चक्रवात यास के चलते ओडिशा के सभी तटीय जिले हाई अलर्ट पर

मछुआरों को सलाह दी गई है कि वे 23 से 26 मई तक मध्य बंगाल की खाड़ी में, बंगाल की उत्तरी खाड़ी में और पश्चिम बंगाल-ओडिशा-बांग्लादेश तटों पर न जाएं।
Photo : Wikimedia Commons
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भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार, अगले 48 घंटों के दौरान दक्षिण-पश्चिम मॉनसून के दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी के कुछ और हिस्सों, दक्षिण-पूर्वी बंगाल की खाड़ी के अधिकांश हिस्सों, पूरे अंडमान सागर और अंडमान द्वीप समूह और बंगाल की पूर्व-मध्य खाड़ी के कुछ हिस्सों में आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियां अनुकूल बन रही हैं।

चक्रवाती परिसंचरण दक्षिण पूर्व और उससे सटे मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर समुद्र तल से औसतन 3.1 किमी और औसतन 5.8 किमी के बीच स्थित है। इसके प्रभाव के चलते, 22 मई के आसपास पूर्व-मध्य बंगाल की खाड़ी और उससे सटे उत्तरी अंडमान सागर के ऊपर एक कम दबाव का क्षेत्र बनने की आशंका है। 

इसके 24 मई 2021 तक एक चक्रवाती तूफान "यास" में बदलने की बहुत अधिक आशंका है। तूफान के उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने और 26 मई की सुबह के आसपास ओडिशा-पश्चिम बंगाल तट तक पहुंचने की संभावना है।

बंगाल की खाड़ी में आए चक्रवाती तूफान "यास" को देखते हुए ओडिशा सरकार ने राज्य के सभी तटीय और आसपास के जिलों में चेतावनी (हाई अलर्ट) जारी कर दिया है। ओडिशा के मुख्य सचिव सुरेश चंद्र महापात्र ने शुक्रवार को वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक बैठक के बाद कहा कि राज्य प्रशासन चक्रवात "यास" के प्रभाव से निपटने के लिए तैयार है।

सरकार की ओर से जानकारी देते हुए कहा गया है कि भारतीय तटरक्षक बल के दो हवाई जहाज और पानी के जहाज समुद्र में गश्त कर रहे हैं ताकि राज्य में चक्रवात आने से पहले मछली पकड़ने वाली नौकाओं और जहाजों को तट पर लाने में मदद की जा सके। 

बिजली कंपनियों, स्वास्थ्य विभागों, ग्रामीण और शहरी जल आपूर्ति विभागों, ओडिशा आपदा प्रतिक्रिया बल और एनडीआरएफ टीमों को, सामग्री के साथ तैयार रहने के लिए अलर्ट पर रखा गया है।

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार, तूफान "यास" के 26 मई की सुबह तक ओडिशा-पश्चिम बंगाल तट को पार करने का  पूर्वानुमान हैं, इसके मद्देनजर राज्य के जिलों को हाई अलर्ट पर रखने के अलावा, राज्य सरकार ने भारतीय नौसेना और भारतीय तटरक्षक बल से उभरती स्थिति के लिए तैयार रहने का आग्रह किया है।

मछुआरों को चेतावनी

मौसम विभाग की तरफ से मछुआरों को सलाह दी गई है कि वे 22 मई से दक्षिण पूर्व बंगाल की खाड़ी और दक्षिण अंडमान सागर में, 23 से 26 मई तक मध्य बंगाल की खाड़ी में और बंगाल की उत्तरी खाड़ी में और पश्चिम बंगाल-ओडिशा-बांग्लादेश तटों पर न जाएं। जो लोग समुद्र में गए है उन्हें 23 मई तक तट पर लौटने की सलाह दी गई है।

तूफानी हवाओं के चलने की चेतावनी

23 मई को दक्षिण-पश्चिम अरब सागर में 40-50 किमी प्रति घंटे की दर से चलने वाली हवाओं के 60 किमी प्रति घंटे की रफ्तार तक पहुंचने की आशंका है। दक्षिण-पश्चिम और उससे सटे पश्चिम मध्य बंगाल की खाड़ी में और तमिलनाडु-आंध्र प्रदेश-दक्षिण ओडिशा तट पर हवाओं के 45-55 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने का अनुमान है। पूर्व मध्य बंगाल की खाड़ी और उससे सटे अंडमान सागर में 55-65 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली हवा के 75 किमी प्रति घंटे की गति तक पहुंचने के आसार हैं। मौसम विभाग ने मछुआरों को सलाह दी है कि इन इलाकों में मछली पकड़ने तथा किसी तरह के व्यापार से संबंधित काम के लिए जाने से बचें।

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