15 जून, 2023 को गुजरात के कच्छ क्षेत्र में संपत्ति को भारी नुकसान पहुंचाने के बाद चक्रवाती तूफान 'बिपरजॉय' राजस्थान की ओर आगे बढ़ गया है। मीडिया में छपी खबरों के मुताबिक सौराष्ट्र क्षेत्र के भावनगर में एक पिता-पुत्र की बाढ़ के पानी से भरे खड्ड में गिरने से मौत हो गई थी।
यह पिता-पुत्र अपने मवेशियों को बचाते समय इस खड्ड में गिर गए थे। राहत की बात यह रही कि इस तूफान से किसी और के हताहत होने की सूचना नहीं मिली है। जलवायु विशेषज्ञों के अनुसार, 'बिपरजॉय' 15 जून, 2023 को शाम करीब 6.30 बजे टकराया था। यह चक्रवात मानसून से पहले और बाद में अरब सागर में सबसे लंबे समय तक रहने वाला चक्रवात बन गया है।
कच्छ के राहत आयुक्त आलोक कुमार पांडेय के मुताबिक, चक्रवात का केंद्र भारत के कच्छ से पाकिस्तान की ओर चला गया है। यह जानकारी उन्होंने 16 जून को रिपोर्टर के साथ साझा की है। हवा की अधिकतम रफ्तार 108 किलोमीटर प्रति घंटा दर्ज की गई जबकि वो औसतन 70 किलोमीटर प्रति घंटा रही। वहीं द्वारका में यह 60 किलोमीटर प्रति घंटा दर्ज की गई।
पांडेय ने बताया कि, "20 गांवों में 940 से अधिक बिजली के खम्बे गिर गए हैं। वहां करीब 22 लोगों को चोटें आई हैं, जबकि 23 मवेशियों के भी मारे जाने की सूचना है। इतना ही नहीं तेज हवाओं के चलते 524 पेड़ उखड गए हैं।“
उनका कहना है कि उत्तरी गुजरात के पाटन और बनासकांठा जिलों में भारी बारिश की आशंका थी क्योंकि चक्रवात कच्छ से होता हुआ वहां पहुंचा है, जहां से यह दक्षिणी राजस्थान की ओर आगे बढ़ जाएगा।
उनके मुताबिक, “लोगों को निचले इलाकों से निकाला गया है। प्रशासन 16 जून की शाम से चक्रवात के कारण हुए नुकसान का आंकलन शुरू करेगा।" उन्होंने यह भी बताया कि सभी टीमें राहत-बचाव कार्य में लग गई हैं।
तूफान ने मांडवी, पिंगलेश्वर और जखाऊ में तबाही मचाई है। साथ ही इसकी वजह से दूध की आपूर्ति में भी व्यवधान पड़ा है। चक्रवात के दौरान पूरी रात बारिश होती रही जो 16 जून की सुबह भी जारी रही। वहां बारिश के साथ-साथ तेज हवाएं भी चल रही है। साथ ही बिजली की आपूर्ति सुबह तीन बजे से पूरी तरह ठप है।
अनुमान है कि तूफान की वजह से फल और सब्जियों की आपूर्ति कुछ दिनों के लिए प्रभावित हो सकती हैं। सूत्रों से पता चला है कि गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल 16 जून 2023 को कच्छ का दौरा कर सकते हैं।