72 शहरों में दमघोंटू बनी हुई है हवा, दिल्ली-एनसीआर सहित 22 शहरों में जानलेवा हैं हालात

बहादुरगढ़-हनुमानगढ़ में प्रदूषण आपात स्थिति पर बना हुआ है, वहीं दिल्ली सहित 22 शहरों में स्थिति बेहद खराब है
72 शहरों  में दमघोंटू बनी हुई है हवा, दिल्ली-एनसीआर सहित 22 शहरों में जानलेवा हैं हालात
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वायु गुणवत्ता के मामले में हनुमानगढ़ सबसे ज्यादा प्रदूषित है। जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 416 पर पहुंच गया है। दूसरी तरफ आइजोल में हवा सबसे ज्यादा साफ रही। जहां एक्यूआई 12 रिकॉर्ड की गई। वहीं देश के कई शहरों में प्रदूषण थमने का नाम ही नहीं ले रहा, स्थिति किस कदर बिगड़ चुकी है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि बहादुरगढ़ और हनुमानगढ़ में प्रदूषण आपात स्थिति पर बना हुआ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 400 के पार है। दिल्ली में भी सूचकांक 395 दर्ज किया गया है, ऐसा नहीं कि प्रदूषण का कहर केवल बड़े शहरों तक सीमित है, इस मामले में छोटे शहर भी पीछे नहीं हैं। आंकड़ों पर गौर करें तो भिवाड़ी-धौलपुर सहित 22 शहरों में हवा 'बेहद खराब' है। वहीं कटक-लुधियाना सहित 48 अन्य शहरों में हालात खराब हैं, जहां प्रदूषण का स्तर 200 के पार  है।

वहीं कुछ शहरों में तो स्थिति इतनी खराब हो चली है कि वहां सांस लेना तक दुश्वार हो गया है, ऐसा लगता है कि लोग गैस चैम्बर में रह रहे हैं। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 27 नवंबर 2023 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक देश के 233 में से महज 29 शहरों में हवा 'बेहतर' रही। वहीं 56 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' थी जबकि 76 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' रही। 

अमृतसर-बल्लभगढ़ सहित 48 शहरों में प्रदूषण का स्तर दमघोंटू रहा, जबकि बागपत-दौसा सहित 22 शहरों में प्रदूषण का स्तर जानलेवा हो गया है। वहीं बहादुरगढ़ (404) और हनुमानगढ़ (416) में प्रदूषण का स्तर आपात स्थिति में पहुंच गया है, कुल मिलकर देखें तो इन शहरों में स्थिति जानलेवा है।

यदि दिल्ली की बात करें तो यहां वायु गुणवत्ता 'बेहद खराब' श्रेणी में है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स एक अंक गिरकर 395 पर पहुंच गया है। दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 364, गाजियाबाद में 300, गुरुग्राम में 311, नोएडा में 334, ग्रेटर नोएडा में 361 पर पहुंच गया है। 

देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 59 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'सन्तोषजनक' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 251, चेन्नई में 51, चंडीगढ़ में 204, हैदराबाद में 112, जयपुर में 230 और पटना में 308 दर्ज किया गया।  

देश के इन शहरों की हवा रही सबसे साफ 

देश के महज जिन 29 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अहमदाबाद 43, आइजोल 12, अरियालूर 20, बागलकोट 44, बेलापुर 37, चामराजनगर 46, चिकबलपुर 44, चिक्कामगलुरु 42, कुड्डालोर 25, गडग 50, गांधीनगर 32, कलबुर्गी 46, कल्याण 33, कोल्लम 48, मदिकेरी 37, मैसूर 47, पालकालाइपेरुर 26, पुदुचेरी 37, रामानगर 44, रामनाथपुरम 34, शिवमोगा 47, सिलचर 31, शिवसागर 50, सूरत 27, तिरुवनंतपुरम 41, थूथुकुडी 38, तिरुपुर 45, उल्हासनगर 49, वातवा 49 शामिल रहे।

वहीं अजमेर (81), अकोला 94, अनंतपुर 86, बदलापुर 60, बांसवाड़ा 65, बाड़मेर 78, बेलगाम 76, बेंगलुरु 57, बिलासपुर 71, ब्रजराजनगर 74, चेन्नई 51, छाल 100,
दावनगेरे 65, देहरादून 92, दुर्गापुर 83, एलूर 54, गंगटोक 56, हावेरी 89, हुबली 86, इंफाल 75, इंदौर 67, जैसलमेर 94, जालौर 89, जोधपुर 98, कडपा 60,
कन्नूर 56, काशीपुर 79, कोहिमा 51, कोलार 55, कोप्पल 79, कोरबा 68, महाड 83, मैहर 76, मंगलौर 88, मंगुराहा 51, मिलुपारा 68, मुंबई 59, नासिक 54, नवी मुंबई 72, पंचकुला 81, परभनी 86, पीथमपुर 67, पुणे 79, राजसमंद 69, ऋषिकेश 54, सतना 85, शिलांग 74, सिलीगुड़ी 67, सोलापुर 95, त्रिशूर 58, तिरुपति 74,
उदयपुर 63, उडुपी 78, उज्जैन 71, वाराणसी 92, विजयवाड़ा (75) आदि 56 शहरों में हवा की गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया। 

क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, इसे कैसे जा सकता है समझा?

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है। इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है।

वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है। यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है।

इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है। ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है। 

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