प्रदूषण में गिरावट के बावजूद दमघोंटू है दिल्ली-फरीदाबाद में हवा, ग्रेटर नोएडा में जानलेवा हैं हालात

राजधानी दिल्ली में कल के मुकाबले प्रदूषण में गिरावट जरूर आई है, हालांकि इसके बावजूद वहां हवा में घुला जहर लोगों को बीमार कर सकता है
प्रदूषण में गिरावट के बावजूद दमघोंटू है दिल्ली-फरीदाबाद में हवा, ग्रेटर नोएडा में जानलेवा हैं हालात
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राजधानी दिल्ली में कल के मुकाबले प्रदूषण में गिरावट जरूर आई है, हालांकि इसके बावजूद वहां हवा में घुला जहर लोगों को बीमार कर सकता है। गौरतलब है कि दिल्ली में कल के मुकाबले वायु गुणवत्ता में आठ अंकों का सुधार आया है। इसी तरह फरीदाबाद में भी प्रदूषण के स्तर में 30 अंकों की गिरावट दर्ज की गई है। वहीं दूसरी तरफ ग्रेटर नोएडा में हालात अभी भी जानलेवा बने हुए हैं।

जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 306 दर्ज किया गया। इसी तरह देश के छोटे बड़े 12 शहरों में प्रदूषण से स्थिति दमघोंटू है। इन शहरों में बद्दी (264), भरतपुर (216), भिवाड़ी (270), भिवानी (223), दिल्ली (235), धारूहेड़ा (240), फरीदाबाद (220), गुरूग्राम (228), मुजफ्फरनगर (247), नोएडा (242), रोहतक (213) और सिंगरौली (216) शामिल हैं। हालांकि कल के मुकाबले देखें तो देश में 'खराब' वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में 52 फीसदी की गिरावट आई है।

वहीं दूसरी तरफ हल्दिया में हवा सबसे ज्यादा साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 27 दर्ज किया गया है। इसी तरह देश के 26 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता बेहतर दर्ज की गई। इन शहरों में बरेली, बेलगाम, चामराजनगर, चिक्कामगलुरु, कटक, एलूर, हल्दिया, हावेरी, कलबुर्गी, कोलकाता शामिल हैं। कल के मुकाबले देखें तो देश में बेहतर वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में आठ फीसदी का इजाफा हुआ है। इसी तरह देश के 83 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक दर्ज की गई।

इन शहरों में फिरोजाबाद, गांधीनगर, गंगटोक, गुम्मिडिपूंडी, गुवाहाटी, हावड़ा, हुबली, हैदराबाद, इंफाल, इंदौर, जैसलमेर, जलना, झांसी, कन्नूर, कारवार, क्योंझर, कोल्लम, कोप्पल, कोरबा आदि शामिल रहे। हालांकि कल के मुकाबले देखें तो देश में संतोषजनक वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में करीब 11 फीसदी की गिरावट आई है।

वहीं दूसरी तरफ देश के जिन शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर मध्यम है उनके आंकड़े में 17 फीसदी का इजाफा हुआ है, जिसके बाद इन शहरों की संख्या बढ़कर 104 पर पहुंच गई है। इन शहरों में अगरतला, अहमदाबाद, अजमेर, अंबाला, अमृतसर, आसनसोल, औरंगाबाद महाराष्ट्र, बदलापुर, बागपत, बल्लभगढ़, बारां, बारबिल, बाड़मेर, बेलापुर, भागलपुर, भीलवाड़ा, भिवंडी, भोपाल, बीकानेर, बिलीपाड़ा, बोईसर, बुलन्दशहर, बूंदी, चंडीगढ़, आदि शामिल रहे। कुल मिलकर देखें तो देश के ज्यादातर शहरों में कल के मुकाबले वायु गुणवत्ता में सुधार आया है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 16 मई 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 227 में से 27 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 83 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 15 मई 2024 यह आंकड़ा 93 दर्ज किया गया था।

104 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही। वहीं 12 शहरों बद्दी, भरतपुर, भिवाड़ी, भिवानी, दिल्ली, धारूहेड़ा, फरीदाबाद, गुरूग्राम, मुजफ्फरनगर, नोएडा, रोहतक, सिंगरौली आदि में स्थिति दमघोंटू है। दूसरे शहरों की तुलना में ग्रेटर नोएडा (306) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 300 के पार पहुंच गया है।   

यदि दिल्ली की बात करें तो यहां वायु गुणवत्ता 'खराब' श्रेणी में है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स आठ अंक गिरकर 235 पर पहुंच गया है। दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 220, गाजियाबाद में 200, गुरुग्राम में 228, नोएडा में 242, ग्रेटर नोएडा में 306 पर पहुंच गया है। 

देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 96 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'संतोषजनक' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 166, चेन्नई में 55, चंडीगढ़ में 154, हैदराबाद में 80, जयपुर में 156 और पटना में 182 दर्ज किया गया।  

इन शहरों की हवा रही सबसे साफ 

पुदुचेरी (31) सहित देश के जिन 27 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अमरावती 28, अरियालूर 31, बागलकोट 46, बरेली 38, बेलगाम 50, चामराजनगर 45, चिक्कामगलुरु 49, कटक 33, एलूर 46, हल्दिया 27, हावेरी 50, कलबुर्गी 44, कोलकाता 50, मदिकेरी 34, मैहर 49, मिलुपारा 50, नाहरलगुन 48, पालकालाइपेरुर 28, पुदुचेरी 31, राजमहेंद्रवरम 34, रामनाथपुरम 28, सूरत 40, तिरुपति 50, उडुपी 48, वाराणसी 44, विजयपुरा 42 और विशाखापत्तनम 40 शामिल रहे।

वहीं आगरा, अहमदनगर, आइजोल, अकोला, अलवर, अमरावती, अनंतपुर, अंगुल, अंकलेश्वर, बालासोर, बैरकपुर, बठिंडा, बेंगलुरु, भिलाई, भुवनेश्वर, बीदर, बिलासपुर, ब्रजराजनगर, ब्यासनगर, चंद्रपुर, चेन्नई, छाल, चिकबलपुर, दावनगेरे, धारवाड़, डूंगरपुर, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गंगटोक, गुम्मिडिपूंडी, गुवाहाटी, हावड़ा, हुबली, हैदराबाद, इंफाल, इंदौर, जैसलमेर, जलना, झांसी, कन्नूर, कारवार, क्योंझर, कोल्लम, कोप्पल, कोरबा, कुंजेमुरा, लातूर, मंगलौर, मंगुराहा, मोतिहारी, मुंबई, नांदेड़, नासिक, नयागढ़, ऊटी, परभनी, प्रयागराज, रायपुर, रायरंगपुर, राजसमंद, रामनगर, सागर, सहरसा, सांगली, सतना, शिवमोगा, सिलचर, सिलीगुड़ी, शिवसागर, सुआकाती, तालचेर, टेंसा, ठाणे, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, त्रिशूर, तुमिडीह, उदयपुर, वातवा, विजयवाड़ा, विरार, यादगीर आदि 83 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया। 

क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, कैसे जा सकता है समझा?

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है। इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है।

वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है। यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है।

इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है। ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है। 

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