दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण से जानलेवा हुई हवा, ग्रेटर नोएडा बना देश का सबसे प्रदूषित शहर

पिछले तीन महीनों में यह पहला मौका है जब दिल्ली में हवा जहरीली हुई है। इससे पहले 14 फरवरी 2024 को दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'बेहद खराब' दर्ज किया गया था
दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण से जानलेवा हुई हवा, ग्रेटर नोएडा बना देश का सबसे प्रदूषित शहर
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दिल्ली में बढ़ता प्रदूषण एक बार फिर जानलेवा स्तर पर पहुंच गया है। गौरतलब है कि पिछले तीन महीनों में यह पहला मौका है जब दिल्ली में हवा जहरीली हुई है। इससे पहले 14 फरवरी 2024 को दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'बेहद खराब' दर्ज किया गया था। इसके बाद आज फिर दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक 302 पर पहुंच गया है।

कल के मुकाबले देखें तो दिल्ली के प्रदूषण के स्तर में 55 अंकों का उछाल आया है। कुछ ऐसी ही स्थिति फरीदाबाद की भी है, जहां 73 अंकों की बढ़ोतरी के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 303 पर पहुंच गया है। इसी तरह देश में नोएडा (319) और ग्रेटर नोएडा (340) में भी प्रदूषण से हाल खराब हैं।

आंकड़ों के मुताबिक आज फिर ग्रेटर नोएडा में प्रदूषण की स्थिति की सबसे ज्यादा खराब है। जहां प्रदूषण का स्तर मदिकेरी की तुलना में करीब 11 गुणा ज्यादा है। गौरतलब है कि देश में मदिकेरी की हवा सबसे ज्यादा साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 32 दर्ज किया गया है।

इसी तरह देश के छोटे-बड़े 18 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर दमघोंटू है। इन शहरों में बद्दी (229), बहादुरगढ़ (264), बल्लभगढ़ (271), बांसवाड़ा (218), भरतपुर (212), भिवाड़ी (233), भिवानी (205), चरखी दादरी (212), फतेहाबाद (210), गाजियाबाद (281), गुरूग्राम (291), हनुमानगढ़ (211), काशीपुर (212), लखनऊ (205), मानेसर (298), मेरठ  (244), रोहतक (212) और सिंगरौली (233) में वायु गुणवत्ता 'खराब' है। हालांकि कल के मुकाबले देखें तो देश में 'खराब' वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में 33 फीसदी की गिरावट आई है।

वहीं दूसरी तरफ देश के बेहतर वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में 47 फीसदी का इजाफा दर्ज किया गया है। ताजा आंकड़ों में इन शहरों की संख्या 25 दर्ज की गई है। इन शहरों में देवास, एलूर, गडग, गंगटोक, हल्दिया, हावेरी, हावड़ा, आदि शामिल हैं। हालांकि कल इनकी संख्या 17 दर्ज की गई थी। इसी तरह देश के 103 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक दर्ज किया गया है। इन शहरों में गुवाहाटी, हैदराबाद, इंदौर, जैसलमेर, जालंधर, जलना, कलबुर्गी, कल्याण, कन्नूर, कटिहार, क्योंझर, कोल्हापुर, कोलकाता, कोप्पल, कोरबा आदि शहर शामिल हैं। बता दें कि कल इन शहरों की संख्या 104 दर्ज की गई थी।

आंकड़ों में यह भी सामने आया है कि देश के 87 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर मध्यम श्रेणी में है। कल के मुकाबले इन शहरों की संख्या में पांच फीसदी की गिरावट आई है। बता दें कि इनमें बुलन्दशहर, बूंदी, चंडीगढ़, चित्तौड़गढ़, दौसा, देहरादून, धनबाद, धौलपुर, डूंगरपुर, गया, गोरखपुर, ग्वालियर, हाजीपुर, हापुड़, हिसार, जबलपुर, जयपुर, जलगांव, जालौर, झालावाड़, झुंझुनूं, जींद, जोधपुर, कडपा, कैथल, कानपुर, करौली, करनाल, कटनी, खन्ना, खुर्जा, किशनगंज, कोल्लम, कोटा, कुरूक्षेत्र, लुधियाना, मालेगांव, मंडी गोबिंदगढ़, मंडीदीप, मांडीखेड़ा, मुरादाबाद आदि शहर शामिल हैं।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 07 मई 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 237 में से 25 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 103 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 06 मई 2024 यह आंकड़ा 104 दर्ज किया गया था।

