
24 जनवरी, 2025 को नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने उत्तरकाशी में यमुना नदी के किनारे अवैध खनन के मुद्दे पर संबंधित अधिकारियों और खनन कंपनी को जवाब देने का निर्देश दिया है। मामला उत्तराखंड के उत्तरकाशी का है।
इस मामले में एनजीटी ने उत्तराखंड के पर्यावरण सचिव, खनन एवं भूविज्ञान निदेशक, उत्तरकाशी के जिला मजिस्ट्रेट, उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, मेसर्स अस्तित्व अनंतराज एंटरप्राइजेज और वर्षा देवी से जवाब तलब किया है। न्यायालय ने यह भी आदेश दिया है कि आदेश की एक प्रति आवश्यक कार्रवाई के लिए उत्तरकाशी के जिला मजिस्ट्रेट को भी भेजी जाए।
यह मामला यमुना नदी के तट पर हो रहे अवैध खनन के साथ उत्तरकाशी में पर्यावरण नियमों को ताक पर रख चल रहे एक स्टोन क्रशर (मेसर्स अस्तित्व अनंतराज एंटरप्राइजेज) से जुड़ा है।
26 नवंबर, 2024 को एनजीटी ने एक संयुक्त समिति से इस साइट का दौरा करने, जानकारी एकत्र करने और एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश दिया था। इस समिति ने 30 दिसंबर, 2024 को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत कर दी थी।
क्या है पूरा मामला
24 जनवरी, 2025 को ट्रिब्यूनल ने रिपोर्ट की समीक्षा की और कहा कि संयुक्त समिति ने क्षेत्र में पिछले अवैध खनन की जांच नहीं की थी या यह नहीं देखा था कि मेसर्स अस्तित्व अनंतराज एंटरप्राइजेज ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) और उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूकेपीसीबी) के नियमों और दिशानिर्देशों का पालन किया था या नहीं।
संयुक्त समिति यह भी जांचने में विफल रही कि क्या स्थान संबंधी मानदंड लागू किए गए थे और क्या परियोजना में उनका पालन किया गया था।
संयुक्त समिति ने अपनी रिपोर्ट में उल्लेख किया है कि छह अगस्त, 2022 को अस्तित्व अनंतराज एंटरप्राइजेज पर 1,06,42,748 रुपए का जुर्माना लगाया गया था।
हालांकि बाद में 18 मई, 2023 को इस जुर्माने को माफ कर दिया गया, जब कंपनी ने दावा किया कि उसे वर्षा देवी से कच्चा माल प्राप्त हुआ था, जिनके पास उत्तरकाशी के जिला मजिस्ट्रेट से नदी में ड्रेजिंग के लिए परमिट था। इस तरह की छूट की वैधता पर भी गौर किया जाना है।
ऐसे में अदालत ने संयुक्त समिति को अवैध खनन की जांच करने, वर्षा देवी के नदी ड्रेजिंग परमिट के दस्तावेज जुटाने, अस्तित्व अनंतराज एंटरप्राइजेज को आपूर्ति की गई मात्रा की जांच करने और उस दौरान इस्तेमाल किए गए कुल कच्चे माल की भी जांच करने का निर्देश दिया है।
समिति से एक महीने के भीतर इन सभी बिंदुओं को शामिल करते हुए एक नई रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा गया है।