चंदलाई झील को दूषित कर रहा है आसपास की कपड़ा इकाइयों से निकलने वाला गन्दा पानी: संयुक्त समिति

सांगानेर क्षेत्र के अधिकांश कारखाने कपड़ा उत्पादन से जुड़े हैं, जिनके द्वारा गन्दा पानी द्रव्यवती नदी में छोड़ा जा रहा है
चंदलाई झील; फोटो: माइक प्रिंस/फ्लिकर
चंदलाई झील; फोटो: माइक प्रिंस/फ्लिकर
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जयपुर की चंदलाई झील का अधिकांश हिस्सा सांगानेर क्षेत्र के घरों और कपड़ा उद्योगों से घिरा हुआ है। 21 नवंबर 2024 को एनजीटी में संयुक्त समिति द्वारा सौंपी गई रिपोर्ट के मुताबिक झील में पूरे साल घरों और कपड़ा इकाइयों से निकलने वाला गंदा पानी आता रहता है।

जयपुर में मौजूद चंदलाई झील अभी तक आधिकारिक तौर पर आर्द्रभूमि के तौर पर संरक्षित नहीं है, लेकिन राज्य सरकार ने इसे रामसर साइट के रूप में प्रस्तावित किया है, जिसे अभी अंतिम रूप दिया जाना है। हालांकि, टोंक जिले में मौजूद चंदलाई झील के हिस्से को राजस्थान सरकार द्वारा पहले ही आर्द्रभूमि के तौर पर घोषित किया जा चुका है।

दौरे के दौरान समिति ने चंदलाई बांध के जलग्रहण क्षेत्र में अवैध अतिक्रमण देखा है। उन्होंने जल संसाधन विभाग से इन चिन्हित अतिक्रमणों पर की गई कार्रवाई के बारे में विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा है।

चंदलाई झील में मुख्य रूप से दो नहरें मिलती हैं, इनमें से एक गुलर बांध से और दूसरी रामचंद्रपुरा बांध से निकलती है। यह दोनों बांध द्रव्यवती नदी पर मौजूद हैं।

रिपोर्ट के मुताबिक टेक्सटाइल क्लस्टर से निकलने वाले अपशिष्ट जल के साथ-साथ आसपास के क्षेत्रों से बहकर आने वाला बारिश का पानी द्रव्यवती नदी में मिल रहा है। इसके साथ ही सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट से साफ करने के बाद निकला पानी भी इस नदी में छोड़ा जा रहा है। यह पानी नालों के जरिए चंदलाई झील में चला जाता है।

हालांकि द्रव्यवती नदी परियोजना के तहत इस क्षेत्र में पांच सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) स्थापित किए गए हैं, जो हर दिन 17 करोड़ लीटर पानी साफ कर सकते हैं।

प्रदूषण फैला रही अवैध कपडा फैक्ट्रियां

रिपोर्ट में साझा जानकारी के मुताबिक सांगानेर क्षेत्र के अधिकांश कारखाने कपड़ा उत्पादन से जुड़े हैं, जो क्लस्टरों में स्थित हैं। इन कारखाने द्वारा दूषित जल द्रव्यवती नदी और नहरों में छोड़ा जा रहा है। संयुक्त समिति ने चार जगह से पानी के नमूने एकत्र किए हैं और इनके विश्लेषण से पता चला कि चंदलाई झील में बहने वाला पानी प्रदूषित है। पिछले सर्वेक्षण के अनुसार, सांगानेर और उसके आसपास करीब 1,255 कारखाने स्थित हैं।

रिपोर्ट में इस बात पर भी प्रकाश डाला है कि ये सभी कपड़ा फैक्ट्रियां स्थानीय प्राधिकारियों, राजस्व विभाग या राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से अनुमति लिए बिना ऐसे क्षेत्रों में काम कर रही हैं जहां उन्हें नहीं होना चाहिए।

राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (एसपीसीबी) ने वायु और जल प्रदूषण अधिनियम के तहत विभिन्न प्रावधानों का उल्लंघन करने के लिए सांगानेर में चल रह 1,163 कपड़ा फैक्ट्रियों को नौ सितंबर, 2024 को अंतिम कारण बताओ नोटिस जारी किया है। इन फैक्ट्रियों को बंद करने के साथ-साथ अन्य कानूनी कार्रवाइयां की जा रही हैं।

राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (एसपीसीबी) ने वायु और जल प्रदूषण अधिनियम के तहत विभिन्न प्रावधानों का उल्लंघन करने के लिए सांगानेर में चल रह 1,163 कपड़ा फैक्ट्रियों को नौ सितंबर, 2024 को अंतिम कारण बताओ नोटिस जारी किया है। इन फैक्ट्रियों को बंद करने के साथ-साथ अन्य कानूनी कार्रवाइयां की जा रही हैं।

इसके साथ ही राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (एसपीसीबी) ने अवैध रूप से चल रही 29 कपड़ा फैक्ट्रियों को बंद करने का आदेश दिया है। ये सभी फैक्ट्रियां सीधे चंदलाई झील की ओर जाने वाले नालों में दूषित पानी छोड़ रही थी।

इन्हें केंद्रीय उपचार संयंत्र (सीईटीपी) से नहीं जोड़ा जा सकता। यह कार्रवाई क्षेत्र में प्रदूषण को दूर करने के लिए चल रहे प्रयासों का हिस्सा है।

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