'बिपरजॉय' के चलते कच्छ-सौराष्ट्र के तटवर्ती क्षेत्रों के निचले इलाकों में भरा पानी

अगले 24 घंटों में सौराष्ट्र, कच्छ और उत्तर-पश्चिमी गुजरात के कई इलाकों में अचानक बाढ़ आ सकती है
Food packets carrying the photo of cricketer Ravindra Jadeja's wife, Rivaba. Photo: Himanshu Bhayani
Food packets carrying the photo of cricketer Ravindra Jadeja's wife, Rivaba. Photo: Himanshu Bhayani
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अत्यंत प्रचंड चक्रवाती तूफान 'बिपरजॉय' जो 15 जून 2023 की शाम करीब 6.30 बजे कच्छ के तट से टकराया था। उसके चलते निचले इलाकों में बाढ़ आ गई है। वहीं अन्य क्षेत्रों में भी इस विनाशकारी तूफान ने अपने निशान छोड़े हैं। बता दें कि सौराष्ट्र और कच्छ की तटरेखा के साथ-साथ मौजूद मछुआरों की बस्तियां भारी बारिश और तूफानी लहरों के साथ चक्रवाती हवाओं के चलने से या तो नष्ट हो गई हैं या उनमें पानी भर गया है।

गौरतलब है कि देवभूमि द्वारका, जामनगर और कच्छ में युद्धस्तर पर काम जारी है और लोगों के लिए अतिरिक्त अस्थाई आश्रय बनाए गए हैं। वहीं कई गैर-लाभकारी संस्थाओं ने आश्रय में रहने वाले लोगों के लिए भोजन, बुनियादी दवाओं और बिस्तर जैसी सहायता जुटाई है।

इस मामले में भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने 16 जून को दोपहर 12 बजकर 55 मिनट पर जारी फ्लैश फ्लड वार्निंग बुलेटिन में कहा है कि, "पिछले छह घंटों के दौरान सौराष्ट्र और कच्छ के आसपास के क्षेत्रों में बाढ़ के आने का मध्यम से उच्च खतरा देखा गया है।"

बुलेटिन के अनुसार जिन जिलों में यह खतरा देखा गया है उनमें कच्छ, देवभूमि द्वारका, जामनगर, जूनागढ़ और मोरवी शामिल हैं। कहा गया है कि 16 जून 2023 को शाम 5.30 बजे तक सौराष्ट्र और कच्छ के क्षेत्रों में 'लगातार अचानक बाढ़ आने का खतरा' बना रहेगा।"

इसी तरह आईएमडी के मुताबिक  असम और मेघालय के चिरांग, बारपेटा, कोकराझार, धुबरी, बोंगईगांव, नलबाड़ी, कामरूप रूरल, ईस्ट गारो हिल्स, ईस्ट जयंतिया हिल्स और वेस्ट खासी हिल्स पर भी बाढ़ का खतरा बना रहेगा।

आईएमडी ने बताया कि अगले 24 घंटों के दौरान सौराष्ट्र और कच्छ के साथ-साथ उत्तर-पश्चिम गुजरात में अचानक से बाढ़ आने का मध्यम जोखिम है। साथ ही यह बात भी कही गई है कि लगातार होती बारिश की वजह से सतही बहाव हो सकता है।

गुजरात में भारी तबाही मचाने के बाद तूफान बिपरजॉय अब राजस्थान का रुख कर चुका है। कच्छ और उत्तरी गुजरात पर कहर ढाने के बाद, चक्रवात के अब राजस्थान में मारवाड़ क्षेत्र की ओर बढ़ने का अंदेशा है। अनुमान है कि इसकी वजह से जोधपुर, बाड़मेर और जालोर में भारी बारिश हो सकती है। अंदेशा है कि कम दबाव का क्षेत्र बनने के चलते जयपुर, बाड़मेर, जोधपुर, नागौर, जालौर, पाली, जैसलमेर, अजमेर सबसे ज्यादा प्रभावित हो सकते हैं।

राजस्थान में बिपरजाॅय की दस्तक से पहले ही भारी बारिश देखने को मिल रही है और इस बीच मौसम विभाग ने खुलासा किया है कि अजमेर जिला रेड अलर्ट से बाहर हो गया है। उधर, बाड़मेर, पाली, जालोर और जोधपुर के लिए ताजा रिपोर्ट के अनुसार रेड अलर्ट बना हुआ है। बिपरजाॅय मारवाड़ में बाड़मेर और जालोर के रास्ते किसी भी समय प्रवेश कर सकता है। हालांकि, अब बिपरजॉय की तीव्रता काफी कम हुई बताई जा रही है। लेकिन, प​श्चिमी राजस्थान में भारी बारिश की चेतावनी है। बिपरजाॅय का असर 18 व 19 जून को भी रहेगा, लेकिन इसकी तीव्रता कम हो जाएगी। 

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