राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की वार्षिक रिपोर्ट 'भारत में अपराध' 2021 का एक नया संस्करण हाल ही में जारी किया गया है। यह रिपोर्ट अपराध से संबंधित आंकड़ों को लेकर जारी की जाती है। इसमें पर्यावरण व प्रदूषण, महिलाओं के खिलाफ अपराधों से लेकर आर्थिक और वित्तीय अपराधों तक के अपराध शामिल किए जाते हैं।
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की रिपोर्ट में पर्यावरण से संबंधित अपराधों के लिए दर्ज मामलों की संख्या में पिछले वर्ष की तुलना में 4 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। जहां पर्यावरण व प्रदूषण से संबंधित अपराधों को लेकर 2020 में 61,767 और 2019 में 34,676 की तुलना में 2021 में 64,471 ऐसे मामले दर्ज किए गए।
रिपोर्ट के अनुसार, सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम के तहत सबसे अधिक अपराध 54,024 दर्ज किए गए। इसके बाद ध्वनि प्रदूषण अधिनियम के तहत 7,217 और वन अधिनियम और वन संरक्षण अधिनियम श्रेणी के तहत 2,292 मामले दर्ज किए गए।
पर्यावरण व प्रदूषण से जुड़े सबसे अधिक 46,458 मामले तमिलनाडु में दर्ज किए गए, जिनमें से 46,433 सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम के तहत और 23 ध्वनि प्रदूषण अधिनियम के तहत दर्ज हैं।
इसके बाद राजस्थान में 9,387 मामले हैं, जिनमें 7163 मामले सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम, 1873 के तहत ध्वनि प्रदूषण अधिनियम, 224 वन अधिनियम के तहत और 106 वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत हैं।
इसके अलावा राजस्थान में वायु एवं जल (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम के तहत 19 मामले दर्ज किए गए।
पर्यावरण से संबंधित अपराधों में वन अधिनियम, वन संरक्षण अधिनियम, वन्य जीवन (संरक्षण) अधिनियम, पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम, वायु और जल (प्रदूषण की रोकथाम और नियंत्रण) अधिनियम, सिगरेट और अन्य तंबाकू का उल्लंघन उत्पाद अधिनियम, ध्वनि प्रदूषण अधिनियम और नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) अधिनियम शामिल हैं।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि आंध्र प्रदेश, मणिपुर, सिक्किम, मिजोरम, नागालैंड और ओडिशा जैसे राज्यों की चार्जशीट दर 100 प्रतिशत है।
वन अधिनियम और वन संरक्षण अधिनियम के तहत उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक 1318 मामले दर्ज किए गए, इसके बाद झारखंड में 265 मामले दर्ज किए गए। राजस्थान में ध्वनि प्रदूषण अधिनियम के तहत 99 प्रतिशत मामले (7217 मामलों में से 7163) दर्ज किए गए, इसके बाद तमिलनाडु में 24 मामले दर्ज किए गए।
रिपोर्ट के मुताबिक कुल मिलाकर, 2021 में 2020 की तुलना में दर्ज कुछ अपराधों की संख्या में 7.6 प्रतिशत की गिरावट देखी गई। प्रति लाख जनसंख्या पर अपराध दर 2020 में 487.8 से घटकर 2021 में 445.9 हो गई। हालांकि, अपराध के आंकड़े हमेशा पूरी कहानी नहीं बताते हैं और किसी क्षेत्र में कम दर्ज किए गए अपराध का मतलब यह नहीं है कि यह सुरक्षित है।
यहां बताते चलें की राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की स्थापना जनवरी 1986 में अपराध पर आंकड़ों के संकलन और रिकॉर्ड रखने के लिए एक निकाय की स्थापना के उद्देश्य से की गई थी। यह केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधीन कार्य करता है। वार्षिक रिपोर्ट प्रकाशित करने के अलावा, इसके कार्यों में संबंधित राज्यों में अंतर-राज्यीय और अंतर्राष्ट्रीय अपराधियों पर सूचना का संग्रह, समन्वय और आदान-प्रदान करना शामिल है।