87 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही। वहीं 18 शहरों बद्दी, बहादुरगढ़, बल्लभगढ़, बांसवाड़ा, भरतपुर, भिवाड़ी, भिवानी, चरखी दादरी, फतेहाबाद, गाजियाबाद, गुरूग्राम, हनुमानगढ़, काशीपुर, लखनऊ, मानेसर, मेरठ, रोहतक, सिंगरौली आदि में स्थिति दमघोंटू है। दूसरे शहरों की तुलना में ग्रेटर नोएडा (340) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 300 के पार पहुंच गया है।   

यदि दिल्ली की बात करें तो यहां वायु गुणवत्ता 'बेहद खराब' श्रेणी में है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स 55 अंक बढ़कर 302 पर पहुंच गया है। दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 303, गाजियाबाद में 281, गुरुग्राम में 291, नोएडा में 319, ग्रेटर नोएडा में 340 पर पहुंच गया है। 

देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 65 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'संतोषजनक' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 205, चेन्नई में 61, चंडीगढ़ में 150, हैदराबाद में 81, जयपुर में 164 और पटना में 153 दर्ज किया गया।  

इन शहरों की हवा रही सबसे साफ 

एलूर (50) सहित देश के जिन 25 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आइजोल 33, अरियालूर 49, बागलकोट 46, चामराजनगर 50, कोयंबटूर 37, देवास 49, एलूर 50, गडग 42, गंगटोक 44, हल्दिया 41, हावेरी 48, हावड़ा 50, हुबली 45, कारवार 37, मदिकेरी 32, मंगलौर 46, मैसूर 47, नाहरलगुन 38, पालकलाईपेरुर 46, पुदुचेरी 43, राजमहेंद्रवरम 38, राजगीर 49, सूरत 33, उडुपी 49, वाराणसी 37 शामिल रहे।

वहीं अगरतला, आगरा, अहमदनगर, अजमेर, अकोला, अलवर, अमरावती, अंबाला, अमरावती, अनंतपुर, अंकलेश्वर, आरा, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बालासोर, बरेली, बैरकपुर, बेलगाम, बेंगलुरु, भिलाई, भीलवाड़ा, भिवंडी, बीदर, बिहारशरीफ, बिलासपुर, बोईसर, ब्यासनगर, बर्नीहाट, चंद्रपुर, चेन्नई, छाल, छपरा, चिकबलपुर, कुड्डालोर, कटक, दावनगेरे, धारवाड़, धुले, दुर्गापुर, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गुम्मिडिपूंडी, गुवाहाटी, हैदराबाद, इंदौर, जैसलमेर, जालंधर, जलना, कलबुर्गी, कल्याण, कन्नूर, कटिहार, क्योंझर, कोल्हापुर, कोलकाता, कोप्पल, कोरबा, कुंजेमुरा, लातूर, महाड, मीरा-भायंदर, मोतिहारी, मुंबई, मुजफ्फरपुर, नगांव, नागपुर, नलबाड़ी, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, पानीपत, पिंपरी-चिंचवाड, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुणे, पूर्णिया, रायपुर, रायरंगपुर, राजसमंद, रामनाथपुरम, सहरसा, समस्तीपुर, सांगली, सासाराम, सतना, शिवमोगा, सिलचर, सिलीगुड़ी, सिरोही, शिवसागर, सोनीपत, तालचेर, टेंसा, ठाणे, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुपति, उज्जैन, वातवा, विजयवाड़ा, विरार, विशाखापत्तनम, यादगीर आदि 103 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया। 

क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, कैसे जा सकता है समझा?

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है। इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है।

वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है। यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है।

इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है। ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है। 

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