दिल्ली-फरीदाबाद को पीछे छोड़ भिवाड़ी में 283 पर पहुंचा एक्यूआई, आइजोल से दस गुणा ज्यादा रहा प्रदूषण

दिल्ली-फरीदाबाद को पीछे छोड़ भिवाड़ी में 283 पर पहुंचा एक्यूआई, आइजोल से दस गुणा ज्यादा रहा प्रदूषण

इसी तरह देश के 26 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर दमघोंटू बना हुआ है। इन शहरों में बागपत, बहादुरगढ़, बल्लभगढ़, बारबिल, भरतपुर, भिवानी, बिलीपाड़ा, बक्सर, दिल्ली आदि शामिल हैं
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देश के दूसरे शहरों को पीछे छोड़ भिवाड़ी में वायु गुणवत्ता सबसे ज्यादा खराब है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) बढ़कर 283 पर पहुंच गया है। वहीं दूसरी तरफ आइजोल में हवा सबसे ज्यादा साफ है। यदि भिवाड़ी के प्रदूषण की तुलना आइजोल से करें तो वहां स्थिति दस गुणा ज्यादा खराब है।

इसी तरह देश के 26 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर दमघोंटू बना हुआ है। इन शहरों में बागपत, बहादुरगढ़, बल्लभगढ़, बारबिल, भरतपुर, भिवानी, बिलीपाड़ा, बक्सर, दिल्ली, धारूहेड़ा, फरीदाबाद, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुरूग्राम, ग्वालियर, मंडी गोबिंदगढ़, मानेसर, मेरठ, मुजफ्फरनगर, नयागढ़, नोएडा, पंचकुला, पटना, राउरकेला, रूपनगर, सिंगरौली, शामिल हैं। हालांकि कल के मुकाबले देखें तो 'खराब' हवा वाले शहरों की संख्या में करीब सात फीसदी की गिरावट आई है। वहीं आज देश के किसी भी शहर में वायु गुणवत्ता का स्तर जानलेवा नहीं पाया गया।

दूसरी तरफ आंकड़ों के मुताबिक देश के 17 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर बेहतर दर्ज किया गया है। इनमें देवास, डूंगरपुर, गुवाहाटी, हल्दिया, कारवार, मदिकेरी, मंगलौर, नाहरलगुन आदि शहर शामिल हैं। कल की तुलना में देखें तो देश में बेहतर वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में 21 फीसदी का इजाफा हुआ है। देश में संतोषजनक वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में भी कल के मुकाबले 13 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है। इसके बाद इन शहरों का आंकड़ा बढ़कर 104 पर पहुंच गया है। वहीं दूसरी तरफ देश के जिन शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' श्रेणी की है, उनकी संख्या में करीब 16 फीसदी की गिरावट आई है। इन शहरों की संख्या आज 92 दर्ज की गई है।

कुल मिलकर देखें तो देश के ज्यादातर शहरों की वायु गुणवत्ता में आज सुधार देखा गया है। कुछ ऐसी ही स्थिति राजधानी दिल्ली की भी है। जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक में 44 अंकों की गिरावट आई है। इसके बावजूद दिल्ली में वायु गुणवत्ता 'खराब' बनी हुई है। कुछ ऐसी ही स्थिति फरीदाबाद की भी है, जहां एक्यूआई में 18 अंकों की गिरावट के बाद सूचकांक 230 पर पहुंच गया है। हालांकि इसके बावजूद दोनों शहरों में वायु गुणवत्ता दमघोंटू बनी हुई है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 06 मई 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 240 में से 17 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 104 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि पांच मई 2024 यह आंकड़ा 92 दर्ज किया गया था।

92 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही। वहीं 27 शहरों मेरठ, मुजफ्फरनगर, नयागढ़, नोएडा, पंचकुला, पटना, राउरकेला, रूपनगर, सिंगरौली आदि में स्थिति दमघोंटू है। दूसरे शहरों की तुलना में भिवाड़ी (283) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 300 के पास पहुंच गया है।   

यदि दिल्ली की बात करें तो यहां वायु गुणवत्ता 'खराब' श्रेणी में है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स 44 अंक गिरकर 247 पर पहुंच गया है। दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 230, गाजियाबाद में 231, गुरुग्राम में 248, नोएडा में 230, ग्रेटर नोएडा में 240 पर पहुंच गया है। 

देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 68 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'संतोषजनक' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 190, चेन्नई में 59, चंडीगढ़ में 145, हैदराबाद में 87, जयपुर में 161 और पटना में 202 दर्ज किया गया।  

इन शहरों की हवा रही सबसे साफ 

पालकलाईपेरुर (43) सहित देश के जिन 17 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आइजोल 27, बागलकोट 46, चामराजनगर 47, देवास 38, डूंगरपुर 41, गुवाहाटी 44, हल्दिया 40, कारवार 48, मदिकेरी 31, मंगलौर 39, नाहरलगुन 50, राजमहेंद्रवरम 46, रामनाथपुरम 47, सिलचर 45, सूरत 41 और विरुधुनगर 48 शामिल रहे।

वहीं आगरा, अहमदाबाद, अहमदनगर, अकोला, अमरावती, अंबाला, अमरावती, अमृतसर, अनंतपुर, अरियालूर, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बदलापुर, बालासोर, बरेली, बारीपदा, बैरकपुर, बेलगाम, बेंगलुरु, भिलाई, भीलवाड़ा, भिवंडी, भोपाल, भुवनेश्वर, बीदर, बिलासपुर, ब्यासनगर, बर्नीहाट, चेन्नई, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, कुड्डालोर, कटक, दावनगेरे, धुले, एलूर, फिरोजाबाद, गडग, गांधीनगर, गंगटोक, गुम्मिडिपूंडी, हावड़ा, हुबली, हैदराबाद, इंदौर, जलगांव, जलना, जालौर, झांसी, कडपा, कलबुर्गी, कल्याण, कन्नूर, कोलार, कोलकाता, कोप्पल, कोरबा, लातूर, महाड, मंडीदीप, मिलुपारा, मीरा-भायंदर, मुंबई, मैसूर, नगांव, नागपुर, नलबाड़ी, नासिक, नवी मुंबई, पानीपत, परभनी, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुदुचेरी, पुणे, पूर्णिया, रायपुर, राजगीर, राजसमंद, सहरसा, सांगली, सतना, शिवमोगा, सिलीगुड़ी, सिरोही, शिवसागर, सोनीपत, तालचेर, ठाणे, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुपति, उदयपुर, उडुपी, उज्जैन, उल्हासनगर, वाराणसी, वातवा, विजयवाड़ा, विरार, विशाखापत्तनम, यादगीर आदि 104 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया। 

क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, कैसे जा सकता है समझा?

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है। इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है।

वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है। यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है।

इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है। ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है। 

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