देश में दिल्ली-मुंबई जैसे शहरों को पीछे छोड़ मेघालय के बर्नीहाट में प्रदूषण से हालात खराब हैं, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 324 पर पहुंच गया है। मतलब की वहां हवा में घुला जहर लोगों को बेहद बीमार करने के लिए काफी है। वहीं दूसरी तरफ देश में रामनाथपुरम की हवा सबसे ज्यादा साफ है, जहां एक्यूआई 20 दर्ज किया गया है। इन दोनों शहरों के बीच प्रदूषण के अंतर को देखें तो बर्नीहाट में प्रदूषण 16 गुणा ज्यादा है।
इसी तरह देश के छोटे बड़े 22 शहरों में प्रदूषण से स्थिति दमघोंटू हैं। इनमें बागपत, बहादुरगढ़, बल्लभगढ़, भरतपुर, भिवाड़ी, भिवंडी, बक्सर, दिल्ली, धारूहेड़ा, फरीदाबाद, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुरूग्राम, हिसार, करौली, मुजफ्फरनगर, नोएडा, पंचकुला, रूपनगर, श्रीगंगानगर, उल्हासनगर, विरार आदि शहर शामिल हैं। कल के मुकाबले देखें तो देश में प्रदूषित शहरों की संख्या में 83 फीसदी का इजाफा हुआ है।
दूसरी तरफ देश के 32 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर बेहतर दर्ज किया गया है। हालांकि कल से देखें तो इन शहरों की संख्या में 11 फीसदी की गिरावट आई है। इन शहरों में बरेली, बेलगाम, बेंगलुरु, बिलासपुर, चामराजनगर, चिकबलपुर, कोयंबटूर, कुड्डालोर, दावनगेरे, गांधीनगर आदि शहर शामिल रहे। इसी तरह देश के 98 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक दर्ज की गई है। इन शहरों की संख्या में भी कल से 13 फीसदी की गिरावट आई है। बता दें कि कल सन्तोषजनक वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या 113 दर्ज की गई थी।
यदि राजधानी दिल्ली की बात करें तो कल से प्रदूषण में इजाफा हुआ है। जहां सात अंकों की बढ़ोतरी के साथ वायु गुणवत्ता का स्तर 234 पर पहुंच गया है। हालांकि फरीदाबाद में कल के मुकाबले प्रदूषण में 33 अंकों की गिरावट आई है। हालांकि इसके बावजूद वायु गुणवत्ता 'खराब' बनी हुई है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक देश के 89 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर मध्यम श्रेणी में है।
इन शहरों में खन्ना, खुर्जा, कुरूक्षेत्र, लखनऊ, लुधियाना, मालेगांव, मंडी गोबिंदगढ़, मांडीखेड़ा, मेरठ, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मुंबई, नागौर, नागपुर, नलबाड़ी, नारनौल, नासिक, नवी मुंबई, पानीपत, पटियाला, पटना, पुणे, पूर्णिया, रायचुर, ऋषिकेश, सागर, सहरसा, सासाराम, सीकर, सिरोही, सिरसा, सिवान, सोलापुर, सोनीपत, तालचेर, ठाणे , तुमकुरु, उज्जैन, विशाखापत्तनम, वृंदावन, यमुनानगर आदि शहर शामिल हैं। कल के मुकाबले देखें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में करीब 44 फीसदी का इजाफा हुआ है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 14 मई 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 242 में से 32 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 98 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 13 मई 2024 यह आंकड़ा 113 दर्ज किया गया था।
89 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही। वहीं 22 शहरों धारूहेड़ा, फरीदाबाद, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुरूग्राम, हिसार, करौली, मुजफ्फरनगर, नोएडा, पंचकुला, रूपनगर, श्रीगंगानगर आदि में स्थिति दमघोंटू है। दूसरे शहरों की तुलना में बर्नीहाट (324) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 300 के पार पहुंच गया है।
यदि दिल्ली की बात करें तो यहां वायु गुणवत्ता 'खराब' श्रेणी में है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स सात अंक बढ़कर 234 पर पहुंच गया है। दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 254, गाजियाबाद में 210, गुरुग्राम में 215, नोएडा में 262, ग्रेटर नोएडा में 252 पर पहुंच गया है।
देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 132 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'मध्यम' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 145, चेन्नई में 56, चंडीगढ़ में 137, हैदराबाद में 81, जयपुर में 121 और पटना में 160 दर्ज किया गया।
इन शहरों की हवा रही सबसे साफ
बरेली (40) सहित देश के जिन 32 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आइजोल 42, अमरावती 38, अनंतपुर 50, अरियालूर 28, बागलकोट 46, बेलगाम 50, बेंगलुरु 49, बिलासपुर 48, चामराजनगर 41, चिकबलपुर 29, कोयंबटूर 46, कुड्डालोर 34, दावनगेरे 48, गांधीनगर 45, हल्दिया 29, जलना 50, कारवार 43, मदिकेरी 37, मंगलौर 47, पालकालाइपेरुर 29, पुदुचेरी 35, रायरंगपुर 48, रामनाथपुरम 20, राउरकेला 48, सिलचर 48, सूरत 32, थूथुकुडी 37, वाराणसी 32, वेल्लोर 38, विजयपुरा 42, यादगीर 49 शामिल रहे।
वहीं आगरा, अहमदनगर, अजमेर, अकोला, अलवर, अंबाला, अमरावती, अररिया, आरा, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बालासोर, बारां, बारीपदा, बैरकपुर, बठिंडा, भागलपुर, भिलाई, भीलवाड़ा, भोपाल, बीदर, बिहारशरीफ, बोईसर, ब्रजराजनगर, चंद्रपुर, चेन्नई, छाल, छपरा, कटक, देवास, धारवाड़, डूंगरपुर, एलूर, फिरोजाबाद, गडग, गंगटोक, गया, गुम्मिडिपूंडी, गुवाहाटी, हावड़ा, हुबली, हैदराबाद, इंफाल, इंदौर, जलगांव, झालावाड़, झांसी, जोधपुर, कन्नूर, कटिहार, क्योंझर, कोहिमा, कोल्हापुर, कोलकाता, कोल्लम, कोरबा, कोटा, कुंजेमुरा, लातूर, महाड, मंडीदीप, मंगुराहा, मिलुपारा, मोतिहारी, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, मैसूर, नगांव, नांदेड़, नंदेसरी, नयागढ़, ऊटी, पाली, पलवल, परभनी, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, राजगीर, राजसमंद, रामनगर, सलेम, सांगली, सतना, शिवमोगा, सिलीगुड़ी, शिवसागर, सुआकाती, टेंसा, तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर, तिरुपति, तिरुपुर, टोंक, उदयपुर, वातवा आदि 98 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, कैसे जा सकता है समझा?
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है। इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है।
वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है। यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है।
इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है। ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।