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि 169 आउटलेट में से 156 आउटलेट से सीवेज बहता नहीं देखा गया। शेष 13 आउटलेट्स में से 3 सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स (एसटीपी) हैं, जो ट्रीटेड वेस्ट वाटर को डिस्चार्ज करते हैं। 25.81 करोड़ रुपये के कुल बजट के मौजूदा जल निकासी लाइन में से शेष 10 का कार्य प्रगति पर है।

एएमसी ने अगस्त 2020 में 35 और 70 एमएलडी के विनजोल एसटीपी के लिए अपशिष्ट जल ले जाने वाली घरेलू सीवेज की विनजोल ट्रंक मुख्य पाइपलाइन पर ऑनलाइन पीएच मापने वाला तंत्र लगया है। 70 एमएलडी के विनजोल एसटीपी के आकार में वृद्धि और मरम्मत कार्य के लिए 5.50 करोड़ रुपये की लागत लगाई गई,  29.47 लाख की अतिरिक्त लागत से पंप मशीनरी और पीएच मीटर के साथ हूटर प्रणाली के लिए खर्च किए गए हैं।

सुजलाम सुफलाम जलसंचय अभियान, 2018 के तहत, एएमसी ने खैरीकट नहर की सफाई के लिए जेसीबी, उत्खनन, ट्रैक्टर मशीनरी का उपयोग करके 31446 मीट्रिक टन कचरे को नहर से निकाला।

खैरीकट नहर के साथ, पुराने जल निकासी और अवैध कनेक्शनों को 'नल से जल' योजना के तहत नियमित किया गया, पुराने कनेक्शनों को स्थायी रूप से बंद कर दिया गया और खैरीकट नहर को नियमित जल निकासी नेटवर्क में बदल दिया गया। इस योजना के तहत कुल 1971 घरों के कनेक्शन को नियमित किया गया है, यह 2 नवंबर, 2020 की रिपोर्ट में कहा गया है।

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