
देश में खराब वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में 68 फीसदी की भारी गिरावट दर्ज की गई है। आंकड़ों के मुताबिक जहां 27 फरवरी 2024 को खराब वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या 25 दर्ज की गई थी जो 28 फरवरी को घटकर आठ रह गई है। इन शहरों में अगरतला, अंगुल, अररिया, बर्नीहाट, गुवाहाटी, कटिहार, मुजफ्फरनगर और नलबाड़ी शामिल हैं। इसी तरह देश में केवल वापी की हवा जानलेवा है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 308 दर्ज किया गया है।
इसी तरह दिल्ली की वायु गुणवत्ता में भी कल के मुकाबले आज सुधार दर्ज किया गया है। जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक में 18 अंकों की गिरावट दर्ज की गई।
वहीं दूसरी तरफ देश में वाराणसी की हवा सबसे ज्यादा साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 22 दर्ज किया गया है। इसी तरह तुमकुरु में भी वायु गुणवत्ता सूचकांक 27 रिकॉर्ड किया गया है। कुल मिलकर देश के 23 शहरों में वायु गुणवत्ता बेहतर बनी हुई है। हालांकि कल के मुकाबले इन शहरों की संख्या में मामूली गिरावट दर्ज की गई है। वहीं दूसरी तरफ देश में संतोषजनक वायु गुणवत्ता वाले शहरों का आंकड़ा बढ़कर 123 पर पहुंच गया है। हालांकि कल इन शहरों का आंकड़ा 110 दर्ज किया गया था। मतलब कल के मुकाबले इन शहरों की संख्या में करीब 12 फीसदी की वृद्धि हुई है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 28 फरवरी 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 243 में से 23 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 123 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) थी, गौरतलब है कि 27 फरवरी 2024 यह आंकड़ा 110 दर्ज किया गया था। 88 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही।
गुवाहाटी-मुजफ्फरनगर सहित आठ शहरों में प्रदूषण का स्तर दमघोंटू (201-300 के बीच) रहा। वहीं वापी (308) में स्थिति जानलेवा बनी हुई है। ।
यदि दिल्ली की बात करें तो यहां वायु गुणवत्ता 'मध्यम' श्रेणी में है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स 18 अंक घटकर 141 पर पहुंच गया है। दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 150, गाजियाबाद में 110, गुरुग्राम में 142, नोएडा में 120, ग्रेटर नोएडा में 144 पर पहुंच गया है।
देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 112 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'मध्यम' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 100, चेन्नई में 72, चंडीगढ़ में 164, हैदराबाद में 76, जयपुर में 100 और पटना में 158 दर्ज किया गया।
देश के इन शहरों की हवा रही सबसे साफ
देश के जिन 23 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आइजोल 48, अरियालूर 45, बागलकोट 42, बिहारशरीफ 50, बिलासपुर 37, चामराजनगर 41, चिक्कामगलुरु 50, कुड्डालोर 49, फिरोजाबाद 41, झांसी 44, कडपा 45, मदिकेरी 42, नारनौल 40, ऊटी 35, पालकालाइपेरुर 43, पुदुचेरी 50, रामानगर 39, शिवसागर 49, तिरुपति 49,
तुमकुरु 27, तुमिडीह 42, वाराणसी 22 और विजयपुरा 45 शामिल रहे।
वहीं आगरा, अजमेर, अकोला, अलवर, अमरावती, अमरावती, अनंतपुर, आरा, औरंगाबाद (बिहार), औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बागपत, बहादुरगढ़, बांसवाड़ा, बारबिल, बरेली, बाड़मेर, बठिंडा, बेलगाम, बेंगलुरु, भिलाई, भिवानी, बीदर, ब्रजराजनगर, चरखी दादरी, चेंगलपट्टू, चेन्नई, छाल, चिकबलपुर, चित्तूर, कोयंबटूर, दावनगेरे, देहरादून, धारूहेड़ा, धारवाड़, एलूर, फतेहाबाद, गडग, गांधीनगर, गंगटोक, गया, गोरखपुर, हापुड़, हसन, हावेरी, हुबली, हैदराबाद, इंफाल, इंदौर, जबलपुर, जयपुर, जैसलमेर, जलगांव, जलना, झालावाड़, जींद, कैथल, कलबुर्गी, कन्नूर, कानपुर, करनाल, कारवार, काशीपुर, कटनी, खन्ना, खुर्जा, कोच्चि, कोहिमा, कोलार, कोल्लम, कोप्पल, कोरबा, कुंजेमुरा, कुरूक्षेत्र, लखनऊ, लुधियाना, मैहर, मांडीखेड़ा, मानेसर, मंगलौर, मंगुराहा, मेरठ, मुरादाबाद, मोतिहारी, मैसूर, नागौर, नागपुर, नाहरलगुन, नांदेड़, नासिक, नयागढ़, पलवल, पंचकुला, पानीपत, परभनी, पटियाला, पीथमपुर, प्रयागराज, रायचुर, रायपुर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, राजगीर, रामनाथपुरम, ऋषिकेश, रोहतक, राउरकेला, रूपनगर, सागर, सलेम, समस्तीपुर, सवाई माधोपुर, शिलांग, शिवमोगा, सिलचर, सिंगरौली, सिरसा, सुआकाती, सूरत, टेंसा, तिरुवनंतपुरम,
थूथुकुडी, विजयवाड़ा और विशाखापत्तनम आदि 123 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, इसे कैसे जा सकता है समझा?
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है। इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है।
वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है। यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है।
इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है। ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